कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य पुलिस को ग़लत सूचना, हेट स्पीच और मोरल पुलिसिंग में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ स्वैच्छिक एफआईआर दर्ज करके सक्रिय क़ानूनी कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि पुलिस को ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज होने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए.
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि एक 'चयनित राज्यपाल' को निर्वाचित प्रतिनिधियों को धमकाने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास करने का नैतिक अधिकार नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर केंद्र और छह राज्यों - महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश तथा हरियाणा - से जवाब मांगा है. याचिका में दावा किया गया है कि शीर्ष अदालत के 2018 के फैसले में राज्यों को लिंचिंग सहित घृणा अपराधों के ख़िलाफ़ निर्णायक कार्रवाई करने का निर्देश देने के बावजूद मुसलमानों के ख़िलाफ़ ऐसे मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में मिली जानकारी के अनुसार, देश में सबसे अधिक बंदूक लाइसेंस धारकों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है. इसके बाद जम्मू कश्मीर और पंजाब का स्थान है.
जुलाई 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को भीड़ द्वारा हिंसा और लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कई दिशानिर्देश दिए थे. अब अदालत ने 2018 से ऐसी हिंसक घटनाओं के संबंध में दर्ज की गई शिकायतों, एफआईआर और अदालतों में पेश किए गए चालान से संबंधित वर्षवार डेटा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक युवक सहित दो लोगों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के पुरोला में तनाव व्याप्त हो गया था. उसके बाद कई मुस्लिम परिवारों ने शहर छोड़ दिया था. अब वापस लौटे परिवारों से कहा गया है कि वे घर के अंदर भी सभा में नमाज़ का आयोजन न करें, इससे शांति भंग हो सकती है.
उत्तरकाशी ज़िले के पुरोला में बीते 26 मई से सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है. इस बीच, उत्तरकाशी ज़िला प्रशासन ने राज्य अल्पसंख्यक आयोग को सौंपी पहली आधिकारिक रिपोर्ट में अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले 11 दुकानदारों के शहर छोड़ने की पुष्टि की है.
बीते 26 मई को मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो युवकों द्वारा एक हिंदू लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के पुरोला कस्बे में तनाव व्याप्त है. घटना को ‘लव जिहाद’ बताते हुए दक्षिणपंथी हिंदू समूह ‘बाहरी लोगों’ विशेष रूप से अल्पसंख्यकों के सत्यापन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
जेल में बंद गैंगस्टर-राजनेता मुख़्तार अंसारी के क़रीबी सहयोगी गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की बीते 7 जून को लखनऊ की एक अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. दिनदहाड़े हुई इस हत्या को लेकर विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं.
पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक भारतीय उपमहाद्वीप में आए दिन किसी न किसी की आहत भावनाओं की बात होती रहती है और उसकी स्वाभाविक प्रतिकिया के तौर पर उत्पाती समूहों द्वारा इसका बदला लेने के लिए की गई हिंसा की ख़बर आती रहती है, लेकिन सवाल है कि आख़िर किसकी भावनाएं आहत होती हैं?
वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी जनसभाओं में कह रहे हैं कि उनके राज्य में अब अपराध नहीं हैं. उनका कहना है कि नो कर्फ्यू, नो दंगा, सब चंगा. रंगदारी न फिरौती अब यूपी में नहीं चलेगी किसी की बपौती. क्या वाकई यूपी में अपराध कम हो गया है?
वीडियो: उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में पुलिस के सुरक्षा घेरे में कुछ समय पहले की गई गैंगस्टर से नेता बने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की हत्या के बाद राज्य में क़ानून और व्यवस्था पर एक बार फ़िर सवाल उठने लगे हैं. प्रदेश में बढ़ते अपराध के मुद्दे पर गोरखपुर के कुछ पत्रकारों और अन्य लोगों से बातचीत.
घटना उन्नाव की है. ख़बरों के अनुसार, फरवरी 2022 में सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई नाबालिग दलित लड़की ने एक बेटे को जन्म दिया था. पीड़िता की मां के अनुसार, बलात्कार का मामला वापस लेने से इनकार करने के बाद ज़मानत पर बाहर दो आरोपियों ने बच्चे को ख़त्म करने के उद्देश्य से उनके घर में आग लगा दी.
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में शनिवार देर रात पुलिस घेरे में मौजूद गैंगस्टर अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. सरेआम हुई इस घटना पर विपक्ष के नेताओं ने राज्य की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए योगी सरकार को बर्ख़ास्त करने की मांग की है.
वीडियो: इलाहाबाद में उत्तर प्रदेश पुलिस के सुरक्षा घेरे में मीडिया के सामने अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के मद्देनज़र प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.