वीडियो: उत्तराखंड के पुरोला में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा प्रस्तावित 'महापंचायत' स्थगित होने के अगले दिन स्थानीय बाज़ार खुले दिखे. द वायर से बातचीत में दुकानदारों ने कहा कि क्षेत्र ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों में विद्वेष पहले देखने को नहीं मिला और अब मीडिया के माध्यम से कुछ लोगों ने ऐसे जताया कि यहां कुछ ग़लत हो रहा है.
यह निर्णायक बात कि इस बहुभाषी-बहुधर्मी देश में सुलह, समन्वय, सामंजस्य और शांति के अलावा दूसरा रास्ता नहीं है, अकबर के वक़्त यानी सोलहवीं शताब्दी में ही समझ ली गई थी, उसे आज क्यों नहीं समझा जा सकता?
अयोध्या में एक तरफ राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख़ तय हो रही है, वहीं, धन्नीपुर में मिली वैकल्पिक ज़मीन पर प्रस्तावित 'मस्जिद-ए-अयोध्या' की बस नींव रखी जा सकी है. मस्जिद निर्माण का ज़िम्मा संभाल रहा इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नक़्शा पास कराने की जद्दोज़हद और धन की कमी से जूझ रहा है.
वीडियो: पिछले महीने मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो युवकों द्वारा एक लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी शहर में तनाव व्याप्त है. तनाव के बीच पुरोला बाज़ार में कुछ पोस्टर लगाए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून से पहले दुकानें ख़ाली करने को कहा गया है.
2021 में होने वाली जनगणना अब तक नहीं हुई मगर उत्तराखंड में धर्म विशेष के लोगों की आबादी बढ़ने के फ़र्ज़ी आंकड़े सरेआम प्रचारित हो रहे हैं. उधर, राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट की फटकार की परवाह न करते हुए कभी धर्मांतरण क़ानून, कभी समान नागरिक संहिता, तो कभी 'लैंड जिहाद' के नाम पर सांप्रदायिक तत्वों को हवा दे रही है.
पिछले महीने मुस्लिम समुदाय के एक व्यक्ति सहित दो युवकों द्वारा एक लड़की के कथित अपहरण के प्रयास के बाद से उत्तराखंड के उत्तरकाशी शहर में तनाव व्याप्त है. तनाव के बीच पुरोला बाज़ार में कुछ पोस्टर लगाए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली करने को कहा गया है.
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के एक समूह द्वारा उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह को लिखे पत्र में अप्रैल महीने के 12 दिनों की अवधि में घटी चार घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि सभी घटनाएं हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा मुसलमानों के ख़िलाफ़ अंज़ाम दी गईं. पत्र में ऐसी घटनाओं पर उत्तराखंड की भाजपा सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाए गए हैं.
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन से पता चला है कि उच्च शिक्षा में मुस्लिम छात्रों के नामांकन में 8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. 20 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन सबसे ख़राब रहा. यहां 36 प्रतिशत की गिरावट आई है. वहीं केरल में 43 प्रतिशत मुसलमानों ने उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराया है.
राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिनमें बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी शामिल थे.
वीडियो: अमेरिकी विदेश विभाग ने बीते दिनों भारत में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ होते ‘निरंतर लक्षित हमलों’ पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि अमेरिकी नरसंहार संग्रहालय भारत को ‘सामूहिक नरसंहार की संभावना रखने वाले’ देश के रूप में देखता है. इस मुद्दे पर पत्रकार, लेखक और एमनेस्टी इंडिया के प्रमुख आकार पटेल से बातचीत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने वॉशिंगटन जाने वाले हैं, उससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ होते ‘निरंतर लक्षित हमलों’ पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि अमेरिकी नरसंहार संग्रहालय भारत को ‘सामूहिक नरसंहार की संभावना रखने वाले’ देश के रूप में देखता है.
ब्रिटेन के टेबलॉयड ‘डेली मेल’ ने एक रिपोर्ट में बताया है कि अगस्त 2022 में लेस्टर शहर में भड़के दंगों में ब्रिटिश हिंदुओं को मुस्लिम युवाओं से उलझने के लिए उकसाने का संदेह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के क़रीबी तत्वों पर है. उस समय मुसलमानों और उनके घरों पर हमलों के साथ-साथ हिंदू मंदिरों और घरों पर हमले और तोड़फोड़ की ख़बरें आई थीं.
आरएसएस के एक कार्यक्रम में केंद्रीय क़ानून और न्याय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह बघेल ने कहा कि सहिष्णु मुसलमानों को उंगलियों पर गिना जा सकता है, यहां तक कि जो सहिष्णु दिखाई देते हैं वे भी इसे एक ‘मास्क’ की तरह इस्तेमाल करते हैं. वे ऐसा सिर्फ़ सार्वजनिक जीवन में बने रहने के लिए करते हैं.
विधानसभा चुनावों से ठीक पहले कर्नाटक की भाजपा सरकार ने 4 फ़ीसदी मुस्लिम आरक्षण को ख़त्म कर दिया था, जिसके अदालत में चुनौती दी गई. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में टिप्पणी की थी. शीर्ष अदालत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब मामला विचारधीन हो तो राजनीतिक बयानबाज़ी नहीं होनी चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2022 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति बिगड़ती रही. राज्य और स्थानीय स्तर पर धार्मिक रूप से भेदभावपूर्ण नीतियों को बढ़ावा दिया गया.