एक हताश मां का संघर्ष, जिसके बेटे की हत्या का आरोप मणिपुर सीएम के बेटे पर है
साक्षात्कार: छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.
साक्षात्कार: छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.
जब तक इरोम अनशन कर रही थीं, वे मणिपुरी जनता के लिए ‘आइकॉन’ थीं, संघर्ष का प्रतीक थीं, मणिपुर क्या, देश भर के लोग उन्हें ‘हीरो’ मानते थे, पर नायक तो वोट नहीं मांगते! ये कुछ उस तरह था कि भगवान ज़मीन पर आ जाएं, शादी करके आम ज़िंदगी बिताना चाहें या अपने लिए चुनाव में वोट मांगें. उनके ऐसा करते ही उनके भक्त घबरा जाते हैं.
मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार ने सोमवार को 32 विधायकों के समर्थन से विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया.
आफ्स्पा के ख़िलाफ़ जब इरोम की लड़ाई शुरू हुई तब मणिपुर के हालात अलग तरह के थे. 16 साल पहले का मणिपुर अब काफी बदल चुका है.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा नोटा को मिले वोट.