‘गुमनामी बाबा’ को नेताजी साबित करने की कोशिशों के पीछे मंशा क्या थी?

लगभग चालीस साल पहले अयोध्या में रहने वाले 'गुमनामी बाबा' को सुभाष चंद्र बोस बताए जाने की कहानी एक स्थानीय अख़बार की सनसनीखेज़ सुर्ख़ी से शुरू हुई थी. इसके बाद तो नेताजी के प्रति उमड़ी भावनाओं के अतिरेक ने लोगों को बहाकर वहां ले जा छोड़ा, जहां तर्कों की कोई गुंजाइश नहीं रह जाती.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी ने कहा- वह स्वतंत्र भारत को धर्मनिरपेक्ष देखना चाहते थे

स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनिता बोस फाफ ने उनकी जयंती पर एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है कि जो लोग नेताजी से प्यार करते हैं वे उनके अवशेषों को वापस लाकर उन्हें सबसे अच्छा सम्मान दे सकते हैं. वह अपने पिता के पार्थिव अवशेषों को जापान से भारत वापस लाने के लिए मोदी सरकार से बार-बार अनुरोध करती रही हैं.

नेताजी की बेटी ने कहा, उनकी अस्थियों की डीएनए जांच के लिए भारत-जापान सरकार से संपर्क करूंगी

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने कहा कि जब देश अपनी आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है तो ऐसे में बोस के जीवन से जुड़े रहस्यों को सुलझाना और अस्थियों को भारत लाना स्वतंत्रता सेनानी को असल श्रद्धांजलि होगी.

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का आरोप- सदन में भाषण पूरा करने के लिए नहीं दिया गया तय समय

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा में दिए भाषण में कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई अस्सी और बीस प्रतिशत की लड़ाई हमारे गणतंत्र को सौ फीसदी बर्बाद कर रही है.

इंडिया गेट पर बारी-बारी से राष्ट्र नायकों की होलोग्राम प्रतिमा लगाए जाने की मांग

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे गए पत्र में शिक्षाविदों, पत्रकारों, वकीलों और कार्यकर्ताओं आदि ने इंडिया गेट पर सुभाष चंद्र बोस की होलोग्राम प्रतिमा लगाए जाने के फैसले के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ऐसा नहीं है कि उनकी प्रतिमा दिल्ली में पहले से मौजूद नहीं है, लेकिन फिर भी मीडिया के एक वर्ग ने ग़लत तरीके से यह दर्शाने की कोशिश की कि ऐसा पहली बार होगा कि नेताजी को राजधानी में इस तरह

नहीं चाहती कि नेताजी की स्मृति का इस्तेमाल सांप्रदायिक प्रतिद्वंद्विता के लिए हो: बोस की बेटी

स्वतंत्रता सेनानी सुभाषचंद्र बोस की बेटी अनीता बोस फाफ ने कहा कि यह देखकर खुशी हुई कि स्वतंत्रता सेनानियों के मूल्य अभी भी लोगों को प्रेरणा दे रहे हैं लेकिन उन्होंने पिता की स्मृति और विरासत को सांप्रदायिक प्रतिद्वंद्विता के लिए इस्तेमाल किए जाने की संभावना पर चिंता भी जताई.

मोदी को प्रधान सेवक के साथ भारत का प्रधान इतिहासकार भी घोषित कर देना चाहिए

प्रधानमंत्री इसीलिए आज के ज्वलंत सवालों के जवाब देना भूल जा रहे हैं क्योंकि वे इन दिनों नायकों के नाम, जन्मदिन और उनके दो-चार काम याद करने में लगे हैं. मेरी राय में उन्हें एक मनोहर पोथी लिखनी चाहिए, जो बस अड्डे से लेकर हवाई अड्डे पर बिके. इस किताब का नाम मोदी-मनोहर पोथी हो.

क्या नेताजी के ज़िंदा होने की ख़बर नेहरू को घेरने के लिए फैलाई गई थी?

लोगों को यक़ीन दिलाया गया कि नेताजी इसलिए भूमिगत रहे क्योंकि नेहरू ने ब्रिटिश सरकार से गुपचुप समझौता किया था कि अगर नेताजी कभी जीवित मिलते हैं तो उन्हें एक युद्ध अपराधी के रूप में तत्काल ब्रिटेन को सौंप दिया जाएगा.

क्यों कुछ लोग मानते हैं कि अयोध्या में रहने वाले गुमनामी बाबा ही सुभाष चंद्र बोस थे

असाधारण जीवन की तरह असाधारण मृत्यु ने नेताजी के इर्द-गिर्द रहस्यों का जाल-सा बुन दिया है. दुखद यह है कि जांच आयोगों के भंवरजाल में नेताजी किसी जासूसी कथा के नायक बन गए हैं.