नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास को लेकर प्रस्ताव पारित किया

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने तीन प्रस्ताव पारित किए, जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी तथा पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किया गए हैं. पार्टी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के ‘नस्ली सफाए’ के साज़िशकर्ताओं को कभी भी जम्मू कश्मीर नहीं मिलेगा.

जम्मू कश्मीर: इस्लाम के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ संबंधी सामग्री वाली किताब वापस लेने का निर्देश

जम्मू कश्मीर स्कूली शिक्षा बोर्ड ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख के सभी स्कूलों को दिल्ली के एक प्रकाशन हाउस द्वारा प्रकाशित एक किताब वापस लेने का निर्देश दिया, जिसमें इस्लाम के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ करने वाली सामग्री है. प्रकाशन हाउस ने सातवीं कक्षा के लिए ‘हिस्ट्री एंड सिविक्स’ नाम की इस किताब के 2020 के संस्करण में ग़लती के लिए खेद जताया है.

हैदरपोरा एनकाउंटर: पीड़ित परिवार ने शव मांगा, कहा- आख़िरी बार चेहरा देखना चाहते हैं

जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के हैदरपोरा में बीते 15 नवंबर को हुए एनकाउंटर में मोहम्मद आमिर मागरे और तीन अन्य की मौत हो गई थी. पुलिस इनके आतंकी या उनका सहयोगी होने का दावा कर रही है. लेकिन पीड़ित परिवार का कहना है कि वे निर्दोष थे. पुलिस ने बीते नवंबर महीने में ही इस एनकाउंटर में मारे गए दो आम नागरिकों के शव उनके परिजनों को लौटा चुकी है.

निशाना बनाकर की गईं हत्याएं बंद होने के बाद जम्मू कश्मीर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा: भाजपा

भाजपा महासचिव अशोक कौल ने कहा कि जब आम आदमी बिना किसी डर के मुक्त रूप से घूमने लगेगा तो केंद्रशासित प्रदेश के राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा. इस बयान की निंदा करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निशाना बनाकर की गईं हत्याएं केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर प्रशासन की ‘सामूहिक विफलता’ को दर्शाती हैं. 

श्रीनगरः एनकाउंटर में तीन संदिग्ध आतंकियों की मौत, चश्मदीदों ने पुलिस के दावों पर संदेह जताया

श्रीनगर में 24 नवंबर की शाम पुलिस मुठभेड़ में तीन संदिग्ध आतंकियों को मार गिराया गया था, लेकिन स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जिन लड़कों को पुलिस ने मुठभेड़ में मारा, वे निहत्थे थे और सड़क किनारे खड़े थे.

हैदरपोरा मुठभेड़: दो मृत नागरिकों के शव क़ब्र से निकालकर दोबारा सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि दफनाए दिए गए इन शवों को बृहस्पतिवार को अधिकारियों ने बाहर निकाला था ताकि उन्हें उनके परिवार को सौंपा जा सके. कोविड-19 महामारी के बाद यह पहला मौका है, जब पुलिस की निगरानी में दफनाए गए शवों को वापस निकाल कर उनके परिजन को लौटाया गया.

हैदरपोरा मुठभेड़: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताया था, वहीं इनके परिवारों का कहना है कि वे आम नागरिक थे. चार में से तीन के परिजनों द्वारा प्रदर्शनों के बीच मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं.

हैदरपोरा मुठभेड़: मारे गए नागरिकों के परिवारों ने प्रदर्शन किया, शव लौटाने की मांग

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक व्यापारी मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदस्सिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने आतंकियों का सहयोगी बताते हुए दोनों लोगों के शवों को दफ़ना दिया है, जबकि परिजनों का कहना है कि वे आम नागरिक थे और उनके शवों का वापस करने की मांग की है.

