कैश फॉर क्वेरी: एथिक्स कमेटी की सदस्य के भाजपा में जाने के बाद लोकपाल का सीबीआई जांच का आदेश

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को कैश फॉर क्वेरी के आरोपों को लेकर लोकसभा से निष्कासित किया गया था. लोकसभा की एथिक्स कमेटी में उनके निष्काषन के पक्ष में निर्णायक वोट डालने वाली कांग्रेस की निलंबित सांसद परनीत कौर अब भाजपा में शामिल हो चुकी हैं.

यूपी: ज्ञानवापी तहखाने में पूजा की अनुमति देने वाले जज एक विश्वविद्यालय के लोकपाल बनाए गए

उत्तर प्रदेश के वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति देने वाले जज अजय कृष्ण विश्वेश को सेवानिवृत्ति के बाद लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में तीन साल के लिए लोकपाल नियुक्त किया गया है.

सीबीआई निदेशक के लिए चयन समिति ने तीन नाम सुझाए, समिति सदस्य अधीर रंजन ने विरोध किया

एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में सीबीआई निदेशक पद के लिए तीन नाम शॉर्टलिस्ट किए गए है, लेकिन समिति के एक सदस्य कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रक्रिया को विसंगतिपूर्ण क़रार देते हुए नए सिरे से चयन की कवायद शुरू करने की मांग की है.

बीते चार वर्षों में लोकपाल ने भ्रष्टाचार की 68% शिकायतें बिना कार्रवाई के निपटाईं: संसदीय समिति

भारत की पहली भ्रष्टाचार-रोधी संस्था लोकपाल को चार साल पहले प्रधानमंत्री समेत सरकारी पदाधिकारियों के ख़िलाफ़ शिकायतों की जांच के लिए स्थापित किया गया था. इसने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग पर गठित संसदीय समिति को बताया है कि इसके द्वारा आज तक एक भी व्यक्ति पर भ्रष्टाचार के लिए मुक़दमा नहीं चलाया गया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के ख़िलाफ़ लोकपाल कार्यवाही पर रोक लगाई

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की शिकायत के आधार पर यह कार्यवाही शुरू हुई थी. अपनी शिकायत में दुबे ने आरोप लगाया था कि जनता के पैसे का दुरुपयोग कर और भारी भ्रष्टाचार में संलिप्त शिबू सोरेन और उनके परिजनों ने अकूत धन एवं संपत्ति अर्जित की.

लोकपाल को जनवरी तक 4,244 शिकायतें मिलीं, 2020-21 की तुलना में 80 प्रतिशत ज़्यादा

लोकपाल ने सूचना का अधिकार के तहत पूछे गए सवाल पर बताया है, वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 4,244 शिकायतें ऑनलाइन या ऑफलाइन और ई-मेल के माध्यम से प्राप्त हुई हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 80 प्रतिशत अधिक है. वहीं, 2020-21 के दौरान ऑनलाइन या ऑफलाइन और ई-मेल के माध्यम से कुल 2,355 शिकायतें प्राप्त हुई थीं.

लोकपाल के समक्ष दर्ज शिकायतों में तेज गिरावट, या तो इसे प्रभावी बनाएं या भंग करें- पूर्व सीआईसी

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने लोकपाल के समक्ष दर्ज शिकायतों की संख्या में गिरावट का हवाला देते हुए कहा है कि यह बिना जवाबदेही के वरिष्ठ नागरिकों का क्लब बन गया है. उन्होंने कहा कि बहुत उम्मीदों के साथ लोकपाल का गठन हुआ था लेकिन अफ़सोस है कि इसका भ्रष्टाचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.

लोकपाल से मिलीं शिकायतों की छानबीन के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति दो साल से नहीं हुईः सीवीसी

केंद्र सरकार को लोकपाल द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग को भेजी गईं शिकायतों की प्रारंभिक जांच करने के लिए जांच निदेशक की नियुक्ति करनी है. हालांकि भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल के अस्तित्व में आने के दो साल से अधिक समय के बाद भी केंद्र ने अब तक जांच निदेशक की नियुक्ति नहीं की है.

लोकपाल के पास इस साल अप्रैल से जून के बीच भ्रष्टाचार की 12 शिकायतें आईं

लोकपाल के पास प्रधानमंत्री समेत सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार होता है. एक भ्रष्टाचार-रोधी कार्यकर्ता ने कहा कि दो साल से अधिक समय से लोकपाल कार्य कर रहा है. लोकपाल को उसके द्वारा प्राप्त भ्रष्टाचार की शिकायतों से संबंधित अभियोजन का विवरण सार्वजनिक करना चाहिए.

लोकपाल को 2020-21 में भ्रष्टाचार की 110 शिकायतें मिलीं, इनमें से चार सांसदों के ख़िलाफ़ थीं

लोकपाल के पास प्रधानमंत्री समेत सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार होता है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 2019-20 में जितनी शिकायतें मिलीं, उससे अगले वर्ष 92 प्रतिशत कम शिकायतें आई हैं. लोकपाल को 2019-20 में भ्रष्टाचार की 1427 शिकायतें मिली थीं.

अस्तित्व में आने के सात साल बाद बदहाल लोकपाल क़ानून, कहीं नियुक्ति नहीं, कहीं क़ानून नहीं बना

साल 2011 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अन्ना हजारे की अगुवाई में चले लोकपाल आंदोलन के बाद साल 2013 में इसे लेकर क़ानून बनाया गया था, लेकिन केंद्र समेत कई राज्यों में समय पर नियुक्ति न होने और फंड की कमी जैसे कारणों के चलते यह दयनीय स्थिति में है.

लोकपाल को 2019-20 में 1427 शिकायतें मिलीं, चार शिकायतें केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों के ख़िलाफ़ थीं

लोकपाल के अनुसार, कुल शिकायतों में से 1,347 का निस्तारण किया गया. इनमें से 1,152 शिकायतें लोकपाल के अधिकार क्षेत्र से बाहर की थीं. शिकायतों में से 245 शिकायतें केंद्र सरकार के अधिकारियों के विरुद्ध थीं.

लोकपाल: एक साल बाद नियम जारी, पीएम के खिलाफ मिली शिकायत पर सुनवाई करेगी पूरी बेंच

अगर प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत को खारिज किया जाता है तो इसका कोई कारण नहीं बताया जाएगा. वहीं केंद्रीय मंत्री या संसद के सदस्यों के खिलाफ मामला है तो इस संबंध में लोकपाल के कम से कम तीन सदस्यों की पीठ फैसला लेगी.

बजट 2020: सीबीआई और सीवीसी के बजट में मामूली वृद्धि, लोकपाल को 74 करोड़ रुपये का प्रावधान

लोकपाल को वर्तमान वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 101.29 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे कम करके 18.01 करोड़ रुपये कर दिया गया है. वित्त वर्ष 2019-2020 में सीबीआई को 781.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे. यह राशि बाद में घटाकर 798 करोड़ रुपये कर दी गई थी.

लोकपाल अशोका होटल को हर महीने 50 लाख रुपये के किराये का भुगतान कर रहा

लोकपाल का अभी तक कोई स्थायी कार्यालय नहीं है. फिलहाल ये नई दिल्ली के अशोका होटल से काम कर रहा है. लोकपाल को अब तक कुल 1,160 शिकायतें मिली हैं लेकिन किसी भी मामले में जांच शुरू नहीं हुई है.

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