देश के तीन वामपंथी दलों - भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने चुनाव आयोग को बताया कि उन्हें चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई पैसा नहीं मिला है.
विपक्ष की सबसे बड़ी समस्या यह है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में अपने आक्रामक हिंदुत्व कहें या बहुसंख्यकवाद की बिना पर समता, बंधुत्व और धर्मनिरपेक्षता जैसे उदार संवैधानिक मूल्यों को आक्रांत कर देश के राजनीतिक विमर्श को इस हद तक बदल दिया है कि हतप्रभ विपक्ष इन मूल्यों की बिना पर उससे जीतने का विश्वास ही खो बैठा है.
विपक्षी इंडिया गठबंधन दलों से जुड़े 16 छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए ‘यूनाइटेड स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया’ के गठन की घोषणा की. नेताओं ने कहा कि आरएसएस समर्थित सरकार का लक्ष्य न केवल शिक्षा प्रणाली को कमज़ोर और नष्ट करना है, बल्कि वह इसे एक सांप्रदायिक और विनाशकारी योजना में बदलना भी चाहती है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने वामपंथी नेताओं से भाजपा में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि ट्रेन के डिब्बे अब भी ख़ाली हैं. ख़ाली डिब्बे में बैठें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हम सभी को उस मंजिल तक ले जाएंगे, जहां हमें पहुंचना चाहिए.
द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) अध्यक्ष एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केरल में एक समारोह को संबोधित करते हुए विपक्षी एकता का आह्वान करते हुए कहा कि कुछ राज्यों में एक साथ होना पर्याप्त नहीं है. हमें सभी राज्यों में एकजुट होना चाहिए और एक अखिल भारतीय ताक़त बनना चाहिए.
मोदी सरकार एक ऐसा राज्य स्थापित करने की कोशिश में है जहां जनता सरकार से जवाबदेही न मांगे. नागरिकों के कर्तव्य की सोच को इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल के दौरान संविधान में जोड़ा था. मोदी सरकार बिना आपातकाल की औपचारिक घोषणा के ही अधिकारहीन कर्तव्यपालक जनता गढ़ रही है.
भारत और यहां रहने वाले सभी जातियों, समुदायों के नागरिकों का भविष्य अब संविधान के इसके वर्तमान स्वरूप में बचे रहने पर निर्भर करता है.
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार पर फैसला करने के लिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार द्वारा संसद भवन में बुलाई गई बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने यशवंत सिन्हा के नाम पर सहमति जताई. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बैठक के बाद एक संयुक्त बयान पढ़ते हुए कहा कि हमें खेद है मोदी सरकार ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर आम सहमति बनाने के लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं किया.
केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी 'अग्निपथ' योजना के विभिन्न राज्यों में व्यापक विरोध के बीच विपक्ष ने इस योजना को देश की सुरक्षा और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. बिहार में भाजपा की सहयोगी जदयू और पंजाब में भाजपा के साथ जुड़े अमरिंदर सिंह ने भी योजना पर पुनर्विचार की मांग की है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग़ैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर एकजुट एवं सैद्धांतिक विपक्ष बनाने का संकल्प लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी ‘प्रगतिशील ताक़तों’ को साथ आने और ‘भाजपा के दमनकारी शासन’ से लड़ने की ज़रूरत है.
कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी दलों, राजद, एनसीपी और बसपा ने तर्क दिया कि संविधान नागरिकों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है. राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि बाधा हिजाब नहीं है बल्कि इसका विरोध कर रहे लोगों की मानसिकता है.
भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद की समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि 1921 का मालाबार विद्रोह हिंदू समाज के ख़िलाफ़ था और केवल असहिष्णुता के चलते किया गया था.
बीते चार मई के बाद से पेट्रोल तथा डीज़ल के दामों में 23 बार वृद्धि की गई है. इस वजह से पिछले क़रीब छह सप्ताह से कम समय में पेट्रोल 5.72 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 6.25 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से लड़ाई और अन्य विकास कार्यों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को पेट्रोल तथा डीज़ल पर करों से अतिरिक्त पैसे की ज़रूरत है.
चार मई के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में 23 बार वृद्धि हो चुकी है और सात राज्यों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है. शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में दिल्ली समेत कई राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया था.
पश्चिम बंगाल के चुनाव के नतीजों की कई व्याख्याएं हो सकती हैं, और होनी भी चाहिए. लेकिन हर व्याख्या की शुरुआत यहीं से करनी होगी कि पश्चिम बंगाल के मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी की एक नहीं सुनी.