साध्वी प्रज्ञा को प्रत्याशी बना भाजपा देखना चाहती है कि हिंदुओं को कितना नीचे घसीटा जा सकता है

लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?