पिछले माह हुए आम चुनावों में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिल पाने के कारण देश में जारी अनिश्चितता के वातावरण के बीच सीपीएन (माओवादी सेंटर) के अध्यक्ष 68 वर्षीय पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने प्रचंड को चीन का समर्थक माना जाता है.
बीते दिसंबर महीने में उत्तराखंड में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उस घोषणा के बाद भारत और नेपाल के बीच सीमा का मुद्दा गर्मा गया है, जिसमें उन्होंने लिपुलेख क्षेत्र में सड़क विस्तार करने की बात कही थी. नेपाल लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता रहा है.
भारत की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब नेपाल के विपक्षी दलों ने उन ख़बरों को लेकर असंतोष जताया है, जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार उन क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियां कर रही है, जिन्हें नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल किया है. नेपाल की मुख्य विपक्षी पार्टी सीपीएन-यूएमएल द्वारा प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से सीमा मुद्दे पर अपना रुख़ रखने और लिपुलेख पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की गई है.
उत्तराखंड में 30 दिसंबर को एक चुनावी रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने कहा था कि उनकी सरकार लिपुलेख में सड़क विस्तार करने जा रही है. इसके बाद नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख दल नेपाली कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह मुद्दा दोनों देशों के बीच हुए समझौते के ख़िलाफ़ है. नेपाल लिपुलेख को अपना हिस्सा बताता रहा है.
बीते 13 जुलाई को पांचवीं बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले नेपाली कांग्रेस के 75 वर्षीय प्रमुख शेर बहादुर देउबा ने 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 165 मत हासिल किए. देउबा ने नेपाल-भारत संबंधों को मज़बूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है.
नेपाल के निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिनिधि सभा को बहाल किए जाने के बाद देश में 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनाव टाल दिए. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अनुशंसा पर राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने 22 मई को पांच महीनों में दूसरी बार निचले सदन को भंग कर दिया था और मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.
सत्तारूढ़ दलों के बीच बनी सहमति के आधार पर शेर बहादुर देउबा देश के नए प्रधानमंत्री हो सकते हैं.
नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय ने संसद की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर रोक लगाई.
मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने के बाद राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने नेपाल की प्रचंड सरकार से समर्थन वापस ले लिया है.
‘द वायर’ के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टाराई से नेपाल के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम और भारत-नेपाल संबंधों पर बातचीत की...