सीजेआई एनवी रमना ने सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए जस्टिस आर. सुभाष रेड्डी के विदाई कार्यक्रम में कहा कि रिटायरमेंट आज़ादी वापस पाने की तरह है, ख़ासतौर पर एक जज के लिए, क्योंकि वे तब सभी पाबंदियों से मुक्त होते हैं जो पद पर रहने के दौरान होती हैं.
मुंबई प्रेस क्लब द्वारा डिजिटल माध्यम से आयोजित ‘रेड इंक अवॉर्ड्स’ समारोह में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने ख़बरों में वैचारिक पूर्वाग्रह मिलाने की प्रवृत्ति को लेकर कहा कि तथ्यात्मक रिपोर्ट्स में रायशुमारी से बचना चाहिए. पत्रकार, जजों की तरह ही होते हैं. उन्हें अपनी विचारधारा और आस्था से परे बिना किसी से प्रभावित हुए केवल तथ्यों को बताना चाहिए और सच्ची तस्वीर पेश करनी चाहिए.
सीजेआई के तौर पर जस्टिस रंजन गोगोई के कार्यकाल में तीन गुनाह हुए थे. रिटायर होने के बाद उन्होंने इसमें एक चौथा भी जोड़ दिया. पिछले दिनों आई उनकी किताब का मक़सद इन सभी का बचाव करना है, लेकिन हर मामले में यह ख़राब ही साबित हुआ है.
सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि बढ़ते मामलों की वजह केवल न्यायाधीशों की कमी नहीं है बल्कि इससे निपटने के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी ज़रूरत है. ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराए बिना यह आशा करना कि जज और वकील कोर्ट की जर्जर इमारत में बैठक कर न्याय देंगे, उचित नहीं है.
विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अरुण मिश्रा ने न्याय मिलने में देरी पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसकी वजह से लोग क़ानून अपने हाथ में लेते हैं.
पूर्व सीजेआई और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने अपनी आत्मकथा 'जस्टिस फॉर द जज' के विमोचन में कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट की कर्मचारी द्वारा उन पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की सुनवाई में जज नहीं होना चाहिए था. गोगोई ने कहा, 'हम सभी ग़लतियां करते हैं. इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है.'
केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा राज्यसभा में दी गई जानकारी के अनुसार, सरकार के पास लंबित 126 प्रस्तावों में से सर्वोच्च अदालत के कॉलेजियम ने 35 नामों को स्वीकार करने के लिए भेजा है, जो कि न्याय विभाग के लंबित हैं. वहीं अन्य 75 सिफारिशें भी इसी विभाग के पास लंबित हैं. इसी तरह 13 प्रस्ताव कानून एवं न्याय मंत्रालय और तीन प्रस्ताव प्रधानमंत्री कार्यालय में विचाराधीन हैं.
संविधान दिवस समारोह के समापन कार्यक्रम में प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि अदालतों में मामले लंबित होने का मुद्दा बहुआयामी है. विधायिका अपने द्वारा पारित क़ानूनों के प्रभाव का अध्ययन नहीं करती और इससे कभी-कभी बड़े मुद्दे उपजते हैं. ऐसे में पहले से मुक़दमों का बोझ झेल रहे मजिस्ट्रेट हज़ारों केस के बोझ से दब गए हैं.
तमिल, तेलुगु सहित कई भाषाओं में आई फिल्म 'जय भीम' पर तमिलनाडु में विवाद खड़ा हो गया है. वन्नियार समुदाय का आरोप है कि फिल्म में उन्हें ग़लत तरीके से दिखाया गया है. निर्देशक टीजे ज्ञानवेल ने कहा कि विवाद की पूरी ज़िम्मेदारी उनकी है और इसके लिए अभिनेता सूर्या को निशाना बनाना अनुचित है.
प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हम एक कल्याणकारी राज्य का हिस्सा हैं, उसके बावजूद लाभ इच्छित स्तर पर लाभान्वितों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. सम्मानजनक जीवन जीने की लोगों की आकांक्षाओं को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इनमें से ग़रीबी एक मुख्य चुनौती है.
टीजे ज्ञानवेल की जय भीम उम्मीद और नाउम्मीदी की फ़िल्म है. उम्मीद इसलिए कि यह दिखाती है कि इंसाफ़ के लिए लड़ा जा सकता है, जीता भी जा सकता है. नाउम्मीदी इसकी कि शायद हमारे इस वक़्त में यह सब कुछ एक सपना बनकर रह गया है.
वीडियो: क्या आप जानते हैं कि अनुच्छेद 23 के अनुसार किसी व्यक्ति को काम करने के लिए बाध्य करना या न्यूनतम आय का भुगतान नहीं करना या मानव की तस्करी करना असंवैधानिक है. सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों की मदद से अधिवक्ता अवनि बंसल मानव तस्करी और जबरन श्रम पर संविधान क्या कहता है, इसकी जानकारी दे रही हैं.
वीडियो: क्या आप जानते हैं कि जब पुलिस आपको गिरफ़्तार करती है तो उसे 24 घंटे के भीतर आपको निकटतम मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होता है? क्या आपको अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने का अधिकार है और क्या यह संवैधानिक अधिकार है? वकील अवनि बंसल निवारक हिरासत (Preventive Arrest) और गिरफ़्तारी को लेकर संविधान के अनुच्छेद 22 के बारे में जानकारी दे रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में हाल में नियुक्त किए गए जस्टिस अभय एस. ओका ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि क़ानूनी पेशे के सदस्यों को न्यायपालिका में देश के नागरिकों का भरोसा बहाल करने की दिशा में काम करना चाहिए. देश में इस समय न्यायाधीशों और जनसंख्या का अनुपात प्रति 10 लाख लोगों के लिए 17 या 18 न्यायाधीश हैं. न्यायाधीशों की कमी की समस्या से निपटा जाना चाहिए और इस अनुपात में सुधार किया जाना चाहिए.
भगवान राम और कृष्ण के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी एक को ज़मानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वह भारत की आत्मा हैं. बीते सितंबर महीने में एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यादव ने कहा था कि संसद को गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने वाला क़ानून बनाना चाहिए और गायों को मौलिक अधिकारों के दायरे