मणिपुर: 30 साल बाद शराब पर लगाई गई रोक आंशिक रूप से हटाई गई

वर्ष 1991 में शराब निषेध अधिनियम पारित होने के बाद से मणिपुर आधिकारिक तौर पर एक 'ड्राई स्टेट' था, जहां सिर्फ अनुसूचित जाति और जनजाति के समुदायों को पारंपरिक कारणों से शराब बनाने की छूट दी गई थी. अब ग्रेटर इंफाल, ज़िला मुख्यालयों, पर्यटन स्थलों और कम से कम 20 बेड वाले पंजीकृत होटल प्रतिष्ठानों में शराब बेची और पी जा सकती है.

मेघालय में स्वास्थ्य आधार पर शराब की होम डिलीवरी को मंज़ूरी

असम सरकार ने ऐलान किया है कि 58 लाख परिवारों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत एक अप्रैल से निशुल्क चावल उपलब्ध कराए जाएंगे.

राज्य यह तय नहीं कर सकते कि पर्यटक क्या खाएंगे-क्या पिएंगे: नीति आयोग के सीईओ

अमिताभ कांत ने कहा, राज्यों को इस मामले में नहीं पड़ना चाहिए कि पर्यटक क्या खाना-पीना चाहता है. यह पर्यटकों का निजी मामला है.