द वायर बुलेटिन: भाजपा समर्थक फेसबुक पेजों ने दो हफ्ते में प्रचार पर ख़र्च किए डेढ़ करोड़ रुपये

उत्तराखंड में सीनियरों द्वारा छात्र की पीट-पीटकर हत्या के बाद प्रशासन द्वारा शव को स्कूल में ही दफनाने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

झूठ बोलने और धोखा देने वालों को गंगा जी दंडित करती हैं: जलपुरुष राजेंद्र सिंह

साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने कहा था, 'मैं गंगा का बेटा हूं, गंगा ने मुझे बुलाया है. गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए काम करूंगा.’ पांच साल बीत गये, लेकिन इस सरकार ने गंगा जी की निर्मलता-अविरलता हेतु कुछ भी काम नहीं किया है. जैसे गंगा जी पहले मैली थीं, अब उससे भी ज्यादा मैली हो गई हैं.

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता पर खतरा है

आयोग ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना और कॉरपोरेट फंडिंग को असीमित करने से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के पारदर्शिता पहलू पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. राजनीतिक दलों को अनियंत्रित विदेशी फंडिंग की अनुमति मिलेगी और इससे भारतीय नीतियां विदेशी कंपनियों से प्रभावित हो सकती हैं.

मोदी के खिलाफ़ 111 किसान: भाजपा ने उनकी मांगों को घोषणापत्र में शामिल करने का किया वादा

वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ़ चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके 111 किसानों की योजना है कि वे अपना नामांकन दाखिल करेंगे और अघोरी साधुओं की वेषभूषा में मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे.

मीडिया बोल: चुनाव में ‘चौकीदारी’ बनाम गरीबों की ‘तरफ़दारी’

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश लोकसभा चुनाव से पहले किए कांग्रेस के न्यूनतम आय योजना के वादे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मैं भी चौकीदार अभियान पर वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह और और अमर उजाला के पॉलिटिकल एडिटर विनोद अग्निहोत्री से चर्चा कर रहे हैं.

बिना रोजगार सृजन के सात फीसदी जीडीपी वृद्धि दर संदेह के घेरे में है: रघुराम राजन

आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर उपजे संदेह को दूर करने के लिए एक निष्पक्ष समूह की नियुक्ति पर जोर दिया है.

नमामि गंगे के तहत श्मशान घाट बनाने में ख़र्च पर बतौर मंत्री उमा भारती ने उठाए थे सवाल

द वायर एक्सक्लूसिव: उमा भारती द्वारा इस दिशा में चिंता जाहिर करने के बावजूद मोदी सरकार ने घाट एवं श्मशान घाट से संबंधित योजनाओं के लिए 966 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. ये राशि शुरुआत में आवंटित की गई धनराशि से दोगुनी से भी ज़्यादा है.

उत्तर प्रदेश: सोशल मीडिया पर मोदी सरकार पर टिप्पणी करने के चलते सात सरकारी शिक्षक निलंबित

व्हाट्सऐप और फेसबुक पर पुलवामा हमले, बालाकोट एयरस्ट्राइक और केंद्र सरकार पर आलोचनात्मक टिप्पणियां करने के आरोप में विभिन्न ज़िलों के सात सरकारी शिक्षकों को निलंबन और एक निजी स्कूल के एक शिक्षक के ख़िलाफ़ एफआईआर का आदेश दिया गया है.

ग्रामीण संकट: आठ सालों में पिछले साल मनरेगा के तहत नौकरियों की सबसे अधिक मांग रही

मौजूदा वित्त वर्ष (25 मार्च तक) में मनरेगा के तहत 255 करोड़ व्यक्ति कार्य दिवस पैदा किया गया जो कि 2010-11 के बाद से इस योजना के तहत व्यक्ति कार्य दिवस की सबसे अधिक संख्या है.

भाजपा नेता ने कहा- दो गुजराती ठग लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं, पार्टी से निष्कासित

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व पर हमला करते हुए पार्टी के पूर्व प्रवक्ता आईपी सिंह ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की आजमगढ़ से उम्मीदवारी का भी स्वागत किया और उन्हें अपने आवास को चुनाव अभियान कार्यालय के रूप में उपयोग करने की पेशकश की.

मुरली मनोहर जोशी से कहा गया, मोदी-शाह नहीं चाहते कि आप लोकसभा चुनाव लड़ें

ये संदेश पार्टी के महासचिव राम लाल ने सोमवार को जोशी को दिया. मुरली मनोहर जोशी ने एक पत्र जारी कर इसकी पुष्टि की है. अब ऐसा माना जा रहा है कि लालकृष्ण आडवाणी के बाद भाजपा जोशी का भी टिकट काट देगी.

द वायर बुलेटिन: उत्तर प्रदेश में होलिका दहन की रात मुस्लिम बुजुर्ग की पीट-पीटकर हत्या

पिछले छह साल में रोजगार की तलाश करने वाली ग्रामीण महिलाओं की संख्या में आई 2.8 करोड़ की गिरावट समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

मैं चौकीदार नहीं हो सकता क्योंकि मैं ब्राह्मण हूं: भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी

थांथी टीवी नाम के एक तमिल समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में स्वामी ने कहा कि ब्राह्मण होने की वजह से उन्होंने ट्विटर पर अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द नहीं जोड़ा.

पिछले छह साल में रोजगार की तलाश करने वाली ग्रामीण महिलाओं की संख्या में 2.8 करोड़ की कमी आई

साल 2004-05 से अब तक पांच करोड़ से अधिक ग्रामीण महिलाएं राष्ट्रीय बाजार की नौकरियां छोड़ चुकी हैं. ये आंकड़े एनएसएसओ की पीरियाडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) 2017-18 की रिपोर्ट पर आधारित हैं जिन्हें जारी करने पर मोदी सरकार ने रोक लगा दी है.

क्या मोदी सरकार ने चुनावी फायदे के लिए एक स्वतंत्र और विश्वसनीय लोकपाल की बलि दे दी

लोकपाल के अध्यक्ष और इसके सदस्यों की नियुक्ति में सत्ता पक्ष के सदस्यों की संख्या अधिक थी और चयन में पूरी तरीके से गोपनीयता बरती गई. ऐसा करना लोकपाल कानून के प्रावधानों का पूरी तरह से उल्लंघन है. चयन प्रक्रिया से समझौता करके मोदी सरकार ने कामकाज शुरू करने से पहले ही लोकपाल संस्था को कमजोर कर दिया है.

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