वित्त वर्ष 2020-21 के लिए स्वच्छ भारत अभियान के बजट में सीधे 43 फ़ीसदी की कटौती

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में स्वच्छ भारत अभियान के लिए उतनी ही राशि आवंटित की गई है, जितनी पिछले साल की गई थी. स्वच्छ भारत अभियान- शहरी के तहत 2,300 करोड़ रुपये और ग्रामीण के तहत 9,994 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह बीते तीन साल के बजट की तुलना में सबसे कम है.

स्वच्छ भारत अभियान के दावों पर सवालिया निशान खड़ी करती एनएसओ की रिपोर्ट

ये सर्वेक्षण जुलाई 2018 से दिसंबर 2018 के बीच में कराया गया था. स्वच्छ भारत मिशन डेटाबेस के मुताबिक उस समय तक भारत के 95 फीसदी घर खुले में शौच से मुक्त हो चुके थे. हालांकि एनएसओ सर्वे में पाया गया कि सिर्फ 71 फीसदी घर ही खुले में शौच से मुक्त हो पाए थे.

जल शक्ति सचिव ने कहा, कम पानी में होने वाली फसलों को प्रोत्साहन देने की ज़रूरत

जल शक्ति मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा कि 89 प्रतिशत जल का उपयोग सिर्फ कृषि कार्यों के लिए होता है. ऐसे में ऐसी फसलों को प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए जिनमें पानी का इस्तेमाल कम करने की ज़रूरत होती है.

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि देश के खुले में शौच से मुक्त होने का दावा विश्वसनीय नहीं है

आंकड़े दिखाते हैं कि किसी क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित करने में सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ है.

केंद्र सरकार के कार्यालय वाले करीब 90 फीसदी भवनों में नहीं है रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

विशेष रिपोर्ट: जहां एक तरफ मोदी सरकार आम जनता से जल संरक्षण के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की अपील कर रही है, वहीं आरटीआई के तहत प्राप्त दस्तावेज बताते हैं कि केंद्र की कुल 1367 कार्यालय भवनों में से सिर्फ 150 में ही रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए हैं.