केरल: गांधी के ख़िलाफ़ टिप्पणी करने वालीं प्रोफेसर के विरोध में एबीवीपी ने गोडसे की फोटो जलाई

एनआईटी, कालीकट की एक प्रोफेसर ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर फेसबुक पर लिखा था कि 'भारत को बचाने के लिए गोडसे पर गर्व है.' तब से छात्र संगठन उनका विरोध कर रहे हैं. अब चौंकाने वाले क़दम में आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोडसे की प्रशंसा के विरोध में उतर आई है.

राजनीति से किसी तरह का नैतिक बोध, ज़िम्मेदारी लुप्त हो चुके हैं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: पौराणिक कल्पना में रसातल सबसे नीचे है पर कितना नीचे है इसका पता नहीं. देश की राजनीति में घटनाक्रम इतनी तेज़ी से बदलता रहता है कि लगता है कि वह नीचता के और तल पर नीचे उतर गया. रसातल अभी इतना दूर नहीं है.

आरएन रवि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के राज्यपाल बनने योग्य नहीं: पत्रकार एन. राम

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती पर कहा था कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत का राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन 1942 के बाद निराशाजनक बन गया. इस पर टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने कहा कि रवि ने जिस आंदोलन को निराशाजनक कहा, वह वास्तव में भारत छोड़ो आंदोलन का दौर था.

सत्ता में बैठे लोग ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द का उपयोग अपमानजनक के अर्थ में कर रहे हैं: सोनिया गांधी

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने कहा कि आज सत्ता में बैठे लोग कहते हैं कि वे ‘लोकतंत्र’ के प्रति प्रतिबद्ध हैं, लेकिन साथ ही वे इसके सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए सुरक्षा उपायों को भी कमज़ोर कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश को सद्भाव की ओर ले जाने वाले रास्ते क्षतिग्रस्त हो रहे हैं और इसके परिणाम बढ़ते ध्रुवीकरण के रूप में देखे जा रहे हैं.

गांधी से तुलना कर उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी को ‘युगपुरुष’ बताया, कांग्रेस सांसद ने शर्मनाक कहा

मुंबई में जैन दार्शनिक श्रीमद राजचंद्र की जयंती पर उनके स्मारक के उद्घाटन समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा ​कि महात्मा गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा के माध्यम से हमें अंग्रेज़ों की ग़ुलामी से मुक्त कराया था. वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को उस रास्ते पर ले गए हैं, जिसे हम हमेशा देखना चाहते थे.

‘गांव के राष्ट्रशिल्पी’ गांधी मार्ग के अनूठे साधकों की कथा कहती है

पुस्तक समीक्षा: महात्मा गांधी कहते थे कि आदर्श ग्राम निर्माण उतना ही कठिन है, जितना सारे हिंदुस्तान को आदर्श बनाना, पर एक ही गांव को कोई एक आदमी आदर्श बना सके तो समझें उसने दुनिया के लिए एक रास्ता ढूंढ निकाला. वरिष्ठ पत्रकार नीलम गुप्ता की 'गांव के राष्ट्रशिल्पी' इसी दिशा में हुए प्रयासों को दर्ज करती है.

आचार्य जेबी कृपलानी: महात्मा गांधी के ‘दाहिने हाथ’, जो उनके जाते ही ‘कांग्रेसद्रोही’ हो गए थे

जन्मदिन विशेष: स्वतंत्रता सेनानियों की ‘गांधीवादी-समाजवादी’ जमात के सदस्य और दर्शन व इतिहास के लोकप्रिय व्याख्याता रहे जेबी कृपलानी को उनकी ‘चिर असहमति’ के लिए भी जाना जाता है. इसका नतीजा यह भी रहा कि वे बार-बार अपनी भूमिकाएं पुनर्निर्धारित करते रहे. 

