लद्दाख: चीनी सेना ने बफ़र ज़ोन में चार टेंट लगाए, भारतीय सेना की आपत्ति के बाद तीन हटाए गए

पूर्वी लद्दाख में चुशुल के पार्षद कोंचोक स्टैनज़िन ने बताया कि उन्हें ‘ग्रामीणों से जानकारी मिली है कि चीनी सेना ने बफ़र ज़ोन में गुरुंग हिल्स के टेबल टॉप इलाके में चार टेंट लगा दिए थे. भारतीय सेना द्वारा उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताने के बाद तीन टेंट हटा दिए गए थे, चौथा तंबू हटाने की प्रक्रिया में था’.

पूर्ण राज्य, विशेष दर्जा देने की बात नहीं हुई तो गृह मंत्रालय की बैठक में शामिल नहीं होंगे: लद्दाख के नेता

उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के समिति से मिलने वाले लद्दाख के नेताओं ने कहा है कि अगर एजेंडा में राज्य का दर्जा और विशेष दर्जे पर बातचीत शामिल नहीं हुई तो वे आगामी बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे.

लद्दाख: शिलान्यास पट्टिकाओं पर केवल भाजपा सांसद और पार्षदों के नाम लिखे जाने पर विवाद

लद्दाख के करगिल ज़िले में भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. हालांकि, जिन निर्वाचित पार्षदों के क्षेत्र में उक्त परियोजनाएं शुरू की गईं, उनके नाम शिलान्यास पट्टिकाओं पर न देकर नज़दीकी निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा पार्षदों के नाम लिखे गए हैं.

सामान्य वीज़ा फिर से शुरू होने के बावजूद भारत और चीन ने एक दूसरे के पत्रकारों के प्रवेश को रोका

भारत द्वारा चीन की सिन्हुआ न्यूज़ एजेंसी के एक पत्रकार को बीते 31 मार्च तक देश छोड़ने के लिए कहने के बाद चीन ने तीन भारतीय पत्रकारों के वीज़ा पर रोक लगा दी है. 1980 के दशक के बाद यह पहली बार है कि भारत में चीन का कोई रिपोर्टर नहीं है.

तीन महीने के भीतर केंद्रीय जांच एजेंसियों, पुलिस थानों में सीसीटीवी लगाए जाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में विशेष तौर पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने के निर्देश दिए थे, ताकि अभियुक्तों और विचाराधीन कै़दियों के मानवाधिकारों की रक्षा हो और पारदर्शिता बनी रहे. लेकिन, केंद्र की सात जांच एजेंसी में से चार ने इस दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया.

लद्दाख को छठी अनुसूची में लाने की मांग को लेकर फिर उपवास करेंगे सोनम वांगचुक

शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक ने कहा है कि उपवास का कारण यह है कि केंद्र सरकार ने संविधान की छठी अनुसूची में लद्दाख को लाने की मांग पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. 2019 में लद्दाख के जम्मू कश्मीर से अलग होने के बाद से यह मांग लगातार उठती रही है. सोनम इसे लेकर जनवरी में भी उपवास पर रहे थे.

जम्मू कश्मीर और लद्दाख में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को गिरफ़्तारी से सुरक्षा दी गई

सीआरपीएफ के आधिकारिक पत्राचार के मुताबिक़, जम्मू कश्मीर में तैनात सैनिकों के लिए भी सीआरपीसी 1973 की धारा 45 लागू करने के लिए गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंज़ूरी मिल गई है. इस धारा के तहत जवानों को केंद्र सरकार की सहमति लिए बिना गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता.

चीन के अरुणाचल में नाम बदलने के बाद अमित शाह बोले- सुई की नोंक बराबर भी क़ब्ज़ा नहीं हो सकता

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. चीन ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया है.

लद्दाख को पूर्ण राज्य बनाने की मांग के बीच केंद्र ने कहा- वहां किसी बाहरी ने ज़मीन नहीं खरीदी

केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 के बाद से न तो किसी बाहरी व्यक्ति ने लद्दाख में कोई ज़मीन खरीदी है और न ही किसी बाहरी कंपनी ने इस केंद्रशासित प्रदेश में निवेश किया है. केंद्र ने जोड़ा कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में पिछले तीन वर्षों में 185 बाहरी लोगों ने ज़मीन खरीदी है.

लोकसभा की प्रश्नसूची से लद्दाख सीमा पर पेट्रोलिंग पॉइंट ‘खोने’ संबंधी सवाल हटाए गए: रिपोर्ट

जनवरी माह में पुलिस महानिदेशकों के वार्षिक सम्मेलन में पेश हुए लेह-लद्दाख संबंधी एक शोध पत्र में पूर्वी लद्दाख में 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स तक भारत की पहुंच खोने संबंधी बात सामने आई थी. संसद में इसी संबंध में गृह मंत्रालय से सवाल किया गया था, जिसे जवाब देने वाले प्रश्नों में से निकाल दिया गया.

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी दिल्ली पहुंचे

साल 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और और तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित करने के बाद लद्दाख क्षेत्र के लोग भारत के अन्य आदिवासी क्षेत्रों को संविधान की छठी अनुसूची के तहत प्रदान किए गए संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं, जिससे उनकी जनसांख्यिकी, नौकरी और भूमि की रक्षा हो.

नागरिकों के विरोध के बीच लद्दाख के उपराज्यपाल हटाए गए, कई अन्य राज्यों के राज्यपाल बदले

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आरके माथुर को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद अस्तित्व में आए केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख का पहला उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था. क्षेत्र को छठी अनुसूची में लाने की मांग के लिए हो रहे प्रदर्शनों के बीच स्थानीयों ने एलजी की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे.

केंद्र युवाओं को अलग-थलग कर लद्दाख में उग्रवाद के बीज बो रहा है: सोनम वांगचुक

लद्दाख के शिक्षा सुधारक और जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने क्षेत्र में छठी अनुसूची की मांग को दोहराते हुए कहा कि डर यह नहीं है कि लोग भारत के ख़िलाफ़ हो जाएंगे, डर यह है कि भारत के लिए प्यार कम हो जाएगा और ऐसा होना उस देश के लिए ख़तरनाक है जो चीन का सामना कर रहा है. 

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