मध्य प्रदेश के सिवनी में गोमांस के शक़ में कथित गोरक्षकों ने एक मुस्लिम युवती सहित तीन लोगों की बेरहमी से पिटाई की.
मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.
असम में कथित तौर पर गोमांस बेचने के शक़ में भीड़ द्वारा एक मुस्लिम बुजुर्ग के साथ मारपीट किए जाने की घटना पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
गुड़गांव लगातार निशाने पर है. अनजान लोगों से बसा यह शहर हर किसी को अजनबी समझने की फितरत पाले हैं, इसलिए वह मज़हब के आधार पर शक किए जाने या किसी को पीट दिए जाने को बुरा नहीं मानता. भारत का यह सबसे आधुनिक शहर सिस्टम से लेकर एक स्वस्थ्य समाज के फेल होने का शहर है. इस शहर में धूल भी सीमेंट की उड़ती है, मिट्टी की नहीं.
उर्दू वाला चश्मा की इस कड़ी में नूपुर शर्मा ज़िया उस सलाम की किताब के ज़रिए बहुसंख्यक (हिंदुत्व) की भीड़ द्वारा मुस्लिमों की पीट-पीटकर हो रही हत्या की घटनाओं पर चर्चा कर रही हैं.
नालंदा ज़िले में स्थानीय राजद नेता की मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के संदेह में भीड़ ने कथित हत्यारों के घरों पर हमला किया और एक घर में आग लगा दी.
शामली ज़िले के हथछोया गांव में हुई घटना. मृतक राजेंद्र के परिजनों ने आरोप लगाया है कि गांव के ही 6 लोग, जिनका एक दिन पहले राजेंद्र से झगड़ा हुआ था, ने उसे लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला.
उत्तर प्रदेश के अमेठी के सरैया गांव का मामला. एक युवक पर कथित तौर पर गोली चलाने के बाद दोनों युवकों को गांववालों ने बुरी तरह से पीटा था. दोनों तरफ से केस दर्ज.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा, लोगों को इस बात का एहसास होना चाहिए कि ऐसी घटनाओं पर उन्हें कानून के कोप का सामना करना पड़ेगा.
गोरक्षा के नाम पर देश भर में मुस्लिमों के साथ हिंसा की घटनाएं नई नहीं हैं. हाल के समय में बढ़ी लिंचिंग की घटनाओं और उनकी रिपोर्टिंग के पीछे ज़रूरी तौर पर भारतीय समाज में आया कोई बुनियादी बदलाव नहीं, बल्कि कुछ हद तक इसके लिए इंटरनेट के विस्तार की भूमिका है.
बेगूसराय के छौड़ाही की घटना. लापरवाही बरतने के आरोप में थाना प्रभारी सस्पेंड.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए एक सप्ताह का वक़्त दिया है.
पिछले एक साल में नौ राज्यों में करीब 40 लोगों की हत्या भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जा चुकी है. इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर कानून बनाने का निर्देश दिया था.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
डिंडौरी ज़िले के सिंघवारा गांव में बच्चा चोरी के शक में ग्रामीणों ने मानसिक विक्षिप्त युवक की पीट-पीटकर हत्या करके शव पत्थर से बांधकर कुएं में फेंक दिया था.