भारत को गांधी-मुक्त करने का कोई भी प्रयत्न विफल होने के लिए अभिशप्त है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: महात्मा गांधी भारतीय मानस में धंस गए हैं और उन्हें वहां से अपदस्थ करने का जो सुनियोजित साधन-संपन्न अभियान भले चल रहा हो, वह कभी सफल नहीं हो सकता.

दादाभाई नौरोजी, जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्यवाद द्वारा भारत के दोहन की पोल खोली

जन्मदिन विशेष: भारतीयों के लिए स्वराज या स्वशासन की मांग उठाने वाले पहले नेता दादाभाई नौरोजी का व्यक्तित्व व कृतित्व गवाह हैं कि कैसे प्रगतिशील राजनीतिक शक्ति इतिहास के काले अध्यायों में भी एक रोशनी की किरण की तरह होती है.

सर्व सेवा संघ पर ‘कब्ज़े’ की कहानी बस उतनी नहीं है, जितनी दिखाई जा रही है

बीते जुलाई महीने में महात्मा गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए बने सर्व सेवा संघ के वाराणसी परिसर को उत्तर रेलवे द्वारा उसकी ज़मीन पर 'अतिक्रमण' बताकर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जबरन ख़ाली करवाया गया है. गांधीवादियों का कहना है कि इसके विरोध में उनकी लड़ाई जारी रहेगी.

मणिपुर का कुकी वैसे ही भयभीत है जैसे नोआखली का हिंदू था, पर क्या देश के पास कोई गांधी है

भारत के इतिहास में नोआखली की हिंसा और महात्मा गांधी द्वारा वहां रहकर शांति का क़ायम किया जाना दोनों ही उल्लेखनीय हैं. अगर वास्तव में ही मणिपुर में शांति स्थापित करनी है, तो वहां किसी महात्मा गांधी को जाना होगा. 

वाराणसी: महात्मा गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए बने संस्थान पर ‘बुलडोज़र’ का ख़तरा

वाराणसी में महात्मा गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए बने सर्व सेवा संघ के परिसर को उत्तर रेलवे द्वारा 'अतिक्रमण' बताते हुए ध्वस्तीकरण का नोटिस दिया गया है. संस्था से जुड़े लोगों ने इसे सरकार की तानाशाही बताया है.

‘वाजपेयी: द एसेंट ऑफ द हिंदू राइट’ में अटल बिहारी वाजपेयी की अनदेखी दुनिया दर्ज है

अभिषेक चौधरी द्वारा लिखी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी के पहले हिस्से 'वाजपेयी: द एसेंट ऑफ द हिंदू राइट' उनके राजकुमारी कौल से रिश्ते, उनकी बेटी नमिता समेत कई अनछुए पहलू दर्ज किए गए हैं. करण थापर से बातचीत में अभिषेक ने किताब के महत्व और इसे लिखने की ज़रूरत पर भी बात की है.

हसरत मोहानी: दरवेशी ओ इंक़िलाब है मसलक मेरा

पुण्यतिथि विशेष: ‘मुकम्मल आज़ादी’ और ‘इंक़लाब जिंदाबाद’ का नारा बुलंद करने वाले हसरत मोहानी के बारे में डाॅ. आंबेडकर कहते थे कि वही एकमात्र ऐसे नेता हैं जो समानता का ढोंग करने के बजाय अपने हर आचरण में उसे बरतते हैं.

बनारसीदास चतुर्वेदी: जिनके साहित्य का बड़ा हिस्सा गिरमिटिया मज़दूरों के नाम रहा

पुण्यतिथि विशेष: पद्मभूषण से सम्मानित साहित्यकार बनारसीदास चतुर्वेदी बारह वर्षों तक सांसद भी रहे थे. हालांकि कम ही लोग जानते हैं कि उनके साहित्यिक जीवन के शुरुआती दिन भारत से फिजी ले जाए गए गिरमिटिया मज़दूरों और दुनिया भर में फैले प्रवासी भारतीयों के संघर्षों के दस्तावेज़ीकरण में गुज़रे.

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