क्या देश बनाने का काम स्थगित चल रहा है?

समाज में विचारों की, अाचारों की अौर समझ की नई खिड़कियां खोलते रहने की जरूरत पड़ती है. जो समाज ऐसा करना बंद कर देता है, जो अतीत के गुणगान में लग जाता है, वह अंतत: अपनी ही चोटी में उलझ कर, उसे काट डालता है. हम उसी दौर से गुजर रहे हैं.

आगरा में चोटी काटने की अफ़वाह पर महिला की पीट-पीटकर हत्या

चोटी काटने की अफ़वाह में एक बुज़ुर्ग दलित महिला की चुड़ैल बताकर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. चार राज्यों में अब तक ऐसी घटनाओं के 75 से भी ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं.

जंतर​​​​-मंतर: भीड़ द्वारा पीट​​​​-पीटकर की जा रही हत्याओं के विरोध में प्रदर्शन

देश भर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मार देने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में नई दिल्ली के जंतर​​​​-मंतर पर लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया.

सब इंसान एक हैं, हम चाहते हैं पूरे हिंदुस्तान में अमन हो: जुनैद के पिता

बल्लभगढ़, हरियाणा के हाफिज जुनैद को हाल ही में भीड़ ने पीट पीटकर मार दिया था. परिवार का आरोप है कि यह हत्या विशुद्ध सांप्रदायिक कारण से है.

क्या यह दावा कमज़ोर हुआ है कि हिंदू बहुसंख्यक हैं इसलिए देश धर्मनिरपेक्ष है?

2017 की ढलती जून की इस सुबह ईद मुबारक कहना झूठी तसल्ली जान पड़ती है, एक झूठा आश्वासन, सच्चाई से आंख चुराना! सच यह है कि यह ईद मुबारक नहीं है.