चंडीगढ़ मेयर चुनाव धांधली: सुप्रीम कोर्ट ने किया संपूर्ण न्याय

वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.

भाजपा को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने आप-कांग्रेस उम्मीदवार को चंडीगढ़ का मेयर घोषित किया

सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी और भाजपा के चंडीगढ़ अल्पसंख्यक सेल के पूर्व महासचिव अनिल मसीह के ख़िलाफ़ जांच का आदेश दिया, साथ ही कहा कि उन्होंने शीर्ष अदालत में झूठ बोला था. बीते 30 जनवरी को मसीह ने आठ मत-पत्रों को अवैध घोषित कर दिया था और जिससे अब इस्तीफ़ा दे चुके भाजपा से मेयर मनोज सोनकर की जीत हो गई थी.

चंडीगढ़ मेयर चुनाव: पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान लगाने की बात स्वीकार की

वोटों में गड़बड़ी के आरोपों के बीच भाजपा के मनोज सोनकर ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत दर्ज की थी. हालांकि मामले की सुनवाई से एक दिन पहने उन्होंने इस्तीफ़ा दे दिया. अब चुनाव के पीठासीन अधिकारी ने मत-पत्रों पर निशान बनाने की बात स्वीकार की, जिसे बाद में उन्होंने अवैध घोषित किया था. सीजेआई ने कहा कि उन पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए.

चंडीगढ़ मेयर मनोज सोनकर का इस्तीफ़ा, आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हुए

पिछले महीने मेयर पद पर भाजपा के मनोज सोनकर का चुनाव पीठासीन अधिकारी द्वारा वोट में गड़बड़ी के आरोपों के बीच हुआ था. 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई होनी थी. इधर आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने से उसकी कुल संख्या बढ़कर 19 हो गई है, जबकि आप-कांग्रेस गठबंधन के सिर्फ़ 17 सदस्य रह गए हैं.

चंडीगढ़ नगर निकाय: हार के बाद भी भाजपा उम्मीदवार ने मेयर चुनाव जीता, आप ने कहा- लोकतंत्र की हत्या

चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में पहली बार उतरी आम आदमी पार्टी 35 में से 14 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. मेयर चुनाव में कुल 36 वोटों में से सिर्फ़ 28 वोट ही पड़े. भाजपा और आप के उम्मीदवारों के 14-14 वोट थे, लेकिन भाजपा पार्षद और पीठासीन अधिकारी महेश इंदर सिंह द्वारा आप का एक वोट अमान्य घोषित करने से भाजपा उम्मीदवार सरबजीत कौर जीत गईं. कांग्रेस और अकाली दल ने चुनाव में भाग नहीं लिया