भारतीय रेलवे के लिए नीतियां केवल अमीरों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही हैं: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 'हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज़ की यात्रा' का सपना दिखाकर नरेंद्र मोदी ‘ग़रीबों की सवारी’ रेलवे को भी उनसे दूर करते जा रहे हैं. प्रचार के लिए चुनी गई ट्रेन के लिए आम आदमी की ट्रेनों को जहां-तहां खड़ा कर दिया जाता है, ग़रीब और मध्यमवर्ग रेलवे की प्राथमिकता से बाहर कर दिए गए हैं.

तेलंगाना: मैनहोल की सफाई के दौरान दम घुटने से तीन श्रमिकों की मौत

हैदराबाद के पुराना पुल मेन रोड पर बंद मैनहोल की सफाई के दौरान ज़हरीली गैस की चपेट में आने से तीन श्रमिकों की मौत हो गई. मृतकों को अयप्पा इंफ्रा कॉन्ट्रैक्ट एजेंसी द्वारा दिहाड़ी मजदूरी पर काम पर रखा गया था, जिसके ख़िलाफ़ पुलिस ने ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है.

दुर्भाग्यपूर्ण है कि 81 करोड़ से ज़्यादा लोग सरकारी अन्न के मोहताज हैं: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने डॉ. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर कहा कि देश के 81 करोड़ से अधिक ग़रीबों को पेट पालने के लिए सरकारी अन्न का मोहताज बना देने जैसी दुर्दशा न आज़ादी का सपना था और न ही उनके लिए कल्याणकारी संविधान बनाते समय डॉ. आंबेडकर ने सोचा था, यह स्थिति अति-दुखद है.

जम्मू कश्मीर: अनंतनाग में आतंकवादियों ने दो और प्रवासी मज़दूरों को गोली मारकर घायल किया

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में मंगलवार शाम आतंकवादियों ने महाराष्ट्र के रहने वाले दो मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया. बीते 13 जुलाई को भी संदिग्ध आतंकवादियों ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में बिहार के रहने वाले तीन मज़दूरों को गोली मारकर घायल कर दिया था.

जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों ने बिहार के तीन मज़दूरों को गोली मारी

अधिकारियों ने बताया कि तीनों घायल मजदूर बिहार के सुपौल ज़िले के रहने वाले हैं. उन्हें श्रीनगर रिफर किया गया है. उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. इस साल जम्मू कश्मीर में बाहर के श्रमिकों पर किया गया यह पहला हमला है और अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर तीसरा हमला है.

ओडिशा: बालासोर ट्रेन हादसे के बाद जाजपुर में मालगाड़ी की चपेट में आने से सात मज़दूरों की मौत

ओडिशा के जाजपुर क्योंझर रोड रेलवे स्टेशन पर बीते बुधवार को हुआ हादसा. एक बयान में कहा गया है कि ठेका मज़दूरों ने रेलवे स्टेशन के पास हवा और बारिश से सुरक्षा पाने के लिए वहां खड़ी एक मालगाड़ी के नीचे शरण ली थी. बिना इंजन के खड़ी मालगाड़ी आंधी के कारण लुढ़कने लगी, जिससे दुर्घटना हुई.

उत्तर प्रदेश: सेप्टिक टैंक में गिरने से चार लोगों की मौत

घटना कुशीनगर ज़िले की है, जहां सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान एक व्यक्ति अंदर फंस गए थे. उन्हें बचाने चार लोग गए और वे भी फंस गए. बताया गया है कि पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर पांचों को बाहर निकाला. इनमें से चार की मौत हो गई और एक गंभीर अवस्था में इलाजरत हैं.

तमिलनाडु: आलोचना के बाद सरकार ने फैक्ट्रियों में 12 घंटे की ड्यूटी का नियम वापस लिया

बीते 21 अप्रैल को तमिलनाडु विधानसभा ने कारखाना (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया था जिसमें काम के घंटे बढ़ाकर 12 घंटे कर दिए गए थे. अब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि कई श्रमिक संगठनों द्वारा व्यक्त की गई आशंकाओं के बाद विवादास्पद अधिनियम को वापस ले लिया गया है.

तमिलनाडु विधानसभा में 12 घंटे का कार्य दिवस करने संबंधी विधेयक पारित, विरोध में उतरे सहयोगी दल

तमिलनाडु विधानसभा से पारित कारखाना अधिनियम, 1948 में संशोधन करने वाले विधेयक में दैनिक कार्य के घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया गया है. हालांकि, राज्य के श्रम मंत्री का कहना है कि इसका वर्तमान 48 घंटे के कार्य-सप्ताह पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, इसे केवल उन जगहों पर लागू किया जाएगा, जहां श्रमिक इसे पसंद करते हों.

हरियाणा: सेप्टिक टैंक की ज़हरीली गैस की चपेट में आकर चार लोगों की मौत

घटना बहादुरगढ़ ज़िले के झकोड़ा गांव की है. इस हादसे में मकान के मालिक समेत एक राजमिस्त्री और दो मज़दूरों की मौत हुई है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया है.

चार साल में पहली बार जनवरी-फरवरी में मनरेगा में नौकरियां प्री-कोविड स्तर से नीचे पहुंचीं

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस साल जनवरी में सृजित ‘व्यक्ति-दिवसों’ की संख्या 20.69 करोड़ रही, जबकि फरवरी में यह संख्या 20.29 करोड़ रही. इससे पहले के तीन वर्षों में इन्हीं महीनों के दौरान यह संख्या काफी अधिक रही थी.

दिल्ली: अनुमति के बावजूद मनरेगा मज़दूरों के विरोध प्रदर्शन को ‘कई-बार बाधित’ किया गया

मनरेगा योजना को लेकर केंद्र सरकार की कुछ नीतियों के ख़िलाफ़ मज़दूर पिछले एक महीने से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते 24 मार्च को दिल्ली विश्वविद्यालय में इस प्रदर्शन के समर्थन में हुए एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था, उन्हें कई घंटों के बाद छोड़ा गया.

जंतर मंतर पर विरोध के एक महीने बाद भी केंद्र ने हमारी चिंताओं का जवाब नहीं दिया: मनरेगा मज़दूर

देश के विभिन्न इलाकों से आए मनरेगा मज़दूर पिछले ​30 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने मनरेगा बजट में एक तिहाई की कटौती करने के साथ मोबाइल ऐप आधारित उपस्थिति प्रक्रिया और आधार-आधारित भुगतान प्रणाली को अनिवार्य कर दिया है. मज़दूरों ने इसे योजना पर सरकार का तीन तरफ़ा हमला बताया है.

आज़ादी के ‘अमृतकाल’ में ग़ुलामी के दौर के संकटों से पार पाने के आंदोलन याद करना ज़रूरी है

‘अमृतकाल’ में यह याद रखना कहीं ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है कि ग़ुलाम भारत ने कैसे-कैसे त्रास झेले और कितना खून या पसीना बहाकर उनसे निजात पाई. इनमें किसानों व मज़दूरों का सबसे बड़ा त्रास बनकर उभरी ‘हरी-बेगारी’ का नाम सबसे ऊपर आता है, जिससे मुक्ति का रास्ता असहयोग आंदोलन से निकला था.

मनरेगा योजना पर हमला ग़रीबों के ख़िलाफ़ अघोषित युद्ध है: वृंदा करात

विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर में प्रदर्शन कर रहे मनरेगा मज़दूरों के समर्थन में माकपा की पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार गांव के ग़रीबों के क़ानूनी और संवैधानिक अधिकारों पर एक अघोषित युद्ध छेड़े हुए है.

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