जब नौ साल की उम्र में कोरेगांव गए आंबेडकर को जातीय भेदभाव का सामना करना पड़ा

प्रासंगिक: अपनी किताब ‘वेटिंग फॉर अ वीज़ा’ में भीमराव आंबेडकर ने 1901 में कोरेगांव यात्रा के दौरान हुए छुआछूत के कटु अनुभव पर विस्तार से चर्चा की है.

गुजरात: 2016 दंगा मामले में कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और छह अन्य बरी

कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी और छह अन्य को सितंबर 2016 में अहमदाबाद नगर निगम के सफाई कर्मचारियों के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए हिरासत में लिया गया था. इसे लेकर उन पर पुलिस वाहन को नुकसान पहुंचाने, नारे लगाने और दंगा करने के आरोप लगाए गए थे.

गुजरात: भावनगर में केस वापस लेने से इनकार करने पर दलित महिला की हत्या

गुजरात के भावनगर में एक 45 वर्षीय दलित महिला पर चार लोगों ने कथित तौर पर हमला किया था, क्योंकि उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के तहत आरोपियों के ख़िलाफ़ दर्ज कराए गए तीन साल पुराने केस को वापस लेने के लिए अपने बेटे को समझाने से इनकार कर दिया था. पुलिस ने चारों के ख़िलाफ़ हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया है.

गुजरात: प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर नर्मदा का पानी रोकने और एक साथ छोड़ने से बाढ़ आने का आरोप

गुजरात के विपक्षी दलों का आरोप है कि बीते 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 73वें जन्मदिन पर उन्हें ‘खुश’ करने के लिए सरदार सरोवर बांध में नर्मदा नदी के पानी को दो दिन तक रोककर रखा गया था. इसके बाद क़रीब 18 लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़े जाने के कारण राज्य के पांच ज़िलों में बाढ़ आ गई.

गुजरात: मेहसाणा रैली केस में जिग्नेश मेवाणी बरी, कोर्ट ने कहा- मामला आधारहीन

वडगाम से कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी ने जुलाई 2017 में ऊना में गोरक्षकों द्वारा दलित युवकों की पिटाई के सालभर पूरे होने पर बिना अनुमति के मेहसाणा से बनासकांठा ज़िले के धनेरा तक 'आज़ादी कूच' नाम की रैली निकाली थी. इसे लेकर पिछले साल उन्हें तीन महीने की सज़ा सुनाई गई थी.

क्या प्रधानमंत्री का मज़ाक़ उड़ाना ईशनिंदा है?

क्या किसी मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और सरकार की आलोचना समाज की आलोचना है? क्या भाजपा को यह अहंकार हो गया है कि वही समाज है और जिसे उसने अपना भगवान मान लिया है, वह पूरे समाज का ईश्वर है? उसकी आलोचना, उस पर मज़ाक़ ईशनिंदा है?

गुजरात चुनाव: कांग्रेस के जिग्नेश मेवाणी ने वडगाम सीट पर दोबारा जीत हासिल की

2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में जिग्नेश मेवाणी ने निर्दलीय विधायक के रूप में वडगाम सीट पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने इस सीट से कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर उन्हें अपना समर्थन दिया था. 

गुजरात: 2016 के विरोध प्रदर्शन मामले में कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को छह महीने की सज़ा सुनाई

गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी को 2016 के एक विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले में सड़क अवरुद्ध करने को लेकर यह सज़ा सुनाई गई है. इससे पहले मई महीने में गुजरात की एक अदालत ने साल 2017 में बगैर अनुमति के ‘आज़ादी रैली’ निकालने के लिए मेवाणी को तीन महीने क़ैद की सज़ा सुनाई थी.

मेरी गिरफ़्तारी 56 इंच की कायरता: जिग्नेश मेवाणी

वीडियो: गुजरात के वडगाम से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े एक ट्वीट के संबंध में असम पुलिस ने बीते दिनों गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले में ज़मानत पर रिहा होने के बाद मेवाणी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है.

गुजरात: कोर्ट ने 2017 की आज़ादी रैली मामले में जिग्नेश मेवाणी को तीन महीने जेल की सज़ा सुनाई

गुजरात की एक अदालत ने साल 2017 में मेहसाणा से बनासकांठा ज़िले के धनेरा तक बगैर अनुमति के ‘आज़ादी रैली’ निकालने के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य लोगों को तीन महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है. मेवाणी को बीते हफ्ते असम पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में ज़मानत पर रिहा किया गया था.

मेरी गिरफ़्तारी पीएमओ द्वारा रची गई एक पूर्व नियोजित साज़िश थी: जिग्नेश मेवाणी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े एक ट्वीट के कारण असम पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद रिहा किए गए विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें ‘बदनाम करने’ की ‘पूर्व नियोजित साज़िश’ का हिस्सा थे. उन्होंने इसे ‘56 इंच का कायरतापूर्ण’ कृत्य क़रार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी के पीछे पीएमओ में बैठे कुछ गोडसे भक्त थे.

रिहा होने के बाद जिग्नेश मेवाणी ने कहा, मेरे ख़िलाफ़ एफ़आईआर क़ानून के शासन की घोर अवहेलना

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को कथित तौर पर प्रधानमंत्री से जुड़े एक ट्वीट के संबंध में असम पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले में ज़मानत पर रिहा होने के बाद मेवाणी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस फासीवादी हैं. जब ऐसी मान्यताओं वाले लोग सत्ता में आते हैं तो उनके सभी प्रयास लोकतंत्र को ख़त्म करने की ओर होते हैं. उन्होंने कहा कि इसी मानसिकता के कारण उन्हें एक फ़र्ज़ी मामले में फ़ंसाया गया.

जिग्नेश मेवाणी को ज़मानत, कोर्ट ने कहा- पुलिस ने हिरासत में रखने को गढ़ा छेड़छाड़ का झूठा मामला

गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ट्वीट से संबंधित मामले में ज़मानत मिलने के तुरंत बाद असम पुलिस की एक महिला कर्मचारी से कथित तौर पर छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था.

असम: कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को मारपीट से संबंधित मामले में पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ट्वीट से जुड़े मामले में ज़मानत मिलने के तुरंत बाद 25 अप्रैल को फिर से गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि जब वे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ गुवाहाटी से कोकराझार जा रहे थे तो उन्होंने महिला अधिकारी से मारपीट की.

ज़मानत मिलने के तुरंत बाद जिग्नेश मेवाणी को असम पुलिस ने एक अन्य मामले में गिरफ़्तार किया

गुजरात के वडगाम से विधायक जिग्नेश मेवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित आलोचना से संबंधित एक ट्वीट के मामले में ज़मानत मिलने के तुरंत बाद ही एक महिला पुलिसकर्मी के हवाले से गंभीर आरोप लगाते हुए असम पुलिस ने फ़िर गिरफ़्तार कर लिया है.

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