अवध की बलरामपुर रियासत गंगा-जमुनी तहज़ीब का पूर्वी द्वार कही जाती थी. 1997 में कुछ क्षेत्रों को मिलाकर इसे ज़िला बनाया गया तो रहवासियों ने विकास के सपने देखे. पर अब हाल यह है कि 2021 में नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक में यह देश का सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाला चौथा ज़िला रहा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका के बेटे तेज़ हज़ारिका और नानाजी देशमुख के क़रीबी रिश्तेदार वीरेंद्रजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया.
चुनावी बातें: नेताओं की बदज़ुबानी के लिए उन्हें सबक सिखाने में मतदाताओं की उदासीनता भी ज़िम्मेदार है, लेकिन एक वो समय था जब 1962 में उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट के मतदाताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे वाकपटु नेता की अभद्र टिप्पणी के चलते उनकी जीती हुई बाज़ी पलटकर हार का मज़ा चखा दिया था.
संघ विचारक नानाजी देशमुख और संगीतकार भूपेन हज़ारिका को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी बधाई.