सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायाधिकरण सुधार क़ानून पर रोक लगा सकता है: सीजेआई

तय समय से पहले सेवानिवृत किए गए एनसीएलएटी के अध्यक्ष जस्टिस अशोक इकबाल सिंह चीमा की याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि केंद्र के पास न्यायाधिकरण सुधार क़ानून के तहत सेवाओं को समाप्त करने की शक्ति है. इस पर सीजेआई रमना ने कहा कि अदालत इस पर रोक लगा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के आदेश को रद्द किया

शापूरजी पालोनजी परिवार से संबंध रखने वाले साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. मिस्त्री ने रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में कमान संभाली थी. मामले की सुनवाई करते हुए 2019 में राष्ट्रीय कंपनी लॉ अपीलीय न्यायाधिकरण ने मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने टाटा-मिस्त्री मामले में एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगाई

इससे पहले 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को दोबारा टाटा संस का कार्यकारी चेयरमैन बनाने के एनसीएलएटी के आदेश पर रोक लगा दी थी.

साइरस मिस्त्री की बहाली को लेकर एनसीएलएटी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले के खिलाफ बीते 2 जनवरी को टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था और समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर एन. चंद्रशेखर की नियुक्ति को ‘अवैध’ ठहराया था.

साइरस मिस्त्री की वापसी पर एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा टाटा संस

रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में साइरस मिस्त्री टाटा संस के प्रमुख बने थे. अक्टूबर 2016 में उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. इसके बाद मिस्त्री की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनसीएलएटी ने बीते 18 दिसंबर को उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद पर बहाल करने का आदेश दिया था.

ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री को टाटा संस प्रमुख बहाल किया, चंद्रशेखरन की नियुक्ति को अवैध ठहराया

साइरस मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था. वह टाटा संस के छठे चेयरमैन थे. मिस्त्री ने रतन टाटा के पद से हटने के बाद 2012 में कंपनी की कमान संभाली थी.

भूषण पावर की परिसंपत्ति मामले में ईडी और कॉरपोरेट मंत्रालय आपस में बनाएं सहमति: एनसीएलएटी

कॉरपोरेट मंत्रालय और ईडी के बीच इस मुद्दे पर मतभेद बना हुआ है. ईडी का तर्क है कि वह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम क़ानून के तहत भूषण पावर की परिसंपत्तियां कुर्क कर सकता है. वहीं कॉरपोरेट मंत्रालय का कहना है कि निदेशालय ऐसा नहीं कर सकता, क्योंकि कंपनी अभी दिवाला प्रक्रिया से गुज़र रही है.

रिलायंस इन्फ्राटेल पर 230 करोड़ का भुगतान न करने का आरोप, एनसीएलएटी ने अनिल अंबानी से मांगा जवाब

एचएसबीसी डेजी कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण में रिलायंस ग्रुप की कंपनी के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.