केरल हाईकोर्ट ने एक मंदिर पर भगवा झंडे लगाने की अनुमति मांगने वाली याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा कि मंदिरों का इस्तेमाल राजनीतिक वर्चस्व के लिए नहीं किया जा सकता है. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के कार्य और इरादे स्पष्ट रूप से मंदिर में बनाए रखे जाने वाले शांत और पवित्र वातावरण के विपरीत हैं.
केरल हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं की आरएसएस द्वारा तिरुवनंतपुरम के सरकारा देवी मंदिर परिसर के 'अवैध उपयोग' को रोकने का आदेश देने की मांग की याचिका पर कहा कि पुलिस त्रावणकोर देवास्म बोर्ड द्वारा प्रबंधित मंदिरों में आरएसएस शाखाओं और मास ड्रिल पर प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि केरल सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए ‘आर्सेनिकम एल्बम 30सीएच’, जिसमें कैसरकारक आर्सेनिक होता है, को 38 लाख से 50 लाख स्कूली बच्चों के बीच वितरित करने का निर्णय लिया गया था. याचिका में कहा गया है कि ऐसी छह लाख दवाएं पहले ही वितरित की जा चुकी हैं.
केरल हाईकोर्ट दो श्रद्धालुओं और मंदिर के आसपास के निवासियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया है कि आरएसएस सदस्यों की कथित मास ड्रिल/हथियार ट्रेनिंग से मंदिर में आने वाले भक्तों और तीर्थयात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों को कठिनाई हो रही है.
केरल के एर्नाकुलम ज़िले का मामला. एक रेस्तरां में खाना खाने वाले 68 लोगों को उल्टी-दस्त होने लगे, जिसके बाद उन्हें ज़िले के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया. घटना के बाद स्थानीय अधिकारियों ने रेस्तरां को बंद कर रेस्तरां मालिक के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है.
केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पिछले साल दो-दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के दौरान अनुपस्थित रहे कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़े. केंद्र सरकार की कथित मज़दूर, किसान, जन और राष्ट्र-विरोधी नीतियों विरोध में ट्रेड यूनियनों द्वारा 28 और 29 मार्च 2022 को हड़ताल का आह्वान किया गया था.
केरल की यूडीएफ सरकार के दौरान सामने आए सौर ऊर्जा घोटाले की मुख्य आरोपी महिला ने वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमान चांडी और अन्य कांग्रेसी नेताओं पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. पिनराई विजयन की अगुवाई वाली एलडीएफ सरकार ने वर्ष 2020 में महिला के आग्रह पर मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. अन्य कांग्रेसी नेताओं को सीबीआई ने पहले ही क्लीन चिट दे दी थी.
केरल विधानसभा में विपक्ष के बहिष्कार के बीच विश्वविद्यालय क़ानून (संशोधन) विधेयक पारित कर दिया गया. इस विधेयक के क़ानून बन जाने के बाद प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद पर राज्यपाल की जगह प्रख्यात शिक्षाविदों की नियुक्ति की जा सकेगी.
केरल हाईकोर्ट ने 3 दिसंबर को उन कई याचिकाओं पर सुनवाई की, जिनमें बोर्ड के उस मानदंड को चुनौती दी गई थी, जिसके तहत केवल केरल के ब्राह्मण ही सबरीमाला मंदिर में मुख्य पुजारी के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं. याचिकाकर्ताओं ने इसे भारतीय संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताया है.
केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने कहा कि 1956 में केरल के अस्तित्व में आने से पहले भी राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति थे. यह एक ऐसी चीज़ है, जिस पर एक राष्ट्रीय आम सहमति बनी और एक राष्ट्रीय परिपाटी विकसित हुई. ताकि विश्वविद्यालयों में कोई शासकीय हस्तक्षेप न हो और उनकी स्वायत्तता सुरक्षित रहे.
केरल कैबिनेट ने नौ नवंबर को राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति सहित विश्वविद्यालयों के कामकाज को लेकर राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान के साथ वाम सरकार की खींचतान के बीच अध्यादेश लाने का फैसला किया था. अध्यादेश का उद्देश्य प्रख्यात शिक्षाविदों को राज्यपाल के स्थान पर राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में नियुक्त करना है.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस इंदु मल्होत्रा का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्हें यह दावा करते हुए देखा जा सकता है कि उन्होंने और जस्टिस यूयू ललित (वर्तमान सीजेआई) ने श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पर कब्ज़ा करने के केरल सरकार के प्रयासों को रोक दिया था.
निलंबित भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर देश में उपजे विवाद के बीच केरल के कन्नूर ज़िले की एक मस्जिद को मय्यिल पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने नोटिस जारी कर कहा था कि कोई भी नफ़रती भाषण नहीं होना चाहिए, जो क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता हो. ऐसा भाषण देने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश की धर्म-निरपेक्षता के ख़िलाफ़ है. यहां किसी को भी धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है. हमारा देश भारत के संविधान में उल्लिखित धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांत पर काम करता है. आजकल धर्म-निरपेक्षता को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर एक ख़ास वर्ग के लोग ख़ासे चिंतित हैं.
लोक प्रशासन विभाग के एक कर्मचारी ए. मणिकुट्टन ने वॉट्सऐप ग्रुप में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और माकपा के वरिष्ठ नेता एमवी जयराजन तस्वीरें पोस्ट कर 'गुंडे' लिखा था. कुछ अन्य कर्मचारियों की शिकायत के प्रधान सचिव ने आंतरिक जांच लंबित रहने तक मणिकुट्टन को निलंबित करने का आदेश जारी किया है.