मुद्रा योजना के तहत बढ़ता एनपीए चिंता का विषय: रिज़र्व बैंक डिप्टी गवर्नर

रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एमके जैन ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे मुद्रा लोन देते समय दस्तावेज़ों की जांच-परख के स्तर पर क़र्ज़ किस्त के भुगतान की क्षमता पर भी गौर करें और इस तरह के क़र्ज़ का उनकी पूरी अवधि तक निगरानी करें.

सरकारी रिपोर्ट में खुलासा, मुद्रा लोन के सिर्फ 20 फीसदी लाभार्थियों ने नया बिजनेस खड़ा किया

मुद्रा योजना पर केंद्रीय श्रम मंत्रालय की सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि इस योजना के तहत जितने अतिरिक्त रोजगार पैदा हुए उसमें आधे से भी ज्यादा स्व-रोजगार थे.

एक साल के भीतर मुद्रा लोन के एनपीए में दोगुनी से भी ज़्यादा की वृद्धि

आरटीआई के तहत प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मुद्रा योजना के तहत कुल 30.57 लाख खातों का 16,481.45 करोड़ रुपये एनपीए घोषित किया गया है.

अगर 35 लाख लोगों की नौकरी गई है तो मोदी-शाह किन्हें रोज़गार देने की बात कर रहे हैं

उन 35 लाख लोगों को प्रधानमंत्री सपने में आते होंगे, जिनके एक सनक भरे फैसले के कारण नौकरियां चली गईं. नोटबंदी से दर-ब-दर हुए इन लोगों तक सपनों की सप्लाई कम न हो इसलिए विज्ञापनों में हज़ारों करोड़ फूंके जा रहे हैं. मोदी सरकार ने साढ़े चार साल में करीब 5000 करोड़ रुपये इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट के विज्ञापनों पर ख़र्च किए हैं.

30 हज़ार रुपये का पिज़्ज़ा खाने वालों को 12,000 की नौकरी नहीं दिखाई देती: गिरिराज सिंह

केंद्रीय लघु व मध्यम उद्योग राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं उन लोगों को दिखाना चाहता हूं कि नौकरी कैसे पैदा की जाती है. जिन लोगों ने गरीबी नहीं देखी वे कहते हैं कि रोज़गार नहीं है.’