उत्तर प्रदेश में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता बीते 22 नवंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी में एक मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे. घटना के बाद उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और विधायक डॉ. जीएस धर्मेश उनके घर वित्तीय सहायता राशि का चेक देने पहुंचे थे. ये नेतागण शहीद की शोकाकुल मां को चेक थमाते हुए फोटो खिंचाने शुरू कर दिए.
कश्मीर में बिजली उत्पादन 1800 मेगावॉट की मांग के मुक़ाबले 50-100 मेगावॉट के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है. ये स्थिति ऐसे समय है, जब घाटी में तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है. जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने कहा कि अगर निर्वाचित सरकार होती तो ऐसा संकट नहीं होता, ज़िम्मेदारी तय हो जाती. वहीं, पीडीपी ने इसे लेकर प्रदर्शन किया है.
बर्ख़ास्त किए गए कर्मचारियों में एसएमएचएस अस्पताल श्रीनगर में सहायक प्रोफेसर (मेडिसिन) और डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर के अध्यक्ष डॉ. निसार-उल-हसन भी शामिल हैं. कथित तौर पर ‘राज्य की सुरक्षा के लिए ख़तरा’ होने के कारण अप्रैल 2021 से अब तक लगभग 55 कर्मचारियों को जम्मू कश्मीर सरकार बर्ख़ास्त कर चुकी है.
जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन ने कहा है कि हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो लोगों को भड़काने के लिए भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पीछे छिपते हैं. उनकी यह टिप्पणी जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा पत्रकार फहद शाह को ज़मानत दिए जाने के अगले दिन आई है.
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीरी पत्रकार सज्जाद गुल के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों संबंधी सुनवाई में कहा कि सूबे के प्रशासन ने कार्यवाही को मंज़ूरी देते समय अपना दिमाग़ नहीं लगाया और ऐसा कुछ पेश नहीं किया जो साबित करता हो कि गुल राष्ट्रहित के ख़िलाफ़ काम कर रहे थे.
मस्जिद की देखभाल करने वाली संस्था अंजुमन औक़ाफ़ ने एक बयान के कहा कि शुक्रवार की सामूहिक नमाज़ की अनुमति नहीं देने के अलावा मस्जिद के मुख्य मौलवी को लगातार नज़रबंद रखने का प्रशासन का फैसला परेशान करने वाला है. यह स्थिति प्रशासन द्वारा यहां के लिए किए गए सामान्य स्थिति के दावों को ख़ारिज करता है.
कश्मीरी पत्रकार और समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फहद शाह को पहली बार पिछले साल 4 फरवरी को सोशल मीडिया पर ‘आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन’ करने और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले में एक मुठभेड़ की कथित ‘ग़लत रिपोर्टिंग’ करके ‘देश के ख़िलाफ़ असंतोष’ पैदा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
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एजीएमयूटी कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी आरआर स्वैन, डीजीपी दिलबाग सिंह का स्थान लेंगे, जो 31 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. स्वैन ने आतंकवाद समर्थकों, उनके ओवर-ग्राउंड कार्यकर्ताओं के साथ ही उनके फंडिंग के चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करके आतंकी तंत्र को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
पुणे के महाराष्ट्र इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने कश्मीरी पत्रकार सफ़ीना नबी को रिपोर्टिग से जुड़े पुरस्कार के लिए चुना था. हालांकि पुरस्कार समारोह से ठीक पहले अवॉर्ड रद्द कर दिया गया. मुंबई प्रेस क्लब के अध्यक्ष ने कहा है कि ऐसा करना घृणास्पद है और इसकी कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए.
कश्मीरी पत्रकार सफ़ीना नबी को पुणे की महाराष्ट्र इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी ने उनकी एक रिपोर्ट के लिए पुरस्कार के लिए चुना गया था. हालांकि पुरस्कार समारोह की पूर्व संध्या पर उन्हें फोन से सूचित किया गया कि राजनीतिक दबाव के चलते उनका पुरस्कार रद्द कर दिया गया है.
एलजी मनोज सिन्हा को लिखे पत्र में द वायर के संस्थापक संपादक ने कहा है कि प्रधानमंत्री- जन आरोग्य योजना पर ख़बर के लिए संस्थान के संवाददाता जहांगीर अली के ख़िलाफ़ उनके 'निराधार आरोप' के उक्त पत्रकार के साथ मीडिया के लिए भी ख़तरनाक परिणाम हो सकते हैं.
जम्मू कश्मीर में एक आईएएस ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के कार्यान्वयन में अनियमितताओं के आरोप लगाए थे और सीबीआई को पत्र लिखा था. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के नेतृत्व वाले प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अकाट्य तथ्यों और आंकड़ों की गहन जांच अधिकारी के पत्र में किए गए आधारहीन दावों को झुठलाती है.
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जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाने की चर्चा के बीच उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगर सर्वे किया जाता है तो 80 फीसदी लोग वोट देंगे कि वर्तमान प्रणाली (केंद्रीय शासन) जारी रहनी चाहिए और किसी अन्य प्रणाली की ज़रूरत नहीं है. विपक्षी दलों ने उनके इस दावे को ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना’ बताते हुए भारत के ‘लोकतांत्रिक प्रकृति के लिए चुनौती’ क़रार दिया है.