कश्मीर: हैदरपोरा मुठभेड़ में मृत नागरिकों के परिजनों ने कहा, उनका उपयोग मानव ढाल के तौर पर हुआ

बीते 15 नवंबर को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान दो संदिग्ध आतंकियों की मौत के साथ ही दो नागरिकों की भी मौत हुई थी. इनमें से एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ भट और दूसरे दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं. पुलिस ने दोनों को आतंकियों का सहयोगी होने का दावा किया है, जबकि इनके परिवारों का आरोप है कि सुरक्षा बलों ने इनका इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के तौर

रिश्वत आरोप के बाद मलिक ने कहा- सबको पता है कि कश्मीर में आरएसएस प्रभारी कौन था

मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि जब वे जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तो उन्हें ‘अंबानी’ और ‘आरएसएस से संबद्ध’ एक व्यक्ति की दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले में 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, हालांकि उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था. जब आरएसएस नेता राम माधव से कहा गया कि वह उस समय जम्मू कश्मीर में थे, तो उन्होंने कहा कि आरएसएस का कोई भी व्यक्ति ऐसा कुछ नहीं करेगा. 

महबूबा ने अपमानजनक टिप्पणी को लेकर राज्यपाल सत्यपाल मलिक को क़ानूनी नोटिस भेजा

जम्मू कश्मीर के पूर्व और वर्तमान में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कथित तौर पर कहा था कि पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती को रोशनी योजना का लाभ मिला था. मुफ़्ती ने एक क़ानूनी नोटिस भेजकर 10 करोड़ रुपये के मुआवजे़ की मांग की हैं. साल 2001 में लागू रोशनी योजना का उद्देश्य राज्य की ज़मीन पर क़ब्ज़ा रखने वाले लोगों को शुल्क के एवज में उसका मालिकाना हक़ देना था. हालांकि हाईकोर्ट ने इसे असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर

जम्मू कश्मीर: सैयद अली शाह गिलानी के पोते और एक स्कूली शिक्षक बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर सरकार ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. उपराज्यपाल द्वारा इनकी बर्ख़ास्तगी संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत की गई है. संविधान के इस प्रावधान के अनुसार सरकार को बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार मिला हुआ है.

जम्मू कश्मीर में अल्पसंख्यकों की हत्या; कश्मीरी पंडितों को 1990 के आतंकी दौर के दोहराव की आशंका

कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति के अध्यक्ष ने कहा कि क़रीब 500 या इससे अधिक लोगों ने बडगाम, अनंतनाग और पुलवामा जैसे इलाकों को छोड़कर जाना शुरू कर दिया है. कुछ ग़ैर कश्मीरी पंडित परिवार भी चले गए हैं. यह साल 1990 का दोहराव है. इस संबंध में हमने जून में उपराज्यपाल कार्यालय से मिलने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक वक़्त नहीं दिया गया. जम्मू कश्मीर में बीते छह दिनों में सात नागरिकों की हत्या हुई है.

कश्मीर: नागरिकों की हत्या की निंदा करते हुए विपक्ष ने सुरक्षा विफलता के लिए केंद्र पर निशाना साधा

जम्मू कश्मीर में बीते पांच दिनों सात नागरिकों की हत्या हुई है, जिनमें से छह श्रीनगर में हुईं. मृतकों में से चार अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, आतंकवादियों ने 2021 में अब तक 28 नागरिकों की हत्या की है. अभी तक 97 आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें 71 सुरक्षा बलों पर और 26 नागरिकों पर हुए हैं.

जम्मू कश्मीर: जांच को दरकिनार करने वाले क़ानून के तहत छह सरकारी कर्मचारी बर्ख़ास्त

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने इन लोगों पर आतंकवादियों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है. इनकी बर्ख़ास्तगी उस कमेटी द्वारा की गई है, जिसका गठन संविधान के अनुच्छेद 311 (2)(सी) के तहत किया गया है. इस कमेटी के पास बिना जांच के ही संबंधित अधिकारी को बर्ख़ास्त करने का अधिकार होता है.

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