सरदार सरोवर परियोजना में देरी करने वाले असली ‘अर्बन नक्सल’ कौन हैं

'विकास' परियोजनाओं के नाम पर जबरन बेदखल किए जाने पर अपने वजूद और प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए लड़ने वालों को जब नरेंद्र मोदी 'अर्बन नक्सल' कहते हैं तो वे इनके संघर्षों का अपमान तो करते ही हैं, साथ ही परियोजना में हुई देरी के लिए ज़िम्मेदार सरकारी वजहों को भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं.

मेधा पाटकर और 11 अन्य के ख़िलाफ़ ‘राष्ट्र विरोधी एजेंडे के लिए धन के दुरुपयोग’ को लेकर केस दर्ज

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और 11 अन्य पर जनजातीय छात्रों के लिए शैक्षिक सुविधाओं के प्रबंधन के लिए एकत्र किए गए धन का दुरुपयोग करने का आरोप है. पाटकर ने आरोप लगाया कि शिकायत करने वाला एबीवीपी और आरएसएस से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मामले के पीछे राजनीतिक कारण या फिर एफ़आईआर दर्ज कराकर बदनाम करने की साज़िश हो सकती है.

मेधा पाटकर ने केरल सरकार की ‘के-रेल’ परियोजना की आलोचना की

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने केरल सरकार की महत्वाकांक्षी ‘के-रेल’ परियोजना की आलोचना करते हुए कहा कि इससे कृषि भूमि और आर्द्रभूमि नष्ट होने का ख़तरा है. इस परियोजना के पारिस्थितिक प्रभाव को मापने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है. राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के साथ ही केंद्र ने भी इसके लिए अभी तक अनुमति नहीं दी है.

हां, हम आंदोलनजीवी हैं, आपने हमने मज़बूर किया है: मेधा पाटकर

एक कार्यक्रम में जनांदोलनों की ज़रूरत रेखांकित करते हुए मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि आज केंद्र की नीतियों की वजह से वंचित समुदाय हाशिए पर धकेल दिए गए हैं, ग़रीबों के सभी विकल्प उनसे छीन लिए गए हैं, इस वजह से उन्हें सड़कों पर निकलना पड़ रहा है.

कोविड-19: मेधा पाटकर ने 70 से अधिक उम्र के क़ैदियों की रिहाई के लिए अदालत का रुख़ किया

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सबसे ज़्यादा उम्रदराज़ या बुज़ुर्ग क़ैदियों ख़ासकर 70 साल से अधिक उम्र के क़ैदियों के संक्रमित होने का ज़्यादा ख़तरा है. कुछ अपवादों को छोड़कर कुछ राज्यों ने वायरस के घातक प्रभावों के बावजूद वृद्ध क़ैदियों की रिहाई के संबंध में आवश्यक क़दम नहीं उठाए हैं.

किसानों को सत्याग्रह अपनाकर प्रदर्शन जारी रखना चाहिएः मेधा पाटकर

गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में जिन 37 लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें मेधा पाटकर भी हैं. उन्होंने कहा कि कृषि क़ानून सिर्फ किसानों का मुद्दा नहीं है बल्कि खेती और उससे जुड़ा हर शख़्स इनसे प्रभावित होगा. लोकतंत्र को बचाने के लिए एक साथ खड़े होने की ज़रूरत है.

केंद्र और राज्यों के बीच तालमेल की कमी के चलते खड़ा हुआ प्रवासी संकट: मेधा पाटकर

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मांग की कि प्रवासी मज़दूरों को उनके मूल निवास स्थानों पर रोज़गार और मुफ्त भोजन मुहैया कराया जाए. देशभर के गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को 10-10 हज़ार रुपये दिए जाएं.

लॉकडाउन में श्रमिकों की समस्याओं का सरकार शीघ्र समाधान करे: मेधा पाटकर

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के सेंधवा कस्बे के निकट विरोध प्रदर्शन किया.

सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर का पासपोर्ट ज़ब्त

अक्टूबर में मुंबई क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने मेधा पाटकर को नोटिस जारी कर कहा था कि उन्होंने पासपोर्ट रिन्यू करवाते समय अपने ख़िलाफ़ दर्ज मामलों की जानकारी छिपाई है.

पासपोर्ट कार्यालय ने मेधा पाटकर को नोटिस भेज उन पर दर्ज मामलों की जानकारी मांगी

मुंबई के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को उन पर लंबित मामलों के बारे में जानकारी कथित रूप से छुपाने को लेकर नोटिस भेजा है. कार्यालय ने उनसे यह भी पूछा है कि उनका पासपोर्ट क्यों ज़ब्त नहीं किया जाना चाहिए.

सरदार सरोवर: सरकारी आकलन से कहीं ज़्यादा है बाढ़ और डूब के प्रभावितों की संख्या

बीते दिनों नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पुनर्वास आयुक्‍त ने पहली बार सार्वजनिक रूप से स्‍वीकारा कि विस्‍थापितों और प्रभावितों के आकलन में ‘टोपो शीट’ पर पेंसिल से निशान लगाने की पद्धति का इस्‍तेमाल किया गया. बोलचाल में नजरिया सर्वे कही जाने वाली इस तरकीब में अंदाज़े से डूबने वाली हर चीज और जीती-जागती इंसानी बसाहटों को चिह्नित कर विस्‍थापित घोषित कर दिया गया था.

सरदार सरोवर बांध: लोगों का पुनर्वास करने की जगह उन्हें डुबाने पर क्यों अमादा है सरकार?

सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.

मध्य प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों के उचित पुनर्वास को लेकर मेधा पाटकर ने सत्याग्रह शुरू किया

नर्मदा बचाओ आंदोलन की संस्थापक मेधा पाटकर ने मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के छोटा बड़दा गांव में यह अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया है. पाटकर ने कहा कि पुनर्वास का मतलब प्रभावित परिवार को सिर्फ मुआवज़ा देना नहीं बल्कि उन्हें आजीविका भी दी जानी चाहिए.

मध्य प्रदेश में भाजपा ने घोषणा पत्र में नर्मदा के विस्थापितों को शामिल ही नहीं किया: मेधा पाटकर

नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्रों का विश्लेषण कर रही हैं.

क्या मध्य प्रदेश में राज्यमंत्री बनाए गए बाबा नर्मदा में अवैध खनन रोक पाएंगे: मेधा पाटकर

शिवराज सरकार ने पांच बाबाओं को राज्यमंत्री बनाकर नर्मदा संरक्षण का काम सौंपा है. पाटकर ने सवाल उठाया कि क्या इन बाबाओं को पता है कि नदी पर बने बांधों के कारण कितना नुकसान हो रहा है?