भगत सिंह: वो चिंगारी जो ज्वाला बनकर देश के कोने-कोने में फैल गई थी…

अगस्त 1929 में जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में हुई एक जनसभा में उस समय जेल में भूख हड़ताल कर रहे भगत सिंह और उनके साथियों के साहस का ज़िक्र करते हुए कहा कि ‘इन युवाओं की क़ुर्बानियों ने हिंदुस्तान के राजनीतिक जीवन में एक नई चेतना पैदा की है... इन बहादुर युवाओं के संघर्ष की अहमियत को समझना होगा.’

भगवतीचरण वोहरा: जिनके त्याग के आगे भगत सिंह को अपना बलिदान तुच्छ नज़र आता था

शहादत दिवस पर विशेष: क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा के निधन पर भगत सिंह के शब्द थे, ‘हमारे तुच्छ बलिदान उस श्रृंखला की कड़ी मात्र होंगे, जिसका सौंदर्य कॉमरेड भगवतीचरण वोहरा के आत्मत्याग से निखर उठा है.’