मद्रास हाईकोर्ट ने नए आईटी नियमों के तहत दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई

मीडिया कंपनियों के एक 13-सदस्यीय समूह डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की याचिका पर कोर्ट का ये आदेश आया है. इससे पहले सितंबर महीने में हाईकोर्ट ने आईटी नियम, 2021 के एक प्रमुख प्रावधान के पर रोक लगा दी थी, जिसके तहत सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करने के लिए केंद्र द्वारा एक निगरानी तंत्र स्थापित करने का प्रावधान किया गया है.

बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने नए आईटी नियमों के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई

डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स एसोसिएशन, पत्रकार मुकुंद पद्मनाभन और संगीतकार टीएम कृष्णा की नए आईटी नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर अदालत ने नियम 9 के उपबंध (1) एवं (3) पर रोक लगाई है. ये उप-खंड आचार संहिता के पालन को निर्धारित करते हैं. 

केंद्र ने हाईकोर्ट में किया नए आईटी नियमों का बचाव, कहा- प्रेस की आज़ादी का दुरुपयोग रोकेंगे

सूचना व प्रसारण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से दायर हलफ़नामे में कहा गया कि मीडिया में ग़लत जानकारी के प्रचार के कारण क़ानून व व्यवस्था बिगड़ने के कई मामले सामने आ चुके हैं. नए नियम डिजिटल मीडिया में फ़र्ज़ी ख़बरों से नागरिकों की रक्षा का काम करेंगे.

कोर्ट ने आईटी नियमों के दो प्रावधानों पर लगाई रोक, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति का होना महत्वपूर्ण है. राज्य में सुशासन के लिए देश में जनसेवा में जुटे लोगों की स्वस्थ्य आलोचना/समीक्षा होनी चाहिए, ताकि ढांचागत विकास हो सके, लेकिन नए नियमों के लागू होने के बाद किसी को भी ऐसे किसी व्यक्ति की आलोचना करने से पहले दोबार सोचना पढ़ेगा, फिर चाहे किसी लेखक/संपादक/प्रकाशक के पास इसके लिए उचित कारण ही क्यों न हो.

आज के समय में जाति के विरोध में कोई भी आंदोलन होता नहीं दिखता: आनंद तेलतुम्बड़े

आंबेडकर जयंती के मौके पर लेखक तेलतुम्बड़े ने कहा, 'आंबेडकर को हर कोई अपने अपने ढंग से समझता है. आज के समय में हर राजनीतिक दल उन्हें अपना बताने की कोशिश में हैं लेकिन आंबेडकर के विचारों पर कोई नहीं चलना चाहता.'