मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह की पीड़ित के साथ चलती कार में सामूहिक बलात्कार

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह से बचाई गई पीड़िता बेतिया शहर में अपने एक रिश्तेदार के यहां रह रही थी. पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया.

बिहार: क्या नीतीश कुमार के राज में ‘जंगलराज’ की वापसी हो गई है?

पिछले कुछ समय में बिहार में महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार और हत्या की नृशंस घटनाएं सामने आई हैं. इसके अलावा राज्य में लूट और अपहरण की वारदातें भी थमने का नाम नहीं ले रही हैं.

झारखंड और बिहार के अभ्रक खदान क्षेत्र में पांच हजार बच्चे शिक्षा से दूर, अनेक बाल मजदूर

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा झारखंड और बिहार के अभ्रक खदान वाले इलाकों में बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर किए गए सर्वेक्षण में ये खुलासा हुआ है.

बिहार में बाढ़ से करीब 32 लोगों की मौत, 18 लाख लोग प्रभावित

बिहार की पांच नदियां ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और 10 ज़िलों में स्थिति गंभीर है. सबसे ज़्यादा सीतामढ़ी ज़िला प्रभावित हुआ है. यहां करीब 11 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. पड़ोसी देश नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन में 60 लोगों की मौत.

बिहार: थाने में फंदे से लटकता मिला जदयू के दलित नेता का शव, तीन पुलिसकर्मी गिरफ़्तार

कथित तौर पर एक लड़की के अपहरण मामले में पूछताछ के लिए जदयू के महादलित सेल के प्रखंड प्रमुख गणेश रविदास को पुलिसवाले थाने ले गए थे. जदयू नेता की मौत के बाद उनके गांववालों ने किया हिंसक प्रदर्शन.

चमकी बुखार: अगर नीतीश सरकार ने समय रहते तैयारी की होती, तो बच्चों की जानें बच सकती थीं

ग्राउंड रिपोर्ट: मुज़फ़्फ़रपुर और आस-पास के जिलों में चमकी बुखार का प्रकोप अप्रैल से शुरू होता है और जून के महीने तक मानसून आने तक बना रहता है. इस लिहाज़ से लोगों को जागरूक करने के लिए और अन्य आवश्यक तैयारियां जनवरी माह से शुरू हो जानी चाहिए थीं लेकिन गांवों में जाने पर जागरूकता अभियान के कोई चिह्न दिखाई नहीं देते.

साल दर साल काल के गाल में समाते बच्चे और गाल बजाते नेता

सोमवार को मुज़फ़्फ़रपुर दौरे पर पहुंचे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कई योजनाओं की घोषणा की, तो उन्हें 2014 में की गई घोषणाओं के बारे में ध्यान दिलाया गया, जिस पर वह असहज हो गए. दरअसल वे पांच साल पूर्व की गई अपनी ही घोषणाएं फिर से दोहरा रहे थे जो अब तक या तो अमल में ही नहीं आ सकी हैं या आधी-अधूरी हैं.

क्या नीतीश कुमार फिर एनडीए से अलग होने की तैयारी कर रहे हैं?

उचित प्रतिनिधित्व न मिलने के कारण नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने से जदयू के इनकार और बिहार राज्य कैबिनेट विस्तार में किसी भाजपा नेता को जगह न देने के सियासी घटनाक्रम को दोनों पार्टियों के बीच बढ़ती खटास के तौर पर देखा जा रहा है.

‘सांकेतिक प्रतिनिधित्व’ मिलने से नाराज़ जदयू मोदी मंत्रिमंडल में नहीं हुई शामिल

जदयू के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में सांकेतिक रूप से शामिल होने के न्योते को लेकर उनकी पार्टी ने सहमति नहीं दी. उन्होंने कहा कि कोई नाराज़गी नहीं है. हम सब राजग के साथ हैं और रहेंगे.

पटना साहिब सीट: भाजपा के रविशंकर प्रसाद 2.72 लाख वोटों से आगे, शत्रुघ्न सिन्हा पिछड़े

लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: बिहार की राजधानी की पटना साहिब सीट पर कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा और भाजपा के रविशंकर प्रसाद के बीच सीधा मुक़ाबला है. लंबे समय तक भाजपा में रहे सिन्हा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल में हुए थे.

गोडसे वाले बयान के लिए भाजपा प्रज्ञा ठाकुर को निष्कासित करने पर विचार करे: नीतीश कुमार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘यह बेहद निंदनीय है. हम ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेंगे. बापू राष्ट्रपिता हैं और लोग पसंद नहीं करेंगे अगर कोई इस तरह से गोडसे के बारे में बात करता है.’

प्राचीन भारत में शिक्षा का केंद्र रहे नालंदा का राजनीतिक समीकरण

सड़क से संसद: बिहार का नालंदा लोकसभा सीट शिक्षा का प्राचीन केंद्र रहा है. यहीं से जॉर्ज फर्नांडिस और राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे नेताओं ने अपना राजनीतिक करिअर शुरू किया. यहां आख़िरी चरण में 19 मई को लोकसभा के लिए वोट डाले जाएंगे.

पांच साल में बिहार की नीतीश सरकार ने विज्ञापन पर ख़र्च किए तक़रीबन पांच अरब रुपये

विशेष रिपोर्ट: सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार बिहार में राबड़ी देवी सरकार ने साल 2000 से 2005 के दौरान 23 करोड़ 48 लाख रुपये विज्ञापन पर ख़र्च किए थे. वहीं ​नीतीश कुमार सरकार ने पिछले पांच साल में विज्ञापन पर 4.98 अरब रुपये ख़र्च किए हैं.

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