मणिपुर: ‘लाभ के पद’ मामले में चुनाव आयोग ने 12 भाजपा विधायकों के पक्ष में विचार रखा

कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि 2017 में जिन 12 विधायकों ने पाला बदला था, उन्हें मणिपुर में संसदीय सचिव बनाया गया, लेकिन बाद में उन्हें हटा दिया गया, क्योंकि वे ‘लाभ के पद’ पर थे. 2017 में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला था, लेकिन मार्च 2017 में ‘ख़रीद फ़रोख़्त और गंदी गतिविधियों’ द्वारा 28 विधायकों वाले स्पष्ट बहुमत को एक कृत्रिम अल्पमत में तब्दील कर दिया गया और भाजपा ने अपनी सरकार बना ली.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: त्रिपुरा में भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी, सीएम प्रत्याशी का ऐलान नहीं

इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय, मिज़ोरम, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.

चुनाव आयोग भी अब मोहल्ले की राजनीति में इस्तेमाल होने लगा है

केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?