घटना मंचेरियाल ज़िले के कन्नेपल्ली गांव में स्थित ब्लेस्ड मदर टेरेसा हाई स्कूल की है, जहां प्रिंसिपल फादर जैमन जोसेफ ने परिसर में धार्मिक पोशाक पहने कुछ छात्रों से पूछताछ की थी. इसके बाद एक धार्मिक संगठन के सदस्यों ने स्कूल में तोड़फोड़ की और संस्थान के कर्मचारियों के साथ मारपीट की. बताया गया है कि भीड़ ने फादर जैमन के माथे पर जबरन तिलक भी लगाया.
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर लगभग 300 युवाओं की टोली ने मुंबई के क़रीबी इलाकों में उन दुकानों पर हमला किया, जिनके नाम मुस्लिमों जैसे प्रतीत होते थे. उन दुकानों पर भी हमला हुआ, जिन्होंने भगवा झंडे नहीं लगा रखे थे. पीड़ितों की ओर से पेश वकील ने द वायर को बताया कि काफी समझाने के बाद पुलिस ने चार मामलों में एफआईआर दर्ज की है.
आप अपने घर-परिवार में दीपावली मनाते समय मणिपुर में जारी हिंसा में मारे गए लोगों को याद करें कि आज उनके यहां यह त्योहार कैसे मन रहा होगा? क्या शेष भारत को इस उत्सव मनाते समय नहीं सोचना चाहिए कि उसके अपने ही बंधु-बांधव किस स्थिति में हैं. हमारा कर्तव्य और धर्म बनता है कि उनकी पीड़ा को महसूस करें.
मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मणिपुर में हिंसा के 175वें दिन कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर के लोगों को तब छोड़ा जब उन्हें उनके हस्तक्षेप की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी. उन्होंने सवाल भी किया कि एन. बीरेन सिंह को अब भी राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने की अनुमति क्यों दी जा रही है.
सीबीआई ने गुवाहाटी में एक विशेष अदालत के समक्ष छह लोगों और एक नाबालिग के खिलाफ मई की घटना के संबंध में आरोप पत्र दायर किया है. मई में हुई इस घटना का वीडियो जुलाई महीने में सामने आया था, जिसमें भीड़ द्वारा कुकी समुदाय की दो महिलाओं को नग्नकर घुमाकर उन पर यौन हमला किया गया था.
मणिपुर की इंफाल घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कर्फ्यू के बावजूद भीड़ ने बृहस्पतिवार रात मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के ख़ाली पड़े पैतृक आवास पर हमला करने की कोशिश की. यह घटना दो मेईतेई छात्रों के शव की तस्वीरें सामने आने के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बीच हुई है. दोनों दो महीने से अधिक समय से लापता थे.
एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि नौ और मामलों की जांच के साथ सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामलों की कुल संख्या 17 हो जाएगी. महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध या यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी अन्य मामले को भी प्राथमिकता के आधार पर एजेंसी को भेजा जा सकता है.
बिष्णुपुर ज़िले के कांगवई और फौगाकचाओ इलाके में गुरुवार को हुई झड़प के बाद सेना और आरएएफ जवानों ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 19 लोग घायल हो गए. वहीं, ज़िले के नारानसैना में भीड़ ने भारतीय रिज़र्व बटालियन शिविर पर हमला करने के बाद बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लूट लिया.
मणिपुर में पिछले तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के दौरान 4 मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाने के साथ इनमें से एक से सामूहिक बलात्कार किया गया था. इनमें से एक महिला के 65 वर्षीय पति, जो करगिल युद्ध का हिस्सा थे, ने कहा कि कार्रवाई वीडियो से बहुत पहले की जानी चाहिए थी, लेकिन हमारी बात पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में जातीय हिंसा से निपटने के लिए क़ानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकार के तौर-तरीकों पर कड़ा रुख़ अपनाते हुए पुलिस जांच को ‘सुस्त’ बताया. कोर्ट ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक को 4 अगस्त को अदालत में पेश होने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कुकी जनजाति की दो महिलाओं की याचिका भी शामिल थी, जिन्हें पुरुषों की भीड़ ने नग्न करके घुमाया था. पीठ ने सरकार से पूछा कि घटना 4 मई की थी और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई को दर्ज हुई. पुलिस को इसे दर्ज करने में 14 दिन क्यों लगे?
एक कार्यक्रम के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख सेवानिवृत्त जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि इसमें विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि यह निश्चित रूप से है. विभिन्न उग्रवादी समूहों को कथित तौर पर चीन की ओर सहायता कई वर्षों से जारी है.
वीडियो: मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के दौरान तमाम ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें अपने परिवार के सदस्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे लोगों से द वायर की टीम ने बातचीत की.
राहुल गांधी ने कहा कि जब देश को चोट लगती है, किसी नागरिक को चोट लगती है तो आपके दिल को भी चोट लगती है, मगर भाजपा-आरएसएस के लोगों को कोई दुख नहीं, क्योंकि ये हिंदुस्तान को बांटने का काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर से कुछ लेना-देना नहीं है. वो जानते हैं कि उनकी ही विचारधारा ने मणिपुर को जलाया है.