वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के लिए विनिवेश अभियान के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ ने सरकार से बैंकिंग क़ानून (संशोधन) विधेयक, 2021 को वापस लेने की अपील की, जो संसद के शीतकालीन सत्र में पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध है.
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि ईंधन की कीमतें अधिक नहीं हैं, इसमें टैक्स शामिल है. फ्री वैक्सीन तो आपने ली होगी, पैसा कहां से आएगा? आपने पैसे का भुगतान नहीं किया है, इसे इस तरह से एकत्र किया गया है.
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में क़रीब दो लाख करोड़ रुपये के फंसे क़र्ज़ के समाधान को लेकर ‘बैड बैंक’ के गठन की घोषणा की थी. ऐसा करने पर बैड लोन को बैंक की बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है और इसी समय बैड बैंक फंसे हुए क़र्ज़ को अपने पास ले लेता है.
सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने और फ़िर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्हें पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. पार्टी ने ये भी कहा कि भाजपा को रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार पर राजनीतिक फायदा उठाने से बाज़ आना चाहिए.
छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बीते बुधवार को पीपीएफ और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी. माना जा रहा है कि कुछ राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में भाजपा को किसी नुकसान से बचाने के लिए ब्याज दरों में कटौती का निर्णय वापस लिया गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाकर 74 फ़ीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी ज़रूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी. विपक्ष के कुछ सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि कोई हमारे पैसे को बाहर लेकर नहीं जाएगा, पैसा हमारे यहां ही रहेगा और तो और मुनाफ़े का एक हिस्सा भी यहीं रहेगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी महीने की शुरुआत में बजट पेश करते हुए सरकार की विनिवेश योजना के तहत दो सरकारी बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा था. इसके ख़िलाफ़ नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया था.
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की सरकार की घोषणा के ख़िलाफ़ दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस की ओर से किया गया है. निजी क्षेत्र के बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस महीने की शुरुआत में अपने बजट भाषण के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ का कहना है कि बैंक संगठन अगले 15 दिनों के दौरान देशभर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.
वीडियो: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2021-22 के बजट की घोषणा कर दी है. आम बजट पर दिल्ली के नागरिकों से द वायर के मुकुल सिंह चौहान और आकांक्षा चौधरी की बातचीत.
वीडियो: 2021-22 के आम बजट में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, केरल जैसे देश के उन राज्यों के लिए राजमार्ग, एक्सप्रेसवे, कॉरिडोर से लेकर टेक्सटाइल पार्क जैसी विशेष घोषणाएं की गई हैं, जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
2021-22 के आम बजट में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम, केरल जैसे देश के उन राज्यों के लिए राजमार्ग, एक्सप्रेस वे, कॉरिडोर से लेकर टेक्सटाइल पार्क जैसी विशेष घोषणाएं की गई हैं जहां इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
केंद्र और कुछ राज्यों के बीच विवाद का विषय बने जीएसटी क्षतिपूर्ति के मुद्दे को सुलझाने की दिशा में यह अहम क़दम माना जा रहा है. कोविड-19 संकट के चलते अर्थव्यवस्था में नरमी से जीएसटी संग्रह कम रहा है. इससे राज्यों का बजट गड़बड़ाया है. इस कमी को पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय ने राज्यों के समक्ष क़र्ज़ लेने के दो विकल्प रखे थे, जिसे कुछ राज्यों ने स्वीकार नहीं किया था.
भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए फंड का का इंतज़ाम करना एक राष्ट्रीय समस्या है. ऐसे समय में, ख़ासकर जब देश की अर्थव्यवस्था बाकी कई देशों के मुक़ाबले अधिक ख़राब है, तब केंद्र और राज्यों का क़र्ज़ लेने को लेकर उलझना अनुचित है.
कैग रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 और 2018-19 के दौरान वसूले गए कुल जीएसटी उपकर में से 47,272 करोड़ रुपये को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर निधि में नहीं डाला गया. इस राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए किया जाना चाहिए था.