भारत में पिछले साल टीबी के 25 लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए, छह दशकों में सर्वाधिक

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पिछले साल तपेदिक (टीबी) के लगभग 25,50,000 मामले दर्ज किए, जो 60 के दशक में टीबी नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है. पिछले नौ वर्षों में टीबी मामलों में 64% वृद्धि हुई है.

लद्दाख: सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर करने का विरोध

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' करने को कहा गया था. लद्दाख में क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली बौद्ध संगठन और निर्वाचित प्रतिनिधियों ने इसे सूबे के लोगों की भावनाओं का अपमान बताया है.

2022 में देशभर में अनुमानतः 11 लाख बच्चों को खसरे का महत्वपूर्ण पहला टीका नहीं मिला: रिपोर्ट

डब्ल्यूएचओ और यूएस सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कोविड महामारी के दौरान खसरा टीकाकरण 2008 के बाद से सबसे निचले स्तर पर गिर गया, जिससे 2022 में मामलों में 18% और मौतों में 43% की वृद्धि हुई. 2022 में भारत में खसरे के 40,967 मामले दर्ज हुए थे.

आईआईपीएस के निदेशक के निलंबन को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) तैयार करने वाले इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज के निदेशक केएस जेम्स को निलंबित किए जाने पर विपक्ष ने कहा है कि सरकार वास्तविक डेटा सामने आने से डरती है और जेम्स को 'बलि का बकरा' बनाया गया है.

‘डेटा सेट से नाख़ुश’ मोदी सरकार ने एनएफएचएस तैयार करने वाले संस्थान के निदेशक को सस्पेंड किया

केंद्र सरकार ने इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (एनएफएचएस) के निदेशक केएस जेम्स को भर्ती में अनियमितता का हवाला देते हुए निलंबित कर दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला आईआईपीएस राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण तैयार करता है.

कोविड टीके के प्रतिकूल प्रभावों से हुई मौतों के लिए सरकार को ज़िम्मेदार नहीं ठहरा सकते: केंद्र

कोविड टीकाकरण के कथित प्रतिकूल प्रभावों से दो लड़कियों की मौत के मामले में उनके माता-पिता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. इस संबंध में केंद्र सरकार ने अदालत में पेश हलफ़नामे में कहा है कि टीकों के इस्तेमाल से मौत के मामलों के लिए सरकार को मुआवज़े के लिए जवाबदेह ठहराना क़ानूनन सही नहीं है.

तेज़ी से घट रही मुस्लिम आबादी की रफ़्तार, मुंह के बल गिरा संघी प्रोपेगेंडा

वीडियो: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो दशकों में सभी धार्मिक समुदायों में मुसलमानों की जनसंख्या में सबसे तेज़ गिरावट देखी गई है. समुदाय की प्रजनन दर 2019-2021 में गिरकर 2.3 हो गई, जो 2015-16 में 2.6 थी. इस मुद्दे पर चुनाव आयोग के पूर्व प्रमुख एसवाई क़ुरैशी से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

किसी व्यक्ति का उसकी मर्ज़ी के बिना टीकाकरण नहीं कराया जा सकता: केंद्र ने न्यायालय से कहा

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल अपने एक हलफ़नामे में कहा है कि कोई भी सरकारी दिशानिर्देश बिना सहमति जबरन टीकाकरण करने की बात नहीं कहता है और न ही किसी भी प्रयोजन के लिए टीकाकरण प्रमाण-पत्र दिखाने को अनिवार्य बनाते हैं.

नीति आयोग के स्वास्थ्य सूचकांक में केरल को मिला शीर्ष स्थान, उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य

नीति आयोग ने बताया कि यह रिपोर्ट स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक की तकनीकी सहायता से तैयार की गई है. इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. 

युवा डॉक्टरों का सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह इस्तेमाल न करे: सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत उन 41 स्नातकोत्तर डॉक्टरों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- अति विशिष्टता’ की अधिसूचना जारी होने के बाद पाठ्यक्रम में अंतिम समय में किए गए बदलाव को चुनौती दी थी. अदालत ने कहा कि वह इन युवा डॉक्टरों को कुछ असंवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में खेलने की अनुमति नहीं देगा.

निर्धन, पिछड़े वर्गों और औरतों के लिए विनाशकारी है नया जनसंख्या क़ानून

यह तथ्य है कि योगी आदित्यनाथ सरकार हमेशा अपने मक़सद को पाने के लिए बेहतर और बिना ज़ोर-ज़बरदस्ती वाले तरीकों की बजाय धमकाने या डर दिखाने वाले उपायों को तरजीह देती है. इसका ताज़ा नमूना हाल में में लाया गया जनसंख्या नियंत्रण विधेयक है. 

उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनसंख्या की नहीं, चुनाव की चिंता

विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीनों पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रस्तावित जनसंख्या क़ानून को ज़रूरी बताते हुए कहा कि बढ़ती आबादी प्रदेश के विकास में बाधा बनी हुई है. पर क्या यह बाधा अचानक आ खड़ी हुई? अगर नहीं, तो इसे लेकर तब उपयुक्त कदम क्यों नहीं उठाए गए, जब उनकी सरकार के पास उसे आगे बढ़ाने का समय था?

यूपी: भाजपा के 50% विधायकों के तीन या अधिक बच्चे, होगा प्रस्तावित जनसंख्या क़ानून का उल्लंघन

योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के तहत दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक होगी. यदि इस आधार पर राज्य के भाजपा विधायकों का मूल्यांकन किया जाएगा, तो इनके पचास फीसदी इस कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे.

उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति: विभिन्न समुदायों में आबादी का संतुलन और निम्न प्रजनन दर उद्देश्य

विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का प्रारूप जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस प्रारूप में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का प्रस्ताव है.

यूपी: जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का मसौदा जारी, दो से अधिक बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप जारी करते हुए 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है. इस प्रारूप में दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने और सरकारी योजनाओं का भी लाभ न दिए जाने का प्रस्ताव है.

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