आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखा जाएगा: असम मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि असम समान नागरिक संहिता को लागू करेगा, लेकिन इसका स्वरूप अन्य भाजपा शासित राज्यों में अमल में लाए जा रहे मॉडल से अलग होगा. इसमें कुछ संशोधनों के साथ आदिवासी समुदाय को छूट दी जाएगी.

‘एक देश एक चुनाव’ पर विधि आयोग ने कोविंद समिति से कहा- एक साथ चुनाव 2029 तक ही संभव

विधि आयोग ने देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर विचार कर रही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति से कहा है कि ऐसा 2029 के लोकसभा चुनावों तक ही संभव हो सकेगा क्योंकि राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ा या घटाकर सभी चुनावों को एक साथ कराने का फॉर्मूला तैयार करना है.

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी समान नागरिक संहिता का विरोध करेंगे: रिपोर्ट

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने बीते जुलाई महीने में दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी आख़िरी बैठक में समान ना​गरिक संहिता के मुद्दे पर पर जानकारी ली थी. सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा को यह भी बता दिया है कि जब भी यह विधेयक पेश किया जाएगा, वह इसका विरोध करेगी.

समान नागरिक संहिता: गुलिस्तां में कभी भी फूल एकरंगी नहीं होते, कभी हो ही नहीं सकते

जिस सरकार को अरसे से धर्म के नाम पर भेदभावों को बढ़ाने की कोशिशों में मुब्तिला देख रहे हैं, वह उन भेदभावों को ख़त्म करने के नाम पर कोई संहिता लाए तो उसे लेकर संदेह गहराते ही हैं कि वह उसे कैसे लागू करेगी और उससे उसे कैसी समानता चाहिए होगी?

शिरोमणि अकाली दल ने विधि आयोग को लिखा- समान नागरिक संहिता देश हित में नहीं

पंजाब की विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने समान नागरिक संहिता पर विधि आयोग को दी अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया में कहा है कि अगर इसे लागू किया जाता है तो यह निश्चित रूप से विभिन्न जाति, पंथ और धर्मों के अल्पसंख्यक समुदायों की स्वतंत्रता को प्रभावित करेगा. इस पर निर्णय लेते समय सिखों की भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए.

यूसीसी मौजूदा मुस्लिम क़ानून, छठी अनुसूची के क़ानूनों को ख़त्म करने का प्रयास है: महिला संगठन

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन ने भारत के विधि आयोग को सौंपे गए अपने एक पत्र में कहा है कि समान नागरिक संहिता का प्रयास बड़े पैमाने पर एक समान क़ानून लाने का होगा, जो बहुसंख्यकवादी क़ानून होंगे, न कि ऐसे क़ानून जो महिलाओं को वास्तव में समान अधिकार देते हों.

यूनिफॉर्म सिविल कोड की राजनीति क्या है?

वीडियो: बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समान नागरिक संहिता देश की ज़रूरत है. हालांकि, विपक्षी दलों के साथ एनडीए के कुछ सहयोगी भी इसके विरोध में हैं. इस बारे में चर्चा कर रहे हैं दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.

केंद्र ने जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए नागरिक संहिता की ‘गुगली’ डाली है: सचिन पायलट

कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के संबंध में कहा है कि संसद या स्थायी समिति में इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इसे सिर्फ़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘राजनीतिक टूल’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.

समान नागरिक संहिता: आज़ाद ने केंद्र को चेताया, कहा- यह किसी भी सरकार के लिए ठीक नहीं होगा

पूर्व केंद्रीय मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 370 को रद्द करने जितना आसान नहीं है. इसमें सभी धर्म शामिल हैं. एक साथ इन सभी लोगों को नाराज़ करना, किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा.

नागरिक संहिता पर मुस्लिम लॉ बोर्ड ने कहा- बहुसंख्यकवाद अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन नहीं कर सकता

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के विधि आयोग को पत्र लिखकर समान नागरिक संहिता के प्रति अपना विरोध दोहराया है. पत्र में कहा गया है कि बहुसंख्यकवादी नैतिकता को एक संहिता के नाम पर व्यक्तिगत क़ानून, धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए.

क्या समान नागरिक नागरिक संहिता 2024 की जीत के लिए भाजपा का ब्रह्मास्त्र है?

वीडियो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों समानता का हवाला देते हुए समान नागरिक संहिता की ख़ासी पैरवी की थी. अगले आम चुनाव से पहले क्या यह भाजपा का कोई चुनावी पैंतरा हो सकता है? इस बारे में बता रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

क्या देश को वाकई यूनिफॉर्म सिविल कोड की ज़रूरत है?

वीडियो: समान नागरिक संहिता को लेकर देश में होने वाली राजनीतिक बहस नई नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह कहना कि यूसीसी देश की ज़रूरत है, क्या असल में सच है?

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने आदिवासियों को समान नागरिक संहिता से बाहर रखने का सुझाव दिया

क़ानून और न्याय पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने उत्तर-पूर्व और देश के अन्य हिस्सों के आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया. वहीं जबकि विपक्षी दलों ने इस विवादास्पद मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श के समय पर सवाल उठाए हैं.