सीबीआई ने हाईकोर्ट को बताया कि उसे इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि गायब होने से एक दिन पहले नजीब अहमद को प्रताड़ित किया गया था.
लेफ्ट यूनिटी से एन. साई बालाजी, सारिका चौधरी, एजाज अहमद और अमुथा ने जीत हासिल की. इस साल के चुनाव में 67.8 प्रतिशत छात्रों ने मतदान किया था जो कि पिछले साल के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.
एबीवीपी का आरोप है कि उनके मतगणना एजेंट को साइंस स्कूलों में मतगणना शुरू होने की जानकारी नहीं दी गई.
दरवेश शाहपुर और नवीन दलाल नाम के दो युवकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर जेएनयू के छात्रनेता पर हमले की ज़िम्मेदारी ली थी. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.
बीते 13 अगस्त को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब आॅफ इंडिया के बाहर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नेता उमर ख़ालिद पर एक अज्ञात व्यक्ति ने गोली चला दी थी.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र उमर ख़ालिद पर नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के बाहर एक अज्ञात व्यक्ति ने गोली चलाई. उमर ख़ालिद सुरक्षित हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने जेएनयू प्रशासन से कहा कि जब अनिवार्य अटेंडेंस का मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो फिर छात्रों से हलफ़नामा लेने की क्या ज़रूरत थी.
जेएनयू छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है और उन्हें न्याय मिलेगा. ईश्वर उन लोगों को सजा देगा जिन्होंने नजीब को उसकी मां से छीन लिया.
सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि हमने मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाने का सोचा है. हम अब तक नजीब अहमद का पता नहीं लगा पाए हैं. लेकिन, अन्य पक्षों का आकलन करने का एक और प्रयास कर रहे हैं.
जेएनयू के पांच सदस्यीय पैनल ने नौ फरवरी 2016 की घटना के मामले में उमर खालिद के निष्कासन और कन्हैया कुमार पर लगाए गए 10,000 रुपये के जुर्माने को बरक़रार रखा है.
माकपा ने उच्च शिक्षण संस्थानों में भाजपा सरकार की दखलअंदाज़ी को शिक्षा प्रणाली के लिए ख़तरनाक बताया. जमीयत ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से दख़ल देने की मांग की.
संघ से जुड़ी साप्ताहिक पत्रिकाओं पांचजन्य और ऑर्गनाइजर के 70 साल पूरे होने के अवसर पर हुए एक समारोह में संघ के वरिष्ठ नेता मनमोहन वैद्य ने कहा ये पत्रिकाएं आरएसएस का मुखपत्र नहीं बल्कि राष्ट्रवादी प्रकाशन हैं.
गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू के छात्रनेता उमर ख़ालिद ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में भड़काऊ भाषण देने के आरोपों को नकारा.
महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा को लेकर जिग्नेश मेवाणी और उमर ख़ालिद के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज.
पुण्यतिथि विशेष: विद्रोही अभी ज़िंदा हैं. सारे बड़े-बड़े लोग पहले मर लेंगे, सारे तानाशाह और ज़ुल्मी मर जाएंगे, उसके बाद विद्रोही मरेंगे आराम से, वसंत ऋतु में.