लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्याज के कम उत्पादन और बढ़ती कीमतों पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले के सवाल का जवाब दे रही थीं. इसी दौरान एक सांसद ने उन्हें बीच में टोकते हुए पूछा, 'क्या आप प्याज खाती हैं?'
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में पिछले सप्ताह प्याज की खुदरा कीमत 57 रुपये किलो रही. वहीं मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी. गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये किलो पर पहुंच गया है.
केंद्र सरकार द्वारा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 65 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार में 120 रुपये प्रति क्विंटल और रागी में 253 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है.
भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन ने राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू करने की मांग की. इसके मुताबिक किसानों को लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए.
भाजपा सांसद मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 तक चावल के उत्पादन में चार से छह प्रतिशत, आलू में 11 प्रतिशत, मक्का में 18 प्रतिशत और सरसों के उत्पादन में दो प्रतिशत तक की कमी संभावित है. इसके अलावा एक डिग्री सेल्सियस तक तापमान वृद्धि के साथ गेंहू की उपज में 60 लाख टन तक कमी आ सकती है.
उत्तर प्रदेश में आगरा के किसान प्रदीप शर्मा ने फसल बीमा के संबंध में कृषि विभाग में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया है. इससे पहले शर्मा ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी थी.
विशेष रिपोर्ट: कृषि मंत्रालय ने वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली संसद की प्राक्कलन समिति को बताया कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों जैसी फसलों पर जलवायु परिवर्तन का काफी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. समिति ने इस समस्या को हल करने के लिए सरकार की कोशिशों को नाकाफी बताया है.
सभी फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित नहीं की जाती है जिसकी वजह से टमाटर, प्याज और आलू जैसे उत्पादों की हालत बेहद ख़राब है.
महाराष्ट्र के किसान संजय साठे ने 750 किलो प्याज़ के महज़ 1,064 रुपये मिलने से नाराज़ होकर इसे मनीऑर्डर के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था. पीएमओ ने इसे लेने से इनकार करते हुए उन्हें डिजिटल माध्यम से पैसे भेजने को कहा है.
प्याज़ की कम कीमत मिलने के कारण तात्याभाउ खैरनर और मनोज धोंडगे ने आत्महत्या कर ली. महाराष्ट्र से लगातार ये ख़बरे आ रही हैं कि प्याज के किसान अपने उत्पाद को कम दाम में बेचने को मजबूर हैं.
महाराष्ट्र: 2,657 किलो प्याज़ बेचने पर 6 रुपये की बचत, नाराज़ किसान ने पूरा पैसा मुख्यमंत्री को भेजा
अहमदनगर ज़िले के एक किसान श्रेयस अभाले ने 2,657 किलो प्याज़ बेची तो उन्हें 2,916 रुपये मिले. मजदूरी और परिवहन पर आए ख़र्च के तौर पर 2,910 रुपये चुकाने के बाद किसान के पास मात्र छह रुपये बचे.
नासिक की येओला तहसील में कृषि उत्पादन बाजार समिति में एक किसान ने 545 किलोग्राम प्याज़ 51 पैसे प्रति किलोग्राम के भाव से बेचा. किसान का कहना है कि क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति है. इस आय में कैसे घर चलाऊं, कैसे अपने क़र्ज़ चुकाऊं.
राज्य की सबसे बड़ी नीमच मंडी में प्याज़ 50 पैसे प्रति किलोग्राम और लहसुन 2 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बिका. मंडी सचिव का कहना है कि किसान बेहतर गुणवत्ता का माल लेकर मंडी आएंगे तो बेहतर दाम मिलेगा.
महाराष्ट्र के संजय साठे नाम के एक किसान को अपना 750 किलो प्याज़ मात्र 1.40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचनी पड़ी. इससे नाराज़ किसान ने पूरा पैसा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आपदा राहत कोष में दान कर दिया.
गुरुवार को रामलीला मैदान में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने कहा कि उन्हें राम मंदिर या राम मूर्ति के बजाय क़र्ज़ माफ़ी और अपने उत्पादों का लाभकारी मूल्य चाहिए.