याचिकाकर्ता महिला ने जीपीएससी के उस फ़ैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें बिक्री कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी गई थी, जो उनकी तीसरी वरीयता थी, जबकि सामान्य वर्ग में 110वीं रैंक लाने वाली महिला की पुलिस उपाधीक्षक के पद पर नियुक्ति की अनुशंसा की गई थी, जो याचिकाकर्ता की पहली वरीयता थी.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधानसभा में बताया कि प्रदेश में जनवरी 2017 से जून 2021 के दौरान महिलाओं की हत्या के 2,663 मामले दर्ज किए गए हैं. इस अवधि में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या के 37 मामले दर्ज किए गए.
एनआईए ने ‘ड्राफ्ट’ आरोपों में आरोपियों के ख़िलाफ़ 17 आरोप तय किए गए हैं और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का अनुरोध किया गया है. बचाव पक्ष के वकीलों ने सोमवार को अदालत से अनुरोध किया कि उनके ख़िलाफ़ आरोप तय करने से पहले आरोपियों द्वारा दाख़िल कई अर्ज़ियों पर सुनवाई की जाए और उनका निपटारा किया जाए.
पिछले महीने कुछ अज्ञात लोगों द्वारा एक ऐप बनाए जाने का मामला सामने आया था, जहां मुस्लिम महिलाओं को ‘ऑनलाइन नीलामी’ के लिए रखा गया था. इस संबंध में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की नोएडा पुलिस ने अलग-अलग एफ़आईआर दर्ज की थी.
नैनीताल के मल्लीताल से क़रीब आठ सौ मीटर दूर स्थित सूखाताल नैनी झील के कैचमेंट के तेरह रिचार्ज ज़ोन में सबसे महत्वपूर्ण है. कुमाऊं मंडल विकास निगम व नैनीताल ज़िला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा यहां पर्यटन के उद्देश्य से करवाए रहे निर्माण कार्य से नैनी झील के लिए संकट उत्पन्न होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं.
सीबीआई ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर कथित रूप से मानहानिकारक सामग्री डालने के मामले में 16 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था. इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद नंदीगाम सुरेश और एक अन्य नेता की भूमिका जांच के दायरे में है.
गुर्दे में संक्रमण से जूझ रहे अनुपम श्याम को पिछले सप्ताह मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां सोमवार को उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया. धारावाहिक ‘मन की आवाज़: प्रतिज्ञा’ के किरदार सज्जन सिंह के नाम से मशहूर श्याम फिल्म ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ और ‘बैंडिट क्वीन’ का भी हिस्सा रहे हैं.
ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाली देश की पहली महिला खिलाड़ी पूर्व भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी ने कहा कि खिलाड़ी अपने बलबूते, संघर्ष कर के पहचान बनाते हैं तब जाकर उन्हें किसी से मदद मिलती है, जबकि होना यह चाहिए कि ज़मीनी स्तर पर ही ध्यान देकर प्रतिभा की पहचान की जाए. ज़मीनी स्तर पर सही व्यवस्था नहीं होने के कारण ज़्यादातर प्रतिभाएं सामने नहीं आ पाती हैं.
सातताल झीलों से घिरा एक छोटा-सा पर्यटन स्थल है, जहां कुमाऊं मंडल विकास निगम और नैनीताल ज़िला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा प्रस्तावित सौंदर्यीकरण के चलते कई निर्माण कार्य होने हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसा करना यहां के प्राकृतिक स्वरूप और जैव विविधता के लिए नुकसानदायक हो सकता है.
जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में भाजपा के पूर्व सहयोगी और सरकार में मंत्री रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जहां की जनता कोरोना काल में ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, दवा और बिस्तर के लिए तरस रही थी और वहां के मुख्यमंत्री पश्चिम बंगाल में वोट मांग रहे थे.
अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन का टीका भारत में कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली पांचवीं वैक्सीन है. कंपनी ने अपने टीके के आपात इस्तेमाल अधिकार के लिए छह अगस्त को आवेदन दिया था और भारत के औषधि महानियंत्रक ने उसी दिन उसे मंज़ूरी दे दी.
पाकिस्तान में लाहौर से क़रीब 590 किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के रहीम यार ख़ान ज़िले के भोंग क़स्बे में बीते चार अगस्त को एक गणेश मंदिर पर भीड़ ने हमला किया था. भीड़ ने एक स्थानीय मदरसे में कथित तौर पर पेशाब करने के लिए गिरफ़्तार किए गए आठ वर्षीय हिंदू लड़के को अदालत द्वारा रिहा करने के विरोध में मंदिर पर यह हमला किया था.
वीडियो: हमारे खेत, किसान, बीज उद्योग और खाना पकाने का तेल खतरे में हैं. कृषि की बात की इस कड़ी में इंद्र शेखर सिंह खेत और खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की जानकारी दे रहे हैं.
वीडियो: व्यंग्य के रूप में हिंदी साहित्य में हम हरिशंकर परसाई, शरद जोशी, श्रीलाल शुक्ल जैसे नामों को हम देखते आए हैं. वर्तमान में इन नामों की परंपरा को आगे सहेजने वालों में ज्ञान चतुर्वेदी जी का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है. 70 के दशक में धर्मयुग पत्रिका से अपनी व्यंग्य यात्रा शुरू करने वाले ज्ञान चतुर्वेदी ने अपनी रचनाओं के ज़रिये इस विश्वास को आधार भी दिया है. हाल ही में उनकी किताब नेपथ्य लीला आई है.