अमेरिकी आयोग ने ‘भारत द्वारा अल्पसंख्यकों को विदेशों में निशाना बनाने’ पर चिंता जताई

अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक बयान में कहा है कि विदेशों में कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को चुप कराने के भारत सरकार के हालिया प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर ख़तरा हैं. आयोग ने अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को विशेष चिंता वाले देश में डालने का अनुरोध किया है.

कनाडा के बाद अमेरिका के भारत पर खालिस्तानी नेता की हत्या के प्रयास के आरोप के क्या मायने हैं?

वीडियो: अमेरिकी फ़ेडरल अभियोजकों द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में ‘भारत के सरकारी कर्मचारी के तौर पर पहुंचे व्यक्ति द्वारा एक अमेरिकी नागरिक की हत्या’ के निर्देश देने के आरोपों के बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

अमेरिकी अभियोग में दावा- भारतीय अधिकारी ने खालिस्तानी कार्यकर्ता की हत्या की साज़िश रची थी

इस घटनाक्रम से से अमेरिका और कनाडा दोनों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है. कनाडा के बाद अमेरिका दूसरा देश बन गया, जिसने खालिस्तानी अलगाववादी (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की साज़िश में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की संभावना के बारे में ‘वरिष्ठतम स्तर’ पर भारत सरकार के साथ चिंता जताई है.

कांग्रेस सांसद ने पूछा- क्या भारतीय धरती पर अमेरिकी सैन्य ठिकानों को अनुमति दी जाएगी?

बीते 8 सिंतबर को भारत और अमेरिका ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि दोनों पक्षों ने अमेरिकी नौसेना संपत्तियों और अन्य विमानों और जहाजों के रखरखाव और मरम्मत के लिए एक केंद्र के रूप में भारत के उद्भव को आगे बढ़ाने की सिफ़ारिश की है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने केंद्र सरकार से इसे संसद में स्पष्ट करने को कहा है.

जी-20 सम्मेलन में आए अमेरिकी मीडिया ने कहा- वैन में क़ैद रहे, मोदी-बाइडेन वार्ता में जाने नहीं दिया

8 सितंबर को भारत पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन इसी दिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास पर मिले थे. अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ आए पत्रकारों को इस मुलाक़ात से दूर रखा गया था.  

भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी का भ्रम

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दावा करते हैं कि उनकी हुकूमत का केंद्रीय उसूल ‘लोकतंत्र की रक्षा’ है. यह बात सराहने लायक़ है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय वॉशिंगटन में जो कुछ हुआ वह ठीक इसका उल्टा था. अमेरिकी हुक्मरान जिस शख़्स के आगे बिछे हुए थे, उसने भारतीय लोकतंत्र को बहुत व्यवस्थित तरीक़े से कमज़ोर किया है.

ह्वाइट हाउस में नरेंद्र मोदी का सफ़ेद झूठ

एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत में मुसलमानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने को लेकर नरेंद्र मोदी का स्पष्ट इनकार उन पत्रकारों के लिए चौंकाने वाला है जो उनकी सरकार के समय में देश के मुस्लिमों के साथ रोज़ाना हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को दर्ज कर रहे हैं.

मोदी से सवाल पूछने वालीं अमेरिकी पत्रकार पर ऑनलाइन हमलों को ह्वाइट हाउस ने ‘अस्वीकार्य’ बताया

‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ अख़बार की संवाददाता सबरीना सिद्दीक़ी ने अमेरिकी दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल पूछा था, जिसके बाद भाजपा और हिंदुत्व समर्थकों ने उनके माता-पिता के पाकिस्तानी होने का दावा कर उन्हें ‘पाकिस्तान की बेटी’ बताया था.

अमेरिका में प्रधानमंत्री मोदी का भारत में भेदभाव न होने का दावा क्या वाकई में सच है?

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ वर्षों में पहली बार अमेरिका के दौरे पर प्रेस कॉन्फ्रेन्स में हिस्सा लिया, जहां उनसे भारत में मुस्लिमों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर सवाल पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने देश में कोई भेदभाव न होने की बात कही, लेकिन क्या यह सच है? 

मणिपुर हिंसा: जनजाति समूहों का ह्वाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन, पीएम मोदी से चुप्पी तोड़ने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते 22 जून को ह्वाइट हाउस पहुंचे थे. इस दौरान नॉर्थ अमेरिकन मणिपुर ट्राइबल एसोसिएशन के सदस्यों ने प्रदर्शन कर राज्य में चल रही जातीय हिंसा पर सरकार की कथित उदासीनता और उसके द्वारा मेईतेई समुदाय का कथित तौर पर समर्थन करने का मुद्दा उठाया.

अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी: जनतंत्र की मृत्यु का महाभोज

वीडियो: क्या नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का दौरा उतनी बड़ी उपलब्धि है, जितनी भारतीय मीडिया बता रहा है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.

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