द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
भाजपा सांसद और क़ानून पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में शीर्ष अदालत और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणा की ज़रूरत का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जिस तरह विधायक-सांसदों के बारे में जानना जनता का हक़ है, वैसे ही अदालतों में मुक़दमा लड़ने वाले वादी को भी न्यायाधीशों की संपत्ति जानने का अधिकार है.
वीडियो: सांसदों के पास क्या कोई विशेष अधिकार होते है? क्या उन्हें दीवानी और फौजदारी मामलों में कोई ख़ास सुरक्षा मिलती है? अगर लोकसभा या राज्यसभा में कोई सदस्य अपनी बात रखता है, तो क्या उस पर अपनी बात आज़ादी से कह पाने के लिए संविधान में कोई ख़ास अनुच्छेद है, बता रही हैं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अवनि बंसल.
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एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पिछले पांच वर्षों में देश में हुए विधानसभा और लोकसभा चुनावों में असफल उम्मीदवारों के अलावा सभी मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफ़नामों का विश्लेषण किया है. इसके अनुसार हेट स्पीच से संबंधित घोषित मामलों वाले 480 उम्मीदवारों ने राज्य विधानसभाओं, लोकसभा और राज्यसभा का चुनाव लड़ा है.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने यह भी बताया है कि लोकसभा और राज्यसभा के प्रति सांसद संपत्ति का औसत मूल्य 38.33 करोड़ रुपये है और 53 सांसद (7 फीसदी) अरबपति हैं. प्रति सांसद उच्चतम औसत संपत्ति वाला राज्य तेलंगाना (24 सांसद) है, जहां के सांसदों की औसत संपत्ति 262.26 करोड़ रुपये है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से विश्लेषित किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से 239 ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 150 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा में गंभीर आपराधिक मामलों वाले विधायकों/सांसदों की संख्या सर्वाधिक है.
सांसदों को मिलने वाली स्थानीय विकास निधि योजना में हुए हाल के बदलावों में उन्हीं को नज़रअंदाज़ किया गया है जिनके लिए यह मुख्य रूप से बनाई गई है- हाशिये पर पड़े ग़रीब वर्ग. साथ ही योजना के कामकाज को केंद्रीकृत करने का प्रयास भी किया गया है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक इज़ाफ़ा कर्नाटक के भाजपा सांसद रमेश चंदप्पा जिगाजिनागी की संपत्ति में हुई है. उनकी संपत्ति में इस अवधि में 4,189 प्रतिशत की वृद्धि हुई. कर्नाटक से ही भाजपा सांसद पीसी मोहन उन शीर्ष 10 सांसदों की सूची में दूसरे नंबर पर हैं, जिनकी संपत्ति में 2009 और 2019 के बीच में वृद्धि हुई.
राज्यसभा नियमों के अनुसार, बहस के दौरान राजनीतिक दलों की संख्या के अनुसार समय का आवंटन किया जाता है. जिस दल के जितने अधिक सदस्य होते हैं, उसे उतना ही अधिक समय दिया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा सदन में अपनी पार्टी जद (एस) के एकमात्र सदस्य हैं, इसलिए उन्हें अपनी बात रखने के लिए सबसे कम समय आवंटित होता है.
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विरोधी दल के नेताओं को निशाना बनाए जाने के विपक्ष के आरोपों के मद्देनज़र यह स्पष्ट किया. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीते चार जुलाई को सदन में आरोप लगाया था कि संसद सत्र जारी रहने के बावजूद उन्हें ईडी द्वारा समन भेजा गया है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, पिछले सात वर्षों में कुल 1,133 उम्मीदवारों और 500 सांसदों-विधायकों ने पार्टियां बदलीं और चुनाव लड़े. कांग्रेस के बाद बहुजन समाज पार्टी दूसरी ऐसी पार्टी रही, जिससे सबसे अधिक उम्मीदवार और सांसद-विधायक अलग हुए.
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से कहा कि सांसदों और विधायकों के ख़िलाफ़ मामलों में भले ही गवाहों की तरफ से सुरक्षा की मांग की गई हो या नहीं, उन्हें गवाह संरक्षण योजना के तहत सुरक्षा उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
केंद्र सरकार ने 12,000 साल पहले से भारतीय संस्कृति की उत्पत्ति और विकास का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है. 32 सांसदों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कहा है कि समिति के लगभग सभी सदस्य एक विशिष्ट सामाजिक समूह से हैं, जो देश के बहुलतावादी समाज को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया है कि पांच मार्च 2020 और 10 सितंबर 2020 के आदेश के अनुपालन में उच्च न्यायालयों को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों/विधायकों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार निरोधक क़ानून के तहत 175 मामले और धनशोधन निषेध क़ानून के तहत 14 मामले लंबित हैं.