महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ़्तार किए गए केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार देर रात के महाड की एक अदालत ने ज़मानत दे दी थी. मामले में नासिक पुलिस ने भी राणे को नोटिस जारी कर उन्हें दो सितंबर को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने सोमवार को कहा था कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आज़ादी को कितने साल हो गए हैं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक ज़ोरदार थप्पड़ मारता. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने राणे की टिप्पणी के विरोध में मंगलवार को राज्य के विभिन्न शहरों में प्रदर्शन भी किया.
पिछले साल नवंबर में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक के महाराष्ट्र स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी. उनका कहना है कि केंद्रीय एजेंसियां उन्हें बेवजह परेशान कर रही हैं. उन्होंने कहा कि वह बीते सात महीने से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि उन्हें राज्य सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है.
महाराष्ट्र में एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी सरकार के दो साल पूरे होने से पहले ही मतभेद सामने आने लगे हैं. जहां एक तरफ स्थानीय कांग्रेस के नेता आगामी चुनाव में अकेले लड़ने की बात कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अकेले चुनाव में जाने वालों को जनता चप्पल से पीटेगी. एनसीपी इस मामले पर स्पष्ट तौर पर कुछ भी बोलने से बच रही है.
चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट के अनुसार, 2019-20 में भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से लगभग 750 करोड़ रुपये का चंदा मिला. यह कांग्रेस पार्टी को मिले 139 करोड़ रुपये से कम से कम पांच गुना अधिक है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए अभियुक्तों की कोविड-19 जांच की जाए और उनका परिणाम नकारात्मक आने पर ही न्यायिक हिरासत में भेजा गया.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के 22 साल के भतीजे तन्मय फडणवीस ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह कोविड-19 वैक्सीन लेते नजर आ रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि आख़िर कैसे फडणवीस के भतीजे को कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाया गया, जबकि उनकी उम्र टीका लगवाने के दायरे में नहीं आती.
महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. यहां पूरे देश के लगभग 40 फ़ीसदी मामले हैं और ज़रूरत के अनुरूप केंद्र सरकार राज्य को रेमडेसिविर आवंटित नहीं कर रही थी, जिसकी सूचना हाईकोर्ट को दिए जाने के बाद अदालत ने जवाब मांगा है.
महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कथित जमाखोरी को लेकर मुंबई पुलिस द्वारा एक फार्मा कंपनी के शीर्ष अधिकारियों से पूछताछ पर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस आदि ने आपत्ति जताई थी. इसे लेकर शिवसेना के नेतृत्व वाली राज्य सरकार और भाजपा आमने-सामने आ गए हैं. बीते दिनों गुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल भी इन इंजेक्शनों को मुफ़्त बांटने को लेकर विवादों के केंद्र में आ गए थे.
असम विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ के साथ हुए कांग्रेस के गठबंधन को भाजपा 'सांप्रदायिक' कह रही है, हालांकि पिछले ही साल राज्य के तीन ज़िला परिषद चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी एआईयूडीएफ की मदद से ही अध्यक्ष पद पर काबिज़ हुए हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र की महाविकास अघाडी सरकार को ‘तीन-पहिया वाली ऑटो-रिक्शा’ कहते हुए उस पर सभी मोर्चों पर नाकाम रहने का आरोप लगाया था. शिवसेना का कहना है कि इस बारे में लंबी बहस हो जाने के डेढ़ साल बाद शाह को इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा.
पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयसिंह राव गायकवाड़ ने पार्टी छोड़ते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र में भाजपा ने संगठन के निर्माण में योगदान वाले वाले वरिष्ठ नेताओं को अकेला छोड़ दिया है, इसलिए ऐसी पार्टी में रहने का कोई औचित्य नहीं है.
जून में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद भी धार्मिक स्थलों को बंद करने के लिए विपक्षी भाजपा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लगातार निशाना बनाती रही है. इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल बीएस कोश्यारी के बीच भी तनातनी सामने आई थी.
शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा के पास न कोई विचारधारा, न आदर्श और न ही संस्कृति है. बिहार में फ्री कोविड-19 टीका देने के भाजपा के चुनावी वादे पर तंज़ कसते हुए उन्होंने कहा कि क्या दूसरे राज्यों के लोग बांग्लादेश या कज़ाकिस्तान से आए हैं.
देश में कोरोना मामलों में शीर्ष पर चल रहे महाराष्ट्र में मंदिर न खोले जाने पर नाराज़गी जताते हुए राज्यपाल बीएस कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि ऐसा लगता है कि आप धर्मनिरपेक्ष बन गए हैं. जवाब में ठाकरे ने उनसे पूछा कि क्या धर्मनिरपेक्षता संविधान का अहम हिस्सा नहीं है.