पाकिस्तान: पूर्व पीएम नवाज़ शरीफ़ ने कहा- करगिल युद्ध के विरोध पर उन्हें अपदस्थ कर दिया गया था

चार साल के स्वैच्छिक निर्वासन के बाद पाकिस्तान लौटे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा कि उन्हें उस समय पाकिस्तान की सेना का नेतृत्व करने वाले (दिवंगत) जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ने सत्ता से बाहर कर दिया था, क्योंकि उन्होंने करगिल युद्ध का विरोध करने के साथ भारत और अन्य प्रमुख पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने का सुझाव दिया था.

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ का निधन

माना जाता है कि 1999 में पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज़ मुशर्रफ़ ने ही करगिल युद्ध की ज़मीन तैयार की थी. करगिल में मिली नाकामी के बाद उन्होंने तख़्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को अपदस्थ कर दिया था. दिसंबर 2019 में एक विशेष अदालत ने उन्हें राजद्रोह के एक मामले में मौत की सज़ा सुनाई थी.

कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले ऑफिसर विदेशी घोषित, परिवार समेत नज़रबंदी शिविर भेजा गया

राष्ट्रपति पदक से सम्मानित मोहम्मद सनाउल्लाह को असम फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल ने विदेशी घोषित किया. उन्हें गोलपाड़ा के हिरासत केंद्र में भेजा गया. सनाउल्लाह के परिवारवालों ने बताया कि वह ट्रिब्यूनल के फ़ैसले के ख़िलाफ़ गौहाटी उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.

युद्धोन्माद का चुनावी इस्तेमाल कोई नई बात नहीं

कोई भी पार्टी या नेता युद्ध से लाभ उठाने की पूरी कोशिश करता है. देखना यह है कि पुलवामा की घटना और उसके बाद भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान में की गई एयरस्ट्राइक चुनाव परिणाम को किस तरह प्रभावित करता है.

भाजपा ने कारगिल के शहीदों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फ़ायदे के लिए किया

बहादुर सैनिकों की शहादत पवित्र श्रद्धांजलि की हक़दार है, लेकिन अगर सरकार ने हालात को ज़्यादा सक्षम तरीके से संभाला होता, तो शायद आज वे ज़िंदा होते.