संसद की सुरक्षा पर बनी समिति 5 साल से भंग, विपक्षी सांसदों ने बार-बार चिंता जताने की बात कही

संसद की सुरक्षा में हुई चूक के मद्देनज़र विपक्षी सांसदों ने कहा है कि उनके अनुरोध के बावजूद 17वीं लोकसभा के दौरान संसद परिसर में सुरक्षा पर संयुक्त संसदीय समिति का पुनर्गठन नहीं किया गया था. साथ ही, उन्होंने कहा है कि संसद की सुरक्षा में निजी सुरक्षा गार्डों की बढ़ती उपस्थिति के ख़िलाफ़ भी वह शिकायत करते रहे हैं.

सांसदों की दी गई संविधान प्रति की प्रस्तावना में सोशलिस्ट और सेकुलर शब्द नहीं: कांग्रेस नेता

नए संसद भवन में पहली बैठक के अवसर पर सभी सांसदों को भारतीय संविधान की प्रति वितरित की गई थीं. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि संविधान की उक्त प्रति की प्रस्तावना में 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द नहीं हैं.

सेंगोल का धन्यवाद करने के लिए तमिलनाडु से एनडीए के 25 से ज़्यादा सांसद चुनकर भेजें: गृह मंत्री

मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भाजपा द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत वेल्लोर में आयोजित एक जनसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए संसद में 'सेंगोल' के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करने के लिए राज्य की जनता वहां से आगामी लोकसभा चुनाव में पच्चीस एनडीए सांसद चुने.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- सेंगोल पर भाजपा की झूठ की फैक्टरी का पर्दाफ़ाश हो गया

 कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने द हिंदू अख़बार में प्रकाशित शैव मठ ​‘तिरुववदुथुरई अधीनम​’ के प्रधान पुजारी के एक इंटरव्यू का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस बात का कोई स्पष्ट दस्तावेज़ी सबूत नहीं है कि प्रधानमंत्री नेहरू को सौंपे जाने से पहले सेंगोल भारत के अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को दिया गया था.

तमिलनाडु मठ के प्रमुख ने कहा- यह स्पष्ट नहीं है कि सेंगोल को माउंटबेटन को दिया गया था

नए संसद भवन में स्थापित सेंगोल पहले लॉर्ड माउंटबेटन को दिए जाने के दावे पर संशय जताते हुए ​‘तिरुववदुथुरई अधीनम​’ के प्रमुख ने कहा, ‘उन्हें सेंगोल देने का क्या अर्थ था? आख़िर वे सभी शक्तियां सौंपते हुए भारत छोड़कर जा रहे थे.’

नई संसद में लगे ‘अखंड भारत’ के भित्ति चित्र पर अब बांग्लादेश ने स्पष्टीकरण मांगा

नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर को ट्वीट कर कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसके विरोध में नेपाल में प्रदर्शन हुए थे. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई थी.

नेहरू ने सेंगोल को संग्रहालय में रखवाकर उसका तिरस्कार नहीं किया था

जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी के समय तमिलनाडु के अधीनम (शैव मठ) के पुराहितों के द्वारा सेंगोल को तो ले लिया, लेकिन उसके पीछे के विचार से असहमति के कारण उसको संग्रहालय में रखवा दिया, ताकि भविष्य में अध्येता यह समझ सकें कि भारतीय जनतंत्र का जन्म अनेक परस्पर विरोधी विचारों के बीच हुआ है.

नई संसद के भित्तिचित्र पर नेपाल में विवाद, ‘अखंड भारत’ का नक्शा होने से विदेश मंत्रालय का इनकार

नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इसके एक भित्तिचित्र की एक तस्वीर ट्वीट कर इसे कथित रूप से ‘अखंड भारत’ बताया था. इसका विरोध करते हुए नेपाल में प्रदर्शन किए गए हैं. पाकिस्तान ने भी इस पर आपत्ति जताई है.

आज़ादी के समय सेंगोल को ‘सत्ता हस्तांतरण’ का प्रतीक बताना एक ‘झूठ’ है: वरिष्ठ पत्रकार एन. राम

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने दावा किया है कि ‘सेंगोल’ नामक स्वर्ण राजदंड 15 अगस्त, 1947 को सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को सौंपा था. इस राजदंड को नई संसद में स्थापित किया गया है.

अंतरराष्ट्रीय कुश्ती निकाय ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ हुए व्यवहार की आलोचना की

यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के प्रति समर्थन जताते हुए एक बयान जारी किया है. निकाय ने कहा कि यह अब तक की जांच के परिणाम न आने पर निराशा व्यक्त करता है और संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है.

बृजभूषण को गिरफ़्तारी से बचाने का कोई अदालती आदेश नहीं है, फिर वो बाहर कैसे हैं?

पॉक्सो मामले में आरोपी होने के बावजूद बृजभूषण शरण सिंह के गिरफ़्तार न होने से सवाल उठता है कि क्या क़ानून सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू हो रहे हैं?

‘सेंगोल’ को न कभी वॉकिंग स्टिक बताया गया, न ही इसे आनंद भवन में रखा गया था

फैक्ट-चेक: मीडिया में प्रसारित की जा रही ख़बरों में कहा गया कि 'सेंगोल' के परिचय विवरण में इसे 'नेहरू की टहलने वाली छड़ी' कहा गया था. हालांकि, एक सामान्य पड़ताल में सामने आ जाता है कि यह दावा फ़र्ज़ी है.

‘इस चमकदार तंत्र में भारत की बेटियों की जगह कहां हैं’

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रदर्शन कर रहे पदक विजेता पहलवानों का कहना है कि वे अपने मेडल गंगा में बहा देंगे क्योंकि 'यह तेज़ सफ़ेदी वाला तंत्र इन्हें मुखौटा बनाकर सिर्फ़ अपना प्रचार करता है, और फिर हमारा शोषण करता है. उस शोषण के ख़िलाफ़ बोलें, तो जेल में डालने की तैयारी कर लेता है.'

प्रदर्शनकारी पहलवानों ने कहा- पदकों को गंगा में बहा देंगे, इंडिया गेट पर आमरण अनशन करेंगे

दिल्ली पुलिस ने रविवार को जंतर-मंतर पर भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के धरनास्थल को खाली करा दिया और कहा कि वे उन्हें वहां नहीं लौटने देंगे. अब पहलवानों ने कहा है कि वे देश के लिए जीते गए सभी पदक गंगा में बहा देंगे.

जंतर-मंतर ख़ाली करवाए जाने के बाद कहां जाएंगे प्रदर्शनकारी पहलवान?

वीडियो: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को 28 मई को नए संसद भवन के सामने प्रदर्शन करने जाते समय हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर धरनास्थल सेउनका सभी सामान हटा दिया.