कृषि क़ानून रद्द करने को कथित तौर पर अपनी अंतिम इच्छा बताकर टिकरी बॉर्डर के पास किसान ने जान दी

पुलिस ने बताया कि किसान द्वारा कथित तौर पर छोड़े गए सुसाइड नोट में उनके द्वारा उठाए गए इस क़दम के लिए तीन कृषि क़ानूनों को जिम्मेदार ठहराया गया है. उन्होंने इसमें यह भी कहा है कि केंद्र को इन क़ानूनों को निरस्त करके उनकी आख़िरी इच्छा पूरी करनी चाहिए.

भाजपा का साथ देना बड़ी भूल थी, सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है: नरेश टिकैत

दिल्ली में कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन की गूंज गुरुवार को पूर्वांचल में भी सुनाई दी, जहां बस्ती ज़िले में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने किसान पंचायत का आयोजन किया और जमकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा.

दिल्ली पुलिस ने आंदोलनरत किसानों को हटने की चेतावनी वाले पोस्टर लगाए, किसानों ने निंदा की

कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले क़रीब तीन महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व सामूहिक निकाय ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से कहा गया है कि वह पुलिस के इस क़दम का विरोध करता है, क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की.

किसान महापंचायत: कृषि प्रदर्शन में ग्रामीणों ने अर्थव्यवस्था का मुद्दा उठाया

वीडियो: हरियाणा और उत्तर प्रदेश में तेज़ी से किसान महापंचायत अपना विस्तार कर रही हैं, जहां खुलकर सत्ता की नीतियों के बारे में चर्चा की जा रही है और किसानों को कृषि क़ानून और इससे जुड़े पहलुओं को समझाने का प्रयास किया जा रहा है. इस बारे में बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजॉय आशीर्वाद.

किसानों को मनाने पश्चिमी यूपी पहुंचे भाजपा नेताओं को झेलना पड़ा गुस्सा, ट्रैक्टर लगाकर रोका काफ़िला

राज्य में ज़िला पंचायत चुनावों से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने भाजपा से जुड़े किसान नेताओं को किसानों के बीच जाकर कृषि क़ानूनों संबंधी 'भ्रांतियां' दूर करने की ज़िम्मेदारी दी है. हालांकि शामली क्षेत्र में पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री संजीव बालियान और भाजपा के अन्य नेताओं को किसानों की ख़ासी नाराज़गी झेलनी पड़ी.

क्या भारत में जनतंत्र का भविष्य है?

वीडियो: वर्तमान किसान आंदोलन और अन्य आंदोलनों के प्रति नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिक्रिया पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद की द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत.

किसानों ने आंदोलन तेज़ करने के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा की

किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि 23 फरवरी को ‘पगड़ी संभाल दिवस’ और 24 फरवरी को ‘दमन विरोधी दिवस’ मनाया जाएगा. इस दौरान इस बात पर जोर दिया जाएगा कि किसानों का सम्मान किया जाए और उनके ख़िलाफ़ कोई दमनकारी कार्रवाई न की जाए.

किसान संगठन ने कहा, सत्ता के शीर्ष पर बैठे पीएम मोदी एमएसपी पर सफेद झूठ बोल रहे हैं

अखिल भारतीय किसान सभा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दावा बिल्कुल झूठा है कि उनकी सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशों के अनुसार किसानों को लाभकारी मूल्य दे रही है. सभा का कहना है कि भले ही भाजपा ने इन सिफ़ारिशों को लागू करने का वादा किया था, लेकिन इसे अमल में लाने के लिए उसकी सरकार ने कुछ नहीं किया.

किसान आंदोलन: पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं में गिरावट आई

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर 2020 में पंजाब और हरियाणा में रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं में काफी कमी आई है. इसके अलावा इसी महीने में जियो एकमात्र ऐसी बड़ी कंपनी रही, जिसके उपभोक्ता कम हुए हैं.

शांतिपूर्ण तरीके से हुआ किसानों का रेल रोको प्रदर्शन, रेलवे ने कहा- ट्रेन परिचालन पर मामूली असर

किसान आंदोलन के प्रमुख संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग के लिए दबाव बनाने को लेकर गुरुवार को चार घंटे के रेल रोको प्रदर्शन का आह्वान किया था. इस दौरान विभिन्न राज्यों में रेलवे स्टेशनों पर प्रदर्शन करते हुए पटरियों को अवरुद्ध कर दिया गया और नारेबाज़ी हुई.

असंतुष्टों को चुप कराने के लिए राजद्रोह क़ानून नहीं लगा सकते: दिल्ली कोर्ट

दिल्ली की एक अदालत ने फेसबुक पर किसान आंदोलन से जुड़ा कथित फ़र्ज़ी वीडियो डालने के एक मामले की सुनवाई में कहा कि शांति-व्यवस्था क़ायम रखने के लिए सरकार के पास राजद्रोह क़ानून एक शक्तिशाली औजार है पर इसे उपद्रवियों को क़ाबू करने के बहाने असंतुष्टों को चुप कराने के लिए लागू नहीं किया जा सकता.

कृषि क़ानूनों के प्रचार अभियान पर केंद्र ने चार महीनों में क़रीब आठ करोड़ रुपये ख़र्चे

कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर राज्यसभा में बताया कि सितंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच उनके मंत्रालय द्वारा कृषि क़ानूनों से संबंधित मुद्दों पर विज्ञापन जारी करने के लिए 7,25,57,246 रुपये का भुगतान किया गया है.

सरकार अड़ि‍यल रवैया छोड़ दे तो सुलझ सकता है मामला: नरेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि कृषि घाटे का सौदा हो गई है और सरकार कह रही है कि इसमें फ़ायदा है, हमें अपना नफ़ा-नुकसान पता है, इसलिए वे इस तरह का रवैया न अपनावे.

मोदी के लिए लगाई थी गंगा में डुबकी, अब विश्वास की नैया डूबी

वीडियो: उत्तर प्रदेश में शामली के गौरव पवार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी मिले, इसके लिए गंगा में डुबकी लगाई थी. किसान आंदोलन में ऐसा क्या हुआ कि उनके कट्टर समर्थक रहे गौरव का भ्रम टूट गया?

आंदोलन के दौरान किसानों की मौत पर परिजनों को सहायता से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं: कृषि मंत्री

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने किसानों के साथ 11 दौर की वार्ता के दौरान कृषि क़ानूनों की क़ानूनी वैधता सहित उनसे होने वाले लाभों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है. हालांकि किसान यूनियनों ने इस पर चर्चा करने पर कभी भी सहमति व्यक्त नहीं की, वे केवल क़ानूनों को वापस लेने पर अड़े रहे.

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