‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लोकतंत्र और संविधान के ख़िलाफ़; उच्चाधिकार समिति भंग की जाए: कांग्रेस

केंद्र सरकार ने पिछले साल ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का अध्ययन करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति का गठन किया था. कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ​सरकार, संसद और चुनाव आयोग को इसके बजाय लोगों के जनादेश का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.​

‘एक देश एक चुनाव’ पर विधि आयोग ने कोविंद समिति से कहा- एक साथ चुनाव 2029 तक ही संभव

विधि आयोग ने देश में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं पर विचार कर रही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति से कहा है कि ऐसा 2029 के लोकसभा चुनावों तक ही संभव हो सकेगा क्योंकि राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को बढ़ा या घटाकर सभी चुनावों को एक साथ कराने का फॉर्मूला तैयार करना है.

एक साथ चुनाव करवाने के लिए पर्याप्त ईवीएम जुटाने में चुनाव आयोग को सालभर लगेगा: रिपोर्ट

सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) बनाने के लिए ज़रूरी सेमीकंडक्टर और चिप्स की कमी है, जिसका अर्थ है कि एक साथ मतदान के लिए निर्वाचन आयोग को तैयार होने में तक़रीबन एक साल तक का समय लगेगा.

‘एक देश एक चुनाव’ पर दिए जा रहे तर्क सरकार की मंशा पर ही सवाल खड़े करते हैं

वीडियो: लोकसभा और विधानसभा एक साथ चुनाव करवाने की संभावनाओं को लेकर सरकार ने एक समिति बनाई है, जिसकी अध्यक्षता भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं. हालांकि, इसे लेकर जिस तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. वे व्यवहारिकता की कसौटी पर सही नहीं उतरते.

‘एक देश, एक चुनाव’ लोकतंत्र के हित में नहीं है: एसवाई क़ुरैशी

वीडियो: मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना के आकलन को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया है, जिसे विपक्ष ने संघवाद पर हमला बताया है. इस बारे में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई क़ुरैशी से वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान की बातचीत.

‘एक देश, एक चुनाव’ के पीछे सरकार की मंशा क्या है?

वीडियो: 18 से 22 सितंबर के ​बीच संसद के एक विशेष सत्र का आयोजन होने वाला है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि ये विशेष सत्र ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर बुलाया गया है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक एजेंडे में से एक है. इस विषय पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में भाजपा को कड़ी मशक्कत से मिली जीत से क्या सबक मिलता है?

तमाम संसाधनों, समर्थक मीडिया और एकपक्षीय माहौल के बावजूद अगर महाराष्ट्र और हरियाणा चुनावों में इस तरह के नतीजे आए हैं तो इससे एक बार फिर यह बात साबित हुई है कि चुनाव केवल मैनेजमेंट और पैसे के बल पर नहीं जीता जा सकता है.

हम भी भारत: एक देश एक चुनाव; क्या संघीय ढांचे पर हमला है?

वीडियो: हम भी भारत की इस कड़ी में एक देश एक चुनाव के मुद्दे पर चुनाव आयोग के पूर्व क़ानूनी सलाहकार एसके मेंदिरत्ता, स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव और द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

एक राष्ट्र-एक कर की तरह एक राष्ट्र-एक चुनाव भी ‘चुनावी जुमला’: पी. चिदंबरम

चिदंबरम ने कहा कि कल यदि कोई सरकार गिर जाती है तो फिर क्या होगा? क्या आप उसे बाकी चार साल के लिए राष्ट्रपति शासन में रखेंगे?