छत्तीसगढ़: परिजनों का दावा- पुलिस की ‘फ़र्ज़ी’ मुठभेड़ में मारे गए तीन लोग नक्सली नहीं थे

मामला कांकेर ज़िले का है, जहां 25 फरवरी को पुलिस ने दावा किया था कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में कोयलीबेड़ा थानाक्षेत्र के भोमरा-हुरतराई गांवों के बीच एक पहाड़ी पर तीन 'नक्सली' मारे गए थे. कुछ स्थानीय लोगों और मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ का आरोप लगाया है.

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव: उपमुख्यमंत्री 94 मतों से हारे, जीत का सबसे कम अंतर 16 वोट रहा

कांग्रेस नेता और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव अंबिकापुर सीट पर भाजपा के राजेश अग्रवाल से 94 वोटों के मामूली अंतर से हार गए. वहीं, कांकेर सीट पर भाजपा के आशाराम नेताम ने कांग्रेस के उम्मीदवार शंकर ध्रुवा से सबसे कम 16 वोटों के अंतर से चुनाव जीता है.

छत्तीसगढ़: फोन पाने के लिए जलाशय का 21 लाख लीटर पानी निकलवाने वाला अधिकारी निलंबित

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले का मामला. बीते 21 मई को ज़िले पखांजूर क़स्बे में तैनात एक खाद्य निरीक्षक ने सेल्फी लेते समय अपना नया मोबाइल फोन बांध के पास बने एक जलाशय में गिरा दिया था. विश्वास और उनके दोस्त बांध पर घूमने गए थे.

हसदेव अरण्य में खनन जारी रखने के फैसले पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कायम

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश करने वालों को पहले बिजली और एयर-कंडीशनर, पंखे और कूलर का उपयोग बंद करना चाहिए और फिर इसके लिए लड़ना चाहिए. लोग दावा कर रहे हैं कि 8 लाख पेड़ काटे जाएंगे, जबकि वास्तव में इस साल सिर्फ़ 8,000 पेड़ ही काटे जाएंगे.

छत्तीसगढ़ नक्सली हमला: माओवादियों ने कहा- लापता जवान कब्ज़े में, मध्यस्थ नियुक्त करे सरकार

बीते शनिवार को बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हो गए थे. इस दौरान सीआरपीएफ के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह लापता हो गए थे. उनकी रिहाई की मांग करते हुए परिवार ने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया से जानकारी मिली, सरकार द्वारा कुछ नहीं बताया गया.

छत्तीसगढ़ नक्सली मुठभेड़: लापता 17 जवानों के शव बरामद, शहीद जवानों की संख्या 22 हुई

शनिवार दोपहर छत्तीसगढ़ में बीजापुर-सुकमा ज़िले की सीमा पर जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र (सुकमा जिला) के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के पास नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच तीन घंटे चली मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हो गए थे. इस घटना के दौरान 18 अन्य जवानों के लापता होने की जानकारी मिली थी.

छत्तीसगढ़ में प्राथमिक शिक्षा के ज़रिये गोंडी भाषा को सहेजने का प्रयास

आदिवासी बहुल इलाकों में वृहद रूप से बोली जाने वाली गोंडी भाषा का कोई लिखित साहित्य न होने के चलते यह अपने अस्तित्व के लिए लड़ रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के दो स्कूलों में इस भाषा में प्राथमिक शिक्षा देकर इसे सहेजने की कोशिश की जा रही है.

छत्तीसगढ़ में आदिवासी महिला को नक्सली बताकर जेल भेजने की सैन्य बलों की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

वीडियो: आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कांकेर ज़िले के ताड़ावायली गांव में एक आदिवासी महिला को नक्सली बताकर पुलिस ने उनके पति और दो साल की बेटी के साथ गिरफ़्तार कर लिया है.

छत्तीसगढ़: आदिवासी महिला को नक्सली बताकर जेल भेजने की सैन्य बलों की कार्रवाई पर उठ रहे सवाल

आरोप है कि छत्तीसगढ़ में कांकेर ज़िले के ताड़ावायली गांव में एक आदिवासी महिला को नक्सली बताकर पुलिस ने उनके पति और दो साल की बेटी के साथ गिरफ़्तार कर लिया है.

जिस महिषासुर का दुर्गा ने वध किया उन्हें आदिवासी अपना पूर्वज और भगवान क्यों मानते हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: महिषासुर की याद में नवरात्र की शुरुआत के साथ दशहरा यानी दस दिनों तक असुर शोक मनाते हैं. इस दौरान किसी किस्म की रीति-रस्म या परपंरा को नहीं निभाया जाता.

छत्तीसगढ़ की महिला किसान की आय दोगुनी होने वाली बात में कितनी सच्चाई है?

बीते 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के किसानों को संबोधित किया था. तब छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान ने दावा किया था कि उनकी आय दोगुनी हो गई है. वहीं उनके ग्राम प्रधान ने एक समाचार चैनल से बातचीत में दावा किया कि प्रधानमंत्री से बातचीत से पहले दिल्ली से एक टीम आई थी जिसने बताया था कि किस सवाल का कैसा जवाब देना है.

छत्तीसगढ़: शौचालय की टंकी में उतरे चार ग्रामीणों की मौत, एक बीमार

बीजापुर ज़िले के पेगड़ापल्ली गांव में नवनिर्मित मकान के शौचालय की टंकी तीन महीने से बंद थी. सफाई के लिए मकान मालिक, उनका बेटा और कुछ ग्रामीण टंकी में उतरे, जहां दम घुटने से उनकी मौत हो गई.

जितने मुंह, उतनी व्याख्याओं के लिए तैयार है हिंदू धर्म

हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.

महिषासुर भारतीय इतिहास का ऐतिहासिक नायक है

आज महिषासुर एक ऐतिहासिक चरित्र से मिथक बन चुका है. इतिहास के अति लोकप्रिय नायक मिथक हो जाया करते हैं. महिषासुर का इतिहास तो लोकमानस की यादों में जीवित है, उसे इतिहास ग्रंथों में खोजना बेईमानी है.