यूएई पर आरोप है कि उसने पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये ब्रिटेन के कई नंबरों को निगरानी के लिए निशाना बनाया था. यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शेख़ मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम को एनएसओ समूह का क्लाइंट माना जाता है. शेख़ की बेटी राजकुमारी लतीफ़ा और उनकी पूर्व पत्नी राजकुमारी हया, जो 2019 में देश छोड़कर ब्रिटेन आ गए थे, दोनों के नंबर पेगासस निगरानी सूची में दिखाई देते हैं.
द वायर सहित एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंसोर्टियम ने पेगासस प्रोजेक्ट के तहत यह खुलासा किया था कि इज़रायल की एनएसओ ग्रुप कंपनी के पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये कई देशों के नेता, पत्रकार, कार्यकर्ताओं आदि के फोन कथित तौर पर हैक कर उनकी निगरानी की गई या फिर वे सर्विलांस के संभावित निशाने पर थे.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत मिले दस्तावेज़ दिखाते हैं कि 2019 में जिन भारतीय नंबरों को वॉट्सऐप ने हैकिंग को लेकर चेताया था, वे उसी अवधि में में चुने गए थे जब वॉट्सऐप के मुताबिक़ पेगासस स्पायवेयर ने इस मैसेजिंग ऐप की कमज़ोरियों का फायदा उठाते हुए उसके यूज़र्स को निशाना बनाया था.
फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि फ्रांसीसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा की गई एक जांच में पांच कैबिनेट मंत्रियों के फोन में ख़तरनाक पेगासस स्पायवेयर के होने का पता चला है. जुलाई महीने में पेगासस प्रोजेक्ट के तहत सामने आए संभावित सर्विलांस का निशाना बने फोन नंबरों के डेटाबेस में भी इन मंत्रियों के नंबर मिले थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर अगले हफ्ते अंतरिम आदेश पारित करेगा. मौखिक तौर पर तकनीकी समिति गठित करने के बारे में कोर्ट ने कहा कि वह इसी हफ्ते आदेश देना चाहता था लेकिन जिन लोगों को इसमें लेना था, उनमें से कुछ ने निजी वजहों का हवाला देते हुए इसका हिस्सा बनने से मना कर दिया.
पेगासस जासूसी विवाद को लेकर केंद्र के साथ टकराव के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते महीने नेताओं, अधिकारियों और पत्रकारों की जासूसी के आरोपों की जांच करने के लिए दो सदस्यीय जांच आयोग की घोषणा की थी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि पश्चिम बंगाल ऐसा क़दम उठाने वाला पहला राज्य है.
याचिकाकर्ता ग्लोबल विलेज फाउंडेशन पब्लिक ट्रस्ट की ओर से पेश हुए वकील ने पीठ से कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जांच आयोग के गठन के लिए जारी अधिसूचना को उसके अधिकारक्षेत्र के आधार पर चुनौती दी है.
फ्रांस की सरकार ने न सिर्फ ‘अपुष्ट मीडिया रपटों’ को गंभीरता से लिया, बल्कि जवाबदेही तय करने और अपने नागरिकों, जो ग़ैर क़ानूनी जासूसी का शिकार हुए या हो सकते थे, के हितों की रक्षा के लिए स्वतंत्र तरीके से कार्रवाई की. इसके उलट भारत ने निगरानी या संभावित सर्विलांस के शिकार व्यक्तियों को ही नकार दिया.
सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दाख़िल कर नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थों द्वारा दिए गए किसी भी ग़लत विमर्श को दूर करने और उठाए गए मुद्दों की जांच करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया जाएगा. हालांकि, सरकार ने यह नहीं बताया कि वह ऐसा कब करेगी, समिति में कौन होगा या समिति जांच में कितना समय लेगी.
आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य ने अपनी ताज़ा याचिका में भारत में पेगासस के उपयोग का दायरा और इसके लिए ज़िम्मेदार संस्थाओं का पता लगाने के लिए निष्पक्ष जांच की मांग की है. उन्होंने जासूसी के कथित आरोपों पर फेसबुक, वॉट्सऐप और एनएसओ समूह के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराने और एनआईए जांच की भी मांग की हैं.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों के एक पैनल ने कहा कि यह रोक तब तक लगाई जानी चाहिए जब तक कि विभिन्न सरकारें ऐसे स्पायवेयर के इस्तेमाल को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के पालन की मज़बूत व्यवस्था न बना लें. विशेषज्ञों ने कहा कि वे चिंता में हैं कि मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और राजनीतिक विरोधियों पर नज़र रखने, उन्हें डराने एवं चुप कराने के लिए निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने संसद में कहा था कि उसने इज़राइल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर को ख़रीदने को लेकर कोई लेन-देन नहीं किया है. एनएसओ समूह पर भारत सहित कई देशों में पत्रकार, कार्यकर्ता और नेताओं के फोन पर नज़र रखने के लिए पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल करने के आरोप लगे हैं.
वीडियो: दिल्ली की अदालत ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर मुस्लिम विरोधी नारेबाजी के आरोप में गिरफ़्तार किए गए भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय को जमानत दे दी है. वहीं, पेगासस जासूसी विवाद के बीच सरकार ने बीते सोमवार को कहा कि उसने एनएसओ समूह के साथ कोई लेन-देन नहीं किया है. इन मुद्दों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इज़रायल के एनएसओ समूह ने सैन्य स्तरीय जासूसी स्पायवेयर पेगासस को विकसित किया है, जिस पर भारत सहित कई देशों में तमाम नेताओं, पत्रकार और कार्यकर्ताओं आदि के फोन पर नज़र रखने के आरोप लग रहे हैं. रक्षा मंत्रालय के एसएसओ समूह से लेन-देन के संबंध में इनकार पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि रक्षा मंत्रालय सही है, तो एक मंत्रालय/विभाग को इससे अलग कर देते हैं, लेकिन शेष सभी मंत्रालयों/विभागों की ओर से केवल प्रधानमंत्री ही जवाब
इज़रायल स्थित एनएसओ ग्रुप के स्पायवेयर पेगासस से कथित तौर पर जासूसी कराए जाने के मामले की स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं के सोशल मीडिया और वेबसाइटों पर समानांतर वाद-विवाद करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी ज़ाहिर की है. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत वाद-विवाद की विरोधी नहीं है, लेकिन जब मामला अदालत में लंबित है तो इस पर चर्चा यहीं होनी चाहिए.