पश्चिम बंगाल में आठ चरणों के मतदान कार्यक्रम को भाजपा की रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है, हालांकि ममता बनर्जी भी अप्रत्याशित रूप में लंबे इस मतदान कार्यक्रम का लाभ अपने उम्मीदवारों के लिए डटकर प्रचार के साथ ही हरेक दौर के लिए सापेक्ष रणनीति बनाने के लिए उठा सकती हैं.
टीएमसी नेताओं के लगातार पार्टी छोड़ने के बीच ममता बनर्जी अपने प्रतिद्वंदियों से बुरी तरह घिरी नज़र आ रही हैं. भाजपा के आक्रामक हमलों के बीच ममता ने टीएमसी के गढ़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. क्या यह दांव उनके राजनीतिक विरोधियों को पस्त कर पाएगा?
नंदीग्राम में ज़मीन अधिग्रहण के विरुद्ध विशाल जनांदोलन के चलते ही ममता बनर्जी उभरी थीं और 2011 में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में पहुंची थी. साल 2016 में तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव जीतने वाले शुभेंदु अधिकारी कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं.