टीवी की ज़हरीली बहसें महज़ लक्षण हैं, राजनीति और समाज को खा रही बीमारी तो कहीं और है

बीते दिनों केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कई प्राइम टाइम टीवी एंकरों और बड़े चैनलों के संपादकों को यह चर्चा करने के लिए बुलाया कि क्या समाचार चैनलों पर सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाली बहसों को कम किया जा सकता है. मंत्री जी स्पष्ट तौर पर ग़लत जगह इलाज का नुस्ख़ा आज़मा रहे हैं, जबकि असल रोग उनकी नाक के नीचे ही है.

नालंदा: धर्मों की खींचातानी के बीच माड़ी की मस्जिद को सहेजते इन हिंदुओं का धर्म मानवता है

नालंदा ज़िले के बेन ब्लॉक की कांट पंचायत के माड़ी गांव में क़रीब 200 साल पुरानी मस्जिद की देखरेख बीते कई बरसों से इस गांव की हिंदू आबादी के ज़िम्मे है. देश के धार्मिक दबंगई के माहौल में एक दूसरे की आस्था और विश्वास को बनाए रखने वाले इन ग्रामीणों में सूफ़ी और भक्ति परंपराओं की दुर्लभ तस्वीर नज़र आती है.

क्या हम असल में हत्या की संस्कृति के विरुद्ध हैं या सिर्फ़ अपने लिए हत्या का अधिकार चाहते हैं

उदयपुर की हत्या की वीभत्सता, नृशंसता को हम इतना भी अजनबी न मानें. यह हमारे समाज का स्वभाव है. पर क्या इस हत्या पर हमारा ध्यान इसलिए टिका हुआ है कि मारा जाने वाला कौन है और उसे मारा किसने है?

देश में मौजूदा हालात डर की वजह बन गए हैं: अमर्त्य सेन

कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान नोबेल सम्मानित अर्थशास्त्री ने कहा कि भारतीय न्यायपालिका अक्सर विखंडन के ख़तरों की अनदेखी करती है, जो डराने वाला है. एक सुरक्षित भविष्य के लिए न्यायपालिका, विधायिका और नौकरशाही के बीच संतुलन होना ज़रूरी है, जो भारत में नदारद है. यह असामान्य है कि लोगों को सलाखों के पीछे डालने के लिए औपनिवेशिक क़ानूनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

दिल्ली दंगा: युवकों को राष्ट्रगान गाने पर मजबूर करने वाले पुलिसवालों की दो साल बाद भी पहचान नहीं

साल 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ पुलिसवाले ज़मीन पर घायल पड़े फ़ैज़ान और अन्य युवकों को पीटते हुए उनसे राष्ट्रगान और वंदे मातरम गंवाने को मजबूर करते देखे जा सकते थे. घटना के बाद 23 वर्षीय फ़ैज़ान की मौत हो जाती है. दिल्ली पुलिस ने आरोपी पुलिसवालों की सूचना देने वालों को एक लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है.

बुलडोज़र पर सवार भारत तेज़ी से हिंदू फासीवाद की राह पर है

अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.

केरल के कन्नूर में मस्जिद को भेजा गया पुलिस नोटिस अनुचित: मुख्यमंत्री कार्यालय

निलंबित भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर देश में उपजे विवाद के बीच केरल के कन्नूर ज़िले की एक मस्जिद को मय्यिल पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने नोटिस जारी कर कहा था कि कोई भी नफ़रती भाषण नहीं होना चाहिए, जो क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता हो. ऐसा भाषण देने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.

उत्तर प्रदेश: गांव गए फ़कीरों से अभद्रता का वीडियो सामने आया, युवक ने उन्हें ‘जिहादी-आतंकी’ कहा

उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि तीन फ़कीरों से अभद्रता के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि इस तथ्य की भी जानकारी की जा रही है कि ये तीनों फ़कीर कौन लोग थे और किस कारण से उस ग्रामसभा में गए थे.

