सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट जजों के लिए संपत्ति की घोषणा करना अनिवार्य हो: संसदीय समिति

भाजपा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने संसद में पेश रिपोर्ट में सिफ़ारिश की है कि जिस तरह नेताओं और नौकरशाहों द्वारा उनकी संपत्ति की घोषणा की जाती है, उसी तरह सरकार उच्च न्यायपालिका के जजों के लिए उनकी संपत्ति की वार्षिक घोषणा अनिवार्य करने के लिए क़ानून बनाए.

बॉम्बे हाईकोर्ट के जज ने अदालत में इस्तीफ़ा दिया, कहा- आत्मसम्मान के ख़िलाफ़ काम नहीं कर सकता

बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित देव ने शुक्रवार को नागपुर कोर्ट रूम में अचानक इस्तीफ़ा देने की घोषणा की. वहां मौजूद एक वकील के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे अपने आत्मसम्मान विरुद्ध काम नहीं कर सकते.

न्यायपालिका के ख़िलाफ़ कथित अपमानजनक टिप्पणियों के लिए नरसिंहानंद को नोटिस जारी

सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अवमानना याचिका में कहा गया है कि कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने जनवरी 2022 में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि हमें सर्वोच्च न्यायालय और संविधान पर कोई भरोसा नहीं है. जो लोग भारत के सर्वोच्च न्यायालय में विश्वास करते हैं, वे कुत्ते की मौत मरेंगे.

जम्मू कश्मीर को अब केवल न्यायपालिका का ही सहारा है

महबूबा मुफ़्ती लिखती हैं, 'जम्मू कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों पर जिस देश से जुड़ने का फैसला किया, उसने हमें निराश कर दिया है. अब, केवल न्यायपालिका ही है जो हमारे साथ हुई ग़लतियों और नाइंसाफ़ी को सुधार सकती है.'

वकीलों की संस्था की मांग- राजनीतिक नियुक्ति स्वीकाने से पहले जजों के लिए कूलिंग पीरियड तय हो

बॉम्बे लॉयर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के जजों के लिए रिटायरमेंट के बाद कोई राजनीतिक पद स्वीकारने के लिए दो साल का 'कूलिंग पीरियड' तय करने की मांग की है. उनका कहना है कि ऐसा न होने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता के बारे में प्रतिकूल धारणा बन रही है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जज लंबित मामलों पर मीडिया में इंटरव्यू नहीं दे सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय पर आरोप लगाया था कि उन्होंने मीडिया को एक इं​टरव्यू देते हुए कहा था कि वे बनर्जी को नापसंद करते हैं. गौरतलब है कि जस्टिस गंगोपाध्याय उस मामले पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें बनर्जी आरोपी थे.

सुप्रीम कोर्ट पीठ ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के ख़िलाफ़ याचिका से ख़ुद को अलग किया

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति मनमाना और संस्थागत अखंडता और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. गोयल को 19 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.

असली देशद्रोही वे हैं जो सत्ता का दुरुपयोग कर भारतीयों को आपस में बांटते हैं: सोनिया गांधी

संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लेख में कहा कि सत्तारूढ़ दल संवैधानिक संस्थानों का दुरुपयोग कर रहा है, उन्हें नष्ट कर रहा है और स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय की इनकी नींव को कमज़ोर कर रहा है.

केंद्र सरकार पेगासस जैसा जासूसी स्पायवेयर ‘कॉग्नीटे’ ख़रीद रही है: कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि चूंकि पेगासस बदनाम हो गया है, इसलिए ‘मिनिमम गवर्नेंस-मैक्सिमम सर्विलांस’ वाली सरकार बाज़ार में एक नए स्पायवेयर की तलाश कर रही है. ‘कॉग्नीटे’ स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, मीडिया, कार्यकर्ताओं और एनजीओ की जासूसी करने के लिए किया जाएगा.

हाईकोर्ट ने अवमानना मामले में बिना शर्त माफ़ी मांगने के बाद विवेक अग्निहोत्री को बरी किया  

अक्टूबर 2018 में सिलसिलेवार तरीके से किए गए ट्वीट में फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने आरोप लगाया था कि दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एस. मुरलीधर ने भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी गौतम नवलखा को नज़रबंदी से मुक्त करने का फैसला किया था, क्योंकि वह उनकी पत्नी के दोस्त थे.

क़ानून मंत्रालय को जजों के ख़िलाफ़ नियुक्ति, सेवा शर्तों से जुड़ी शिकायतें मिलती रहती हैं: रिजिजू

बीते माह केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने टिप्पणी की थी कि कुछ रिटायर जज 'भारत-विरोधी गैंग' का हिस्सा हैं, इस संबंध में राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में रिजिजू ने कहा कि न्याय विभाग केवल सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा जजों की नियुक्ति और सेवा शर्तों को देखता है.

अडानी समूह के प्रति सरकार की कृपादृष्टि महज़ धारणा का मामला नहीं है

जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?

‘हमको शाहों की अदालत से तवक़्क़ो तो नहीं, आप कहते हैं तो ज़ंजीर हिला देते हैं’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा कि ‘जब कोर्ट कोई फैसला सुनाता है तो कोर्ट पर सवाल उठाया जाता है... (क्योंकि) कुछ दलों ने मिलकर भ्रष्टाचारी बचाओ अभियान छेड़ा हुआ है.’ हालांकि, यह कहते हुए वे भूल गए कि लोकतंत्र की कोई भी अवधारणा ‘कोर्ट पर सवालों’ की मनाही नहीं करती.

‘राहुल-मुक्त’ संसद और विपक्ष-मुक्त भारत देश के आम लोगों के लिए घातक हैं

विपक्ष के बिना लोकतंत्र की नदी सूख जाएगी. हर सरकार ग़लती करती है और ग़लतियां होने, उन्हें सुधारने में कोई शर्म नहीं है. पर जिन देशों में एक ही दल और उसके सुप्रीम नेता को ही लोकप्रियता और जनसमर्थन प्राप्त हो और विपक्ष कमज़ोर या ग़ायब हो, वहां इस सरकार और नेता की कोई ग़लती आपदा का रूप ले लेती है.