1984 दंगा: बढ़ सकती हैं कमलनाथ की मुश्किलें, एसआईटी ने फिर खोले सात मामले

गृह मंत्रालय द्वारा गठित विशेष जांच दल के 1984 दंगों से जुड़े सात मामलों को फिर से खोलने के निर्णय के बाद दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि कमलनाथ ने इन सात मामलों में से एक के पांच आरोपियों को कथित तौर पर शरण दी थी.

मध्य प्रदेश: क्या कांग्रेस के लिए उसका ‘वचन-पत्र’ अब गले की हड्डी बन गया है?

एक ओर कमलनाथ सरकार विधानसभा चुनावों से पहले जारी किए अपने ‘वचन-पत्र’ को ही सरकार चलाने का रोडमैप और वचनों के पूरे होने के दावे कर रही है, तो दूसरी ओर उन वचनों से सरोकार रखने वाले वर्ग अब सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोलने लगे हैं.

कर्नाटक की सियासी उठापटक के बाद क्या अगला नंबर मध्य प्रदेश का है?

मध्य प्रदेश में जिस दिन से कांग्रेस की सरकार बनी, उस दिन से भाजपा इसे अल्पमत में बता रही है. कर्नाटक के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने फिर कहा कि पार्टी हाईकमान का आदेश हो तो एक दिन में सरकार गिर जाएगी, लेकिन इसके बाद एक विधेयक को लेकर भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के खेमे में खड़े नज़र आने से स्थितियां बदलती दिख रही हैं.

मध्य प्रदेश: विधेयक पर मतदान के दौरान दो भाजपा विधायकों ने किया कमलनाथ सरकार का समर्थन

मध्य प्रदेश विधानसभा में दंड विधि (मध्य प्रदेश संशोधन) विधेयक पर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने वाले भाजपा के दोनों विधायक पूर्व में कांग्रेसी नेता रहे हैं और पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे. भाजपा के इन दोनों विधायकों ने कहा कि यह उनकी ‘घर वापसी’ है.

मध्य प्रदेश: भाजपा का दावा कांग्रेस सरकार अल्पमत में, विशेष सत्र ​बुलाने की मांग

भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार का शक्ति परीक्षण कराने की मांग की है. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वह उनकी सरकार शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है.

व्यापमं पर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस ने घोटाले के एक संदिग्ध को उम्मीदवार क्यों बनाया?

एक ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चुनावी रैली में व्यापमं घोटाले की जांच कराने की बात करते हैं, तो दूसरी ओर पार्टी ने इंदौर लोकसभा सीट से उन पंकज संघवी को प्रत्याशी बनाया है जिन पर घोटाले में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं.

मध्य प्रदेश: क्या कांग्रेस मालवांचल में विधानसभा चुनाव में मिली सफलता दोहरा पाएगी?

मध्य प्रदेश के मालवांचल की आठ सीटों- देवास, धार, खंडवा, खरगोन, इंदौर, मंदसौर, रतलाम और उज्जैन पर 19 मई को मतदान है. 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने ये सभी सीटें जीतकर इतिहास रचा था, लेकिन विधानसभा चुनावों में पार्टी को इस क्षेत्र से ज़ोरदार झटका लगा था.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे की संपत्ति छह अरब रुपये से अधिक

कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से नामांकन दाख़िल किया. इनकी संपत्ति कमलनाथ और उनकी पत्नी अलका नाथ की संपत्ति से पांच गुना अधिक है.

मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार ने कम्प्यूटर बाबा को नदी न्यास का अध्यक्ष बनाया

कम्प्यूटर बाबा समेत पांच संतों को राज्य मंत्री का दर्जा दिए जाने के मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज चौहान सरकार के फैसले की कांग्रेस ने की थी आलोचना.

मध्य प्रदेश: सचिवालय में पहली तारीख़ को ‘वंदे मातरम’ न गाने पर भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशाना

शिवराज सिंह चौहान बोले कांग्रेस का यह परंपरा तोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण. मुख्यमंत्री कमलनाथ का पलटवार, महीने में एक बार केवल वंदे मातरम गाना किसी की देशभक्ति का सबूत नहीं.

मध्य प्रदेश: विंध्य में अपने प्रदर्शन से कांग्रेस असंतुष्ट, कमलनाथ कराएंगे ईवीएम की जांच

15 साल बाद मध्य प्रदेश की सत्ता में वापस आई कांग्रेस का इस बार विंध्य क्षेत्र में सबसे ख़राब प्रदर्शन रहा. उसे वहां 30 में से मात्र 6 सीटें मिली जबकि भाजपा को 24 सीटें. इस क्षेत्र से कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता अजय सिंह और राजेंद्र सिंह हार गए थे.

मध्य प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री बने कमलनाथ

अकाली दल ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग की. अकाली दल ने कहा है कि अगर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से नहीं हटाया तो उसे सिख समाज का गुस्सा झेलना पड़ेगा.

एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा, राजस्थान के 46 विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले

एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के 99 में से 25 विधायकों, भाजपा के 73 में से 12 विधायकों और बसपा के छह में से दो विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.

वो कौन से कारण हैं जिनकी वजह से मध्य प्रदेश में चूक गए चौहान

इस विधानसभा चुनाव में जितनी अधिक सीटें कांग्रेस ने पाई हैं, उतनी ही संख्या में भाजपा ने सीटें गंवाई हैं. पिछले चुनावों में कांग्रेस को 58 और भाजपा को 165 सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस की सीटों में 56 की बढ़ोतरी हुई है. उसकी सीटें 114 हो गई हैं. वहीं, भाजपा की सीटें 56 कम होकर 109 रह गई हैं.

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