अब और आंदोलन नहीं, हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की ज़रूरत नहीं: मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि रोज़ाना एक नया मुद्दा नहीं उठाना चाहिए. हमको झगड़ा क्यों बढ़ाना? ज्ञानवापी के बारे में हमारी श्रद्धा परंपरा से चलती आई है, पर हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना? वो भी एक पूजा है. ठीक है बाहर से आई है, लेकिन जिन्होंने अपनाया है वो मुसलमान बाहर से संबंध नहीं रखते. यद्यपि पूजा उनकी उधर की है, उसमें वो रहना चाहते हैं तो अच्छी बात है. हमारे यहां किसी पूजा का

जिस सांप्रदायिकता के बीच नेहरू ख़ुद को अकेला पाते थे, क्या उसे अब सच्चा प्रतिनिधि मिल गया है

गांधी के बारे में जाता है कि वे अपने आख़िरी सालों में अकेले पड़ गए थे. वह अकेलापन, अगर था भी तो गांधी को बहुत कम समय झेलना पड़ा. असली अकेलापन नेहरू का था. वे प्रधानमंत्री थे और गांधी की तरह ही समझौताविहीन धर्मनिरपेक्ष. लेकिन उनकी सरकार हो या पार्टी, उनकी इस धर्मनिरपेक्षता के साथ शायद ही कोई उतनी दृढ़ता से खड़ा था.

भाजपा और हिंदुत्व ब्रिगेड के लिए मुग़ल नए खलनायक हैं

मुग़ल शब्द को भारतीय मुसलमानों को इंगित करने वाला प्रॉक्सी बना दिया गया है. पिछले आठ सालों में, इस समुदाय को- आर्थिक, सामाजिक और यहां तक कि शारीरिक तौर पर- निशाना बनाना न सिर्फ उन्मादी गिरोहबंद भीड़, बल्कि सरकारों की भी शीर्ष प्राथमिकता बन गई है.

केरल: हेट स्पीच मामले में पीसी जॉर्ज की ज़मानत रद्द, दोबारा गिरफ़्तार

कांग्रेस की केरल इकाई के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज ने अप्रैल महीने में दिए मुस्लिम-विरोधी बयान के लिए एक मई को गिरफ़्तार किया गया था. पुलिस ने बताया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने ज़मानत देते हुए निर्देश दिया था कि आरोपी ऐसा कोई विवादित बयान न दें जिससे दूसरों की धार्मिक भावनाएं आहत हों. लेकिन उन्होंने ऐसा किया.

मदरसे बंद करना और समान नागरिक संहिता मुस्लिमों के हित में: हिमंता बिस्वा शर्मा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े साप्ताहिक ‘पाञ्चजन्य’ और ‘ऑर्गेनाइजर’ के एक कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि बच्चों को मदरसों में प्रवेश देना मानवाधिकारों का उल्लंघन है. किसी भी धार्मिक संस्थान में प्रवेश उस उम्र में होना चाहिए, जिसमें वे अपने फ़ैसले खुद ले सकें.

अब वह भारत भी नहीं रहा, जिसमें जन्म लिया…

जो भारत अब तक बना था, जिसे हम यहां की प्रकृति और किताबों में पढ़ते थे ऐसा लगता है कि वह ‘आज़ादी के अमृत काल’ में विष के समुद्र में लगातार धकेला जा रहा है.

दिल्ली: विरोध के बीच नगर निगमों द्वारा विभिन्न इलाकों में अतिक्रमण-रोधी अभियान जारी

शुक्रवार को उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के प्राधिकारियों ने मंगोलपुरी में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया. इससे पहले बृहस्पतिवार को मदनपुर खादर इलाके में हिंसक प्रदर्शन हुआ एवं पत्थरबाज़ी हुई. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि वैध ढांचे भी ध्वस्त किए जा रहे हैं. उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अभियान रोकने का आग्रह किया है